जिला पंचायत सदस्य के अगले हफ्ते भारत आने की उम्मीद। 2020 के फारेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले में भी सुर्खियों में आया था नाम। उस समय भाजपा नेताओं से करीबी बनी ढाल
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। दो साल पहले फारेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले में आरोपी रहे जिला पंचायत सदस्य को ही एसटीएफ UKSSSC की वीडीओ/वीपीडीओ पेपर लीक मामले का मास्टर माइंड मानकर चल रही है। 2020 के फारेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले में भी इस नेता का नाम शामिल था।
इधर, एसटीएफ इस जिला पंचायत सदस्य की दहलीज पर पहुँचती, इससे पहले ही वह 28 जुलाई को थाईलैंड पहुंच गया। STF इस जिला पंचायत सदस्य के लौटने के इंतजार में है। अभी STF ने इस जिला पंचायत सदस्य को नामजद नहीं किया है। और न ही नाम का खुलासा ही किया है।
इस जिला पंचायत सदस्य के भाजपा के बड़े नेताओं से ठीक ठाक पहचान है। कई मौकों पर इस जिला पंचायत सदस्य की पार्टी नेताओं के साथ खिंची फोटो भी अलग कहानी बयां कर रही है। कई नेताओं के साथ मुस्कुराती फोटो भी चर्चा का विषय बनी हुई है। इन्हीं सम्बन्धों के बूते यह जिला पंचायत सदस्य 2020 के फारेस्ट गार्ड भर्ती मामले में साफ बच गया था। वह मुकदमा ही खारिज हो गया था। गौरतलब है कि कोरोना कुम्भ घोटाले में गिरफ्तार हुए शरत पंत की केंद्रीय व प्रदेश स्तरीय भाजपा नेताओं से करीबी सम्बन्ध रहे थे। पन्त की भाजपा नेताओं के साथ खिंची सेल्फी व फ़ोटो भी सत्ता के गलियारों में चर्चा का विषय बनी थी।
बताया जा रहा है कि जिला पंचायत सदस्य उत्तराखंड के सीमांत जिले में एक रिसोर्ट का निर्माण कर रहा है। इसी रिसोर्ट के लिए वह पंचकर्म यूनिट खरीदने 28 जुलाई को थाईलैंड गया। जिला पंचायत सदस्य से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वह एक हफ्ते के अंदर भारत लौटेगा। उसके टूरिस्ट वीजा की समय सीमा अगले हफ्ते खत्म हो रही है। भारत लौटते ही STF जिला पंचायत सदस्य को दबोच कर सफेदपोशों तक पहुंचने की जुगत में रहेगी।
2020 में बहुचर्चित फारेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में हुई धांधली में भी था आरोपी
पेपर लीक केस में नाम आने से पहले इस जिला पंचायत सदस्य का नाम 2020 में बहुचर्चित फारेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में हुई धांधली में भी आया था। 1268 पदों के लिए हुई लिखित परीक्षा में ब्लूटूथ के जरिए नकल का मामला सामने आने पर कुछ पीड़ित छात्रों ने पौड़ी और मंगलौर हरिद्वार में मुकदमा दर्ज कराया था। मंगलौर थाने में दर्ज मुकदमे में इन जिला पंचायत सदस्य का भी नाम था। एसटीएफ ने इस मामले में 11 लोगों की गिरफ्तारी करने के साथ ही 47 चयनित अभ्यर्थियों को नकल करने वालो के रुप में चिन्हित किया था। लेकिन, लचर जांच और कमजोर पैरवी के चलते मुकदमा कमजोर पड़ गया था। और यह बहुचर्चित नकल का केस अदालत में खारिज हो गया था।
पेपर लीक मामले में इन्हें किया जा चुका है गिरफ्तार
मनोज जोशी मूल निवासी ग्राम सेरा, थाना पाटी, जिला चम्पावत व वर्तमान निवासी वार्ड नंबर-3 निकट एसएम पब्लिक स्कूल सितारगंज, ऊधमसिंह नगर
गौरव नेगी निवासी ग्राम नजीबाबाद, पोस्ट सूर्यनगर, थाना किच्छा, जिला ऊधमसिंह नगर
मनोज जोशी निवासी ग्राम मयोली, तहसील भनोली, जिला अल्मोड़ा व वर्तमान निवासी मोथरोवाला रोड, धर्मपुर, देहरादून
शूरवीर सिंह चौहान निवासी ग्राम सुरेऊ, पोस्ट जिसऊ, कालसी देहरादून व वर्तमान निवासी लाडपुर आर्डनेस कालोनी, रायपुर, देहरादून।
कुलवीर सिंह निवासी ग्राम सादीपुर, पोस्ट बास्टा, जिला बिजनौर (उप्र) वर्तमान निवासी तरला आमवाला निकट बाल भवन, रायपुर, देहरादून।
जयजीत दास निवासी ग्राम-भिस्वा, कोतवाली महाराजगंज, जिला महाराजगंज (उप्र) व वर्तमान निवासी दक्षेस डेयरी के पास, पंडितवाड़ी, वसंत विहार, देहरादून।
अभिषेक वर्मा निवासी ग्राम शेरपुर, जिला सीतापुर (उप्र) व वर्तमान निवासी ग्राम सरकपुर, जिला लखनऊ (उप्र)।
दीपक चौहान निवासी ग्राम भंसवाडी, पोस्ट मख्डैत, जिला टिहरी व वर्तमान निवासी नकरौंदा, गूलरघाटी, रायपुर, देहरादून।
भावेष जगूड़ी निवासी ग्राम जोगत, पोस्ट जोगत मल्ला, चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी व वर्तमान निवासी विद्या विहार फेज-3, पटेलनगर, देहरादून।
दीपक शर्मा निवासी गुरु तेगबहादुर जगाधरी वर्कशाप, जिला यमुनानगर (हरियाणा) व वर्तमान निवासी गली नंबर-4 निकट रुद्राक्ष गार्डन, जसपुर खुर्द काशीपुर।
अंबरीश निवासी ग्राम तुगलपुर, पोस्ट खानपुर, जिला हरिद्वार व तैनाती ऊधमसिंह नगर।
महेंद्र सिंह चौहान निवासी जसपुर खुर्द काशीपुर, जिला ऊधमसिंह नगर।
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