चंपावत में अपने पिता का रिकार्ड टूटते हुए देखना चाहते हैं सौरभ बहुगुणा

चंपावत से मनीष ओली की रिपोर्ट

चंपावत। सुनने में ये थोड़ा सा अजीब सा लग सकता है कि कोई पुत्र अपने पिता का रिकार्ड टूटते हुए देखना चाहता है। लेकिन उत्तराखंड की राजनीति में ये हो रहा है। उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा चाहते हैं कि इस बार उनके पिता यानी पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का रिकार्ड टूट जाए। वो रिकार्ड जो उन्होंने 2012 के विधानसभा उपचुनावों में सितारगंज में बनाया था। सौरभ बहुगुणा इसके लिए जनता से न सिर्फ मंचों से निवेदन कर रहे हैं बल्कि उन्होंने चंपावत में डेरा भी डाल लिया है।

   बात हो रही है चंपावत विधानसभा उपचुनाव की, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनता की अदालत में खड़े हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री के नामांकन के साथ ही चुनाव प्रचार में तेजी आ गई है। इस दौरान कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने चंपावत की जनता के सामने एक टारगेट रखते हुए कहा है कि वे अपने पिता विजय बहुगुणा का रिकार्ड टूटते हुए देखना चाहते हैं और इसके लिए चंपावत की जनता ने उनका साथ देना है।

दरअसल जिस रिकार्ड की वे बात कर रहे हैं, वो है 2012 के विधानसभा उपचुनाव की। 2012 में उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनी और मुख्यमंत्री बनाया गया, उस समय कांग्रेस में रहे सांसद विजय बहुगुणा को। सितारगंज से भाजपा विधायक किरन मंडल ने उनके लिए सीट खाली की और विजय बहुगुणा ने सितारगंज से उपचुनाव लड़ा। यहां उनके खिलाफ खड़े हुए थे (स्वर्गीय) प्रकाश पंत। इस विधानसभा उपचुनाव में विजय बहुगुणा ने रिकार्ड 39954 मतों से जीत हासिल की थी। हालांकि, 2016 में हुए राजनीतिक घटनाक्रम में विजय बहुगुणा व उनके पत्र सौरभ बहुगुणा भाजपा में शामिल हो गए।

अब इसी रिकार्ड को तोड़ने की बात सौरभ बहुगुणा कर रहे हैं। उनका कहना है कि चंपावत की जनता निश्चित रूप से सबसे ज्यादा अंतर से जीतने वाले मुख्यमंत्री का रिकार्ड तोड़ेगी और वो इस रिकार्ड को टूटते हुए देखना चाहते हैं।

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