शेष दी शवों की खोज जारी
अविकल उत्तराखंड
उत्तरकाशी। कई दिन तक मौसम खराब होने से डोकरानी बामक ग्लेशियर में फंसे ट्रेनी पर्वतारोही के पार्थिव शरीर को शुक्रवार को बेस कैम्प से हेलीकॉप्टर के माध्यम से उत्तरकाशी लाया गया है । जिसकी पहचान सौरभ बिस्वास पुत्र श्री निमाई बिस्वास, कचरापाडा, जिला- 24 परगना, पश्चिम बंगाल के रूप में हुई।
कई दिन से मौसम खराब होने की वजह से यह शव बेस कैम्प से उत्तरकाशी नहीं लाया जा सका था। शेष गुमशुदा 02 प्रशिक्षणार्थियों के खोज एवं बचाव अभियान निरनंतर जारी है। इस हादसे में 27 पर्वतरोहियों के शव बरामद किए गए थे।
गौरतलब है कि 4 अक्टूबर 2022 को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी द्वारा उत्तरकाशी जनपद के डोकरानी बामक हिमनद में संचालित एडवान्स पर्वतारोहण कोर्स के 29 प्रतिभागी द्रौपदी का डांडा-2 (5670 मी0) के आरोहण के समय हिमस्खलन की चपेट में आ जाने के कारण समुद्र तल से लगभग 5200 मीटर ऊपर हिमनद में स्थित दरारों में फंस गये थे।
घटना की जानकारी मिलते ही भारतीय वायु सेना, थल सेना व भारत तिब्बत सीमा पुलिस के साथ ही जम्मू कश्मीर स्थित सेना के Warfare स्कूल HAWS तथा का सहयोग लिया गया तथा राज्य आपदा प्रतिवादन बल के खोज एवं बचाव दल को प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया।
बचाव अभियान में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 07 प्रशिक्षक तथा 20 पोर्टर्स HAWS के 14 जवान तथा भारतीय सेना के 09 जवान शामिल होकर विषम परिश्थिति में भी खोज एवं बचाव कार्य कर रहे है।
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