टिहरी के विस्थापितों पर दो माह में होगा फैसला, कोर्ट से बाहर हल करने पर सहमति

केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री व महाराज के साथ गए प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को दिल्ली में किया मंथन

बैठक में हुआ तय प्रभावित 415 परिवारों को 2 माह में मिलेगा उनका अधिकार

टीएचडीसी का मुख्यालय ऋषिकेश में ही रहेगा

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून/ नई दिल्ली। टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415  विस्थापित परिवारों के पुनर्वास का समाधान न्यायालय की परिधि के बाहर किया जाएगा।

शुक्रवार को राजकुमार सिंह, ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)भारत सरकार के साथ सिंचाई मंत्री  सतपाल महाराज की बैठक में तय किया गया कि टिहरी बांध के 415 पात्र विस्थापित परिवारों को जमीन या धनराशि दिए जाने सम्बन्धी व अन्य मुद्दों।पर 2 माह के अंदर  निर्णय लिया जाएगा।

Tehri bandh problem

उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज के नेतृत्व में  गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, टिहरी विधायक धन सिंह नेगी, घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह, प्रताप नगर विधायक विजय सिंह पंवार व सचिव नितेश झा ने ऊर्जा राज्य मंत्री राजकुमार सिंह के साथ श्रम शक्ति भवन में मंथन किया।

विस्थापितों की भूमि की वैल्यूएशन के लिए ऊर्जा सचिव भारत सरकार और सिंचाई सचिव उत्तराखंड सरकार को निर्देशित किया गया है।टीएचडीसी मुख्यालय के स्थानांतरण को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट किया कि टीएचडीसी का मुख्यालय ऋषिकेश में ही रहेगा। इसके साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि टीएचडीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों के समय-समय पर ट्रांसफर और प्रमोशन के लिए एक पॉलिसी बनाई जाएगी।

Tehri bandh problem

टिहरी बांध विस्थापितों के लिए निःशुल्क सीवर और पानी की व्यवस्था के साथ ही आधे दाम पर बिजली देने के लिए जल्दी ही एक कमेटी गठित कर निर्णय लिया जायेगा। इसके साथ ही टिहरी बांध प्रभावित प्रताप नगर क्षेत्र के लिए 7 बोट एवं 2 बसों को चलाए जाने का निर्णय हुआ है। सर्वोच्च न्यायालय में प्रति शपथ पत्र  पुनर्वास विभाग द्वारा टिहरी बांध परियोजना एवं समपार्श्विक क्षति नीति से प्रभावित होने वाले लगभग 415 परिवारों को पुनर्वास हेतु वन भूमि ना मिलने की दशा में प्रभावितों हेतु निजी भूमि क्रय करने का निर्णय लिया गया था। इस भूमि को टीएचडीसी द्वारा उपलब्ध कराया जाना था।

बैठक में तय किया गया कि  टीएचडीसी के पास उपलब्ध 21 हेक्टेयर भूमि को वह पात्र विस्थापितों को वापस करेगा। निर्णय लिया गया कि इस संबंध में न्यायालय में दायर सभी वादों को  टीएचडीसी वापस लेगा। टिहरी बांध विस्थापितों की सभी समस्याओं का समाधान करने के साथ-साथ टिहरी बांध  विस्थापितों जिन्हें पूर्व में ट्रेनिंग एवं फीस में छूट दी जाती थी, उसे भी यथावत रखने का भी निर्णय लिया गया है।

अंदुल के मर घनसाली महाविद्यालय  के भवन निर्माण के लिए  सीएसआर फंड से धनराशि दिए जाने का निर्णय लिए जाने के साथ-साथ  घाटों के लिए भी पैसा दिए जाने  की बात कही गई है।

सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि   विस्थापितों की समस्याओं को ऊर्जा राज्य मंत्री ने गंभीरता से सुना गया  और न्यायालय की परिधि से बाहर उनका समाधान करने की बात भी कही।

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