कैबिनेट मीटिंग 23 नवंबर सांय 4 बजे
अविकल उत्त्तराखण्ड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य के मध्य आस्तियों एवं दायित्वों के लंबित प्रकरणों के संबंध में बैठक की। इस अवसर दोनों राज्यों के परस्पर हितों को ध्यान में रखते हुए चर्चा हुई।
दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में निर्णय लिया गया कि हरिद्वार स्थित अलकनंदा पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण दिसम्बर 2021 में किया जाएगा और उसी समय पूर्व पर्यटक आवास गृह उत्तराखंड को हस्तांतरित किया जाएगा। किच्छा में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की बस स्टैंड की भूमि को उत्तराखण्ड को 15 दिन के अन्दर हस्तांतरित किया जाये
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वन विभाग के अवशेष 90 करोड़ के देयकों का भुगतान भी तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को किया जायेगा। जनपद उधमसिंह नगर स्थित धौरा, बैगुल, नानक सागर जलाशय में पर्यटन एवं वाटर स्पोर्ट की अनुमति दी गई। ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट की अनुमति भी दी गई। गुरुवार को बैठक में सभी प्रकरणों पर सहमति बनी है। 21 सालों से जो प्रकरण लंबित चल रहे थे, उनका निस्तारण किया गया।
कुछ प्रकरणों पर 15 दिनों का समय लिया गया है। ऐसे प्रकरणों पर दोनों राज्यों द्वारा ज्वाइंट सर्वे कर निस्तारण किया जायेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 आवासों में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के उपयोग हेतु आवश्यक भूमि एवं भवन के आकलन के लिये संयुक्त सर्वे कर शीघ्र चिन्हीकरण किया जायेगा।
दोनों राज्यों के मध्य सहमति बनी कि न्यायालयों में लम्बित विभिन्न वादों को वापस लिया जायेगा और आपसी सहमति से मामलों को हल किया जायेगा। दो बैराज भारत नेपाल सीमा पर बनबसा बैराज तथा किच्छा का बैराज जो आपदा से नुकसान के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, इन बैराजों का निर्माण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा किया जायेगा।
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखण्ड परिवहन निगम को 205 करोड़ का भुगतान करने पर सहमति बनी। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद् की उत्तराखण्ड में अवस्थित परिसम्पतियों के निस्तारण से होने वाली आय एवं देनदारियों का दोनों राज्यों को 50-50 प्रतिशत के अनुपात में बंटवारा होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उत्तराखण्ड की जनता की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 21 साल से जो मामले लंबित पड़े थे, सभी मांगों पर सहमति बन गई है।
सभी मामले जल्द ही निस्तारित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड दोनों राज्य का आपस में बड़े एवं छोटे भाई का सबंध है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आर. के. तिवारी, उत्तराखण्ड से सचिव रंजीत सिन्हा, प्रमुख अभियंता सिंचाई श्री मुकेश मोहन एवं उत्तर प्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
परिसम्पत्ति विवाद पर जनता को बरगला रही भाजपा- कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी
उत्तराखण्ड कांग्रेस की गढवाल मण्डल मीडिया प्रभारी गरिमा महरा दसौनी ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उत्तर प्रदेष के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का परिसम्पतियों के सम्बन्ध में मुलाकात करना एवं परिसम्पतियों के सम्बन्ध में दोनों प्रदेशों में आम सहमति बन जाने की घोषणा करना मात्र उत्तराखण्ड की भोली-भाली जनता को ठगने का प्रयास बताया है।
दसौनी ने कहा कि पिछले वर्ष भी 19 नवम्बर 2020 को अपनी बद्रीनाथ एवं केदारनाथ दौरे पर आये योगी आदित्यनाथ तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ प्रेसवर्ता कर इसी तरह से उत्तराखण्ड की आंखों में धूल झोकने का काम किया था। उस वक्त दोनों नेताओं ने परिसम्पति पर दोनों राज्यों के बीच सहमति की बात पुरजोर तरीके से कही थी लेकिन आज पूरे एक वर्ष बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है।
दसौनी ने बताया उत्तर प्रदेष के पास उत्तराखण्ड के सिचाई विभाग के 13 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि एवं 4 हजार से अधिक भवनों पर कब्जा है। हरिद्वार के कुम्भ मेला क्षेत्र जहॉ कावड़ मेला भी लगता है वहां की 697 हेक्टेयर मेला भूमि पर उत्तर प्रदेष के सिचाई विभाग का कब्जा है जिसे लोटाने पर उत्तर प्रदेष सिचाई विभाग साफ इंन्कार कर चूका है। उत्तराखण्ड आवास विकास की भूमि को लोटाने के बजाए उत्तर प्रदेष खुद उस भूमि का मालिक बने रहना चाहता है।
दसौनी ने कहा कि हरिद्वार भीमगोडा बैराज, बनबसा लोहिया हैड बैराज, कालागढ का रामगंगा बैराज, अभी भी उत्तर प्रदेष के कब्जे में है। टिहरी बॉध के जिस हिस्से का मालिक उत्तराखण्ड को होना चाहिए था उत्तर प्रदेष अभी भी उसका मालिक बना हुआ है और 1 हजार करोड सालाना राजस्व ले रहा है। इतना ही नही 11 विभागों की भूमि भवन तथा उत्तराखण्ड की सीमा के अन्दर कई अन्य परिसम्पतियों पर उत्तर प्रदेष का कब्जा है। और तो और उत्तराखण्ड परिवहन विभाग की 700करोड की देनदारी उत्तर प्रदेष पर है जिस कारण उत्तराखण्ड परिवहन विभाग भारी कर्जे में डूबा हुआ है। आज अपने कर्मचारियों को तन्खवाह देने के लिए भी उत्तराखण्ड परिवहन विभाग को अपनी सम्पतियॉ बेचने को मजबूर होना पड रहा है।
ऐसे में जब प्रदेष में चुनाव को कुछ ही समय बाकी रह गया हो तो जनता को भ्रमित करने के लिए दोनों ही मुख्या इस तरह की लोक लुभावन बाते कर रहे हैं। दसौनी ने कहा कि भाजपा के पास इससे अधिक सुनहरा मौका नही था जब वह परिसम्पतियों का मामला सुलझा सकते थे। आज जब केन्द्र से लेकर दोनों राज्यों उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेष में भाजपा की सरकार है तब यह मामला आसानी से सुलझाया जा सकता था परन्तु ट्रिपल ईजंन की सरकार होने के बावजूद आज भी उत्तराखण्ड की जनता अपनी सम्पत्तियों से वंचित है जिसके लिए पूर्णतया भाजपा नेतृत्व जिम्मेदार है। दसौनी ने कहा कि यह विडमबना ही कही जा सकती है कि उत्तराखण्ड में तीन-तीन मुख्यमंत्री बदलने के बावजूद परिसम्पतियों को लेकर असमंजस और उदासीनता ही देखने को मिली। दसौनी ने कहा यह राज्य का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि इस गम्भीर मुददे पर कोई भी नेता दृढ ईच्छाषक्ति और साहस नही दिखा पाया।
कैबिनेट बैठक 23 को
मंत्रिमण्डल बैठक दिनांक 23 नवम्बर, 2021 को 4:00 बजे अपराहन राज्य सचिवालय के विश्वकर्मा भवन में स्थित वीर चन्द्रसिंह गढ़वाली ’सभागार’ (पंचम तल),देहरादून में होगी|
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