शिक्षा विभाग में नहीं इस्तेमाल होगा प्लास्टिक
अधिकारी-कर्मचारी लाएंगे अपनी पानी की बोतल
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। एक बार फिर उत्त्तराखण्ड के शिक्षा विभाग के कार्यालय , विद्यालय व कार्यक्रमों में प्लास्टिक की बोतल,गिलास ,प्लेट आदि का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु के आदेश के बाद विद्यालयी शिक्षा के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने शनिवार को इस बाबत आदेश जारी कर दिए।
मुख्य सचिव ने 14 मार्च को बैठक में दिये गये निर्देशों के क्रम में विद्यालयी शिक्षा विभाग के समस्त कार्यालयों व विद्यालयों को प्लास्टिक मुक्त किया जाना है। इसको लेकर महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा की ओर से कार्यालयों- विद्यालयों में प्लास्टिक से सम्बन्धित किसी भी वस्तु (यथा प्लास्टिक की बोतल, गिलास, प्लेट, थाली आदि) का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबन्धित किए जाने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि विभागीय बैठकों, सेमिनारों-कार्यशालाओं में भी प्लास्टिक के निर्मित सामग्री पूर्ण प्रतिबन्धित रहेगी। पीने के लिए वाटर डिस्पेंसर की व्यवस्था की जायेगी तथा सभी अधिकारी-कार्मिक अपनी-अपनी मेटल की बोतल का प्रयोग करेंगे। साथ ही छात्र छात्राओं को भी प्लास्टिक से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराते हुये पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाए जाने को कहा। बंशीधर तिवारी ने कहा कि प्लास्टिक बैग के स्थान पर जूट – कपड़ा इत्यादि से बने कैरीबैग का प्रयोग करने के लिए सबको प्रोत्साहित किया जाए।
साथ ही विभाग के प्रत्येक कार्यालय -विद्यालय में प्लास्टिक मुक्त कार्यालय का बोर्ड लगाया जायेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे तथा विद्यालयी शिक्षा विभाग के प्रत्येक अधिकारी-कार्मिक शिक्षकों द्वारा इसका अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। साथ
ही भविष्य में कार्यालयों- विद्यालयों के निरीक्षणों में भी इसका संज्ञान लिया जाएगा।
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