आंदोलित उपनलकर्मियों की नियुक्ति व उज्ज्वला योजना पर भी भाजपा फ्लॉप
अविकल उत्त्तराखण्ड
हल्द्वानी। उत्त्तराखण्ड विधानसभा के गैरसैंण में होने वाले बजट सत्र में कांग्रेस पार्टी पेट्रोल-डीज़ल, गैस सिलिंडर की कीमतों में वृद्धि व बेरोजगारी के सवाल पर कांग्रेस को घेरेगी। एक मार्च से उत्त्तराखण्ड विधानसभा का बजट सत्र गैरसैंण में शुरू हो रहा है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा ह्रदयेश ने हल्द्वानी में आहूत प्रेस वार्ता में कहा कि बजट सत्र में कांग्रेस पार्टी प्रदेश में बढ़ती महंगाई तथा बेरोजगारी की विकराल समस्याओं पर सरकार को कठघरे में खड़ा करेगी।
इंदिरा ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में
पेट्रोल-डीजल के अलावा प्याज के दाम भी आसमान पर चढ़े हुए है। कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के कारण आम आदमी का जीवनयापन बहुत कठिन हो गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पेट्रोल की कीमत लगभग 90 रू0 एवं डीजल की कीमत लगभग 80 रू0 प्रतिलीटर तक पहुंच गयी है। फरवरी माह में ही पन्द्रह बार पेट्रोल-डीजल की दरों में बढ़ोत्तरी की गयी है।
पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में डीजल एवं पेट्रोल के दाम सर्वाधिक है। सरकार पेट्रोल एवं डीजल की मूल्य वृद्धि रोकने में विफल साबित हुयी है।
पेट्रोलियम पदार्थों की आसमान छूती कीमतों के कारण खाद्य सामग्री एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमते भी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। खाद्य तेल के दाम भी 150 रू0 प्रतिलीटर से अधिक हो चुके है वहीं प्याज के दाम भी 50 रू0 प्रति किलो से अधिक हो गये है। रसोई गैस सिलेण्डर में पूर्व में जारी सब्सिडी को लगभग समाप्त कर दिया गया है। फरवरी 2020 में उपभोक्ताओं को 309.57 रू0 गैस सब्सिडी मिलती थी जो अब 18 रू0 रह गयी है। वर्ष 2021 में 57 दिन के अन्दर रसोई गैस के दाम 150 रू0 प्रति सिलेण्डर बढ़ा दिये गये है, जिस कारण रसोई गैस सिलेण्डर के दाम 814 रू0 प्रति सिलेण्डर से अधिक हो गये है। वर्ष 2014 में रसोई गैस सिलेण्डर की कीमत 414 रू0 थी, जो बढ़कर लगभग दोगुनी हो गयी है। भारत सरकार की उज्जवला योजना के जनपद में 30 हजार लाभार्थियों में से 15 हजार से अधिक लोगों ने महंगाई के कारण सिलेण्डर भरवाना बन्द कर दिया है जोकि इस योजना की विफलता को दर्शाता है। रोडवेज के किराये में लगातार वृद्धि से गरीब एवं मध्यमवर्गीय लोगों का यात्रा करना मुश्किल होता जा रहा है। सरकार की विफल नीतियांे के कारण बढ़ती महंगाई से आम आदमी का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है।
उपनलकर्मियों को सेवा से हटाने का आदेश घोर तानाशाही
प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या दिन पर दिन विकराल रूप लेते जा रही है। लगभग 1 करोड़ की जनसंख्या वाले प्रदेश में 15 लाख से भी अधिक युवा बेरोजगार है तथा रोजगार की तलाश में पलायन करने को मजबूर है।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा वर्ष 2017 में जारी घोषणा पत्र में 6 माह के भीतर रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने की घोषणा की थी, परन्तु 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुयी है। विभिन्न विभागों में रिक्तियां उपलब्ध होने के बाद भी सरकार द्वारा बेरोजगारों को रोजगार देने हेतु कोई प्रयास नहीं किया गया है। उपनल के द्वारा आउटसोर्सिंग के तहत विभिन्न विभागों में कार्यरत लगभग 21 हजार से अधिक युवा अपने भविष्य को सुरक्षित रखने हेतु धरना प्रदर्शन करने को मजबूर है। उन्हें नियमित करने के बजाय आंदोलित कर्मियों को नौकरी से हटाने का फरमान जारी किया गया है। इस आदेश से साबित हो गया कि भाजपा युवा विरोधी है। उन्होंने कहा कि भाजपा से खोखले वादों का हिसाब मांगा जायेगा।
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