राजनीति- लेखक गांव से बही सियासत की नयी बयार

त्रिवेंद्र-निशंक के बीच जमी वर्षों पुरानी बर्फ पिघली सियासत के रंग बदलते हैं हर मोड़ पर,आज दुश्मन थे, तो कल होंगे साथ, किसी मोड़ पर अविकल थपलियाल सावन बीत गया। … Continue reading राजनीति- लेखक गांव से बही सियासत की नयी बयार