हरीश भाई सहन नहीं कर पाता। कोई तो रावत होना चाहिए सहन करने वाला-हरक सिंह
चैंपियन के सात खून माफ। छोटे भाई से प्रेम कम नहीं होगा
इन दिनों बागियों की कांग्रेस में वापसी को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह विशेष सुर्खियों में है। हरीश रावत कुछ बागियों की वापसी को लेकर कड़ा रुख अपनाए हुए हैं। इधर, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह गुट बागियों की घर वापसी को लेकर अपनी कोशिशों में जुटे है। हरीश-हरक के बीच जारी द्वंद्व कुछ ठंडा होता नजर आया। मंत्री हरक बदले अंदाज में बड़े भाई हरीश रावत के चरणों में नतमस्तक होने की बात कहकर कुछ नये संकेत देते नजर आए-देखें वीडियो
अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री का ब्लड प्रेशर अन्य दिनों की अपेक्षा काफी नार्मल नजर आया। शांतचित्त। जुबान में न कोई तल्खी और न ही वाणी में उत्तेजना। और न ही हाथ के लटके-झटके ।माफी मांगने व माफ कर देने की संयमित भाषा। एक तरफ बड़े भाई हरीश रावत और दूसरी तरफ विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन से जुड़े मामले और पत्रकारों के उत्तेजित करने वाले सवाल। लेकिन उत्त्तराखण्ड के सर्द हो रहे मौसम की तरह मंत्री हरक भी कूल कूल बने रहे।
मीडिया इस कोशिश में कि पूर्व की तरह मंत्री हरक बड़े भाई हरीश पर अटैक करें। राजनीति में उथल पुथल करने वाली हेड लाइन बने। लेकिन कांग्रेस में वापसी की घनघोर चर्चा के बीच मंत्री हरक दार्शनिक अंदाज व शांति आवाज अपनी बात रख अलग हेड लाइन दे गए। मंत्री हरक का यह शांत भाव राजनीति के जंगल में आश्चर्य, कौतूहल, जिज्ञासा व कई अबूझ सवाल छोड़ गया।
देखें मंत्री हरक का वीडियो, क्या कहा-
हरीश रावत का जिक्र आते ही बोले, उनको बड़ा भाई मानता हूँ। बड़े भाई के चरणों में नतमस्तक । हरीश भाई कुछ भी बोल दें। उन्होंने चोर व अपराधी बोला। वो कुछ भी बोल दें। बड़े भाई हैं। उनको सारे खून माफ।

सवालों का दौर चला तो मंत्री हरक बोले कि कांग्रेस में वापसी के लिए माफी नहीं मांग रहा हूँ। बड़े भाई हैं। उनकी बात हमारे लिए फूल व आशीर्वाद है। और यह भी बोल गए, हरीश भाई सहन नहीं कर पाता। कोई तो रावत होना चाहिए सहन करने वाला।
विधायक चैंपियन के आरोप के जवाब में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह ने कहा कि वो छोटे भाई हैं। भाई है भाई रहेगा। चैंपियन के साथ खून माफ। आप लोग कितनी ही कोशिश कर लो चैंपियन और उनका प्रेम कम नहीं होगा।

हाल ही में विधायक चैंपियन ने भी मंत्री हरक पर हमला बोला था। और कहा था कि श्रम विभाग के मामलों को लेकर वे सीएम से मिलेंगे। न्याय नही मिलने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
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