…तो शिक्षा विभाग के अधिकारी जाएंगे जेल! रिश्वत के आरोपों की पुष्टि

चार साल पहले पौड़ी में तैनात तीन अधिकारी व कर्मी रिश्वत लेते वीडियो में हुए थे कैद.

शिक्षा सचिव ने दिए मुकदमा दर्ज करने के निर्देश.

जांच में विलंब के दोषी अधिकारी भो हुए चिन्हित

अविकल उत्तराखण्ड

पौड़ी/ देहरादून। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन व राज्य सतर्कता समिति की संस्तुति पर चार पुराने रिश्वत लेने के मामले में पौड़ी के तत्कालीन सीईओ, डीईओ माध्यमिक व पटल सहायक पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जेल जाने की कहानी शुरू हो गयी है। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन के निर्देश के बाद पौड़ी में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

मदन सिंह रावत, तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी, हरेराम यादव, तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, पौड़ी एवं अशासकीय विद्यालयों के पटल सहायक दिनेश गैरोला के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17(क) के अनुसार प्राथमिकी दर्ज किए जाने के आदेश के बाद विभाग में हलचल मच गई है।

यहां यह भी बता दें कि हरेराम यादव डीईओ (माध्यमिक) पद से रिटायर हो चुके हैं जबकि तत्कालीन सीईओ मदन सिंह रावत एससीईआरटी में संयुक्त निदेशक पद पर तैनात हैं।

गौरतलब है कि 2018 में वॉयरल हुए वीडियो मे शिक्षा विभाग से जुड़े ये अधिकारी रिश्वत लेते हुए कैद किये गए थे।

सितंबर 2018 में वॉयरल हुए वीडियो वीडियो में डीईओ माध्यमिक और दूसरे वीडियो में पटल सहायक पैसे गिनते व जेब में रखते हुए नजर आए थे। अब शासन के निर्देश पर एसएसपी श्वेता चौबे ने पौड़ी पुलिस को मामले में मुकदमा दर्ज करने को कहा है।

मुकदमा दर्ज होने के बाद रिश्वत के आरोपी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के गिरफ्तार होने की उम्मीद है।

यह मामला उछलने पर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा की संस्तुति पर जांच की कार्यवाही शुरू हुई। जांच में विलम्ब होने पर अपर सचिव योगेंद्र यादव ने जांच की। इस जांच रिपोर्ट पर सचिव रविनाथ रमन ने पुलिस महानिरीक्षक को पत्र लिख रिश्वत के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिये।

जांच में विलंब के लिए निम्न अधिकारियों को भी चिन्हित किया गया

2. श्री रमाशंकर सिंह, समीक्षा अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-2. उत्तराखण्ड शासन। श्रीमती आशा काण्डपाल, अनुभाग अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-2. उत्तराखण्ड शासन श्री शिव विभूति रंजन, तत्कालीन अनु सचिव, माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-2. उत्तराखण्ड शासन ।

देखें मूल पत्र

रविनाथ रामन, सचिव, उत्तराखण्ड शासन।

सेवा में, पुलिस महानिरीक्षक,

अपराध एवं कानून व्यवस्था पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड |

माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-2

देहरादून दिनांक 26 नवम्बर, 2022

विषय:—श्री मदन सिंह रावत, तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी, श्री हरेराम यादव, तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, पौड़ी एवं अशासकीय विद्यालयों के पटल सहायक श्री दिनेश गैरोला के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17(क) के अनुसार प्राथमिकी दर्ज किए जाने के संबंध में।

महोदय

उपर्युक्त विषयक गृह विभाग के पत्र अर्द्धशासकीय संख्या-193 / xx-7/2022 01 (08)2012 दिनांक- 26.11.2022 (छायाप्रति संलग्न) का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें जिसके द्वारा श्री मदन सिंह रावत् तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी, श्री हरेराम यादव, तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी. माध्यमिक, पौड़ी एवं अशासकीय विद्यालयों के पटल सहायक श्री दिनेश गैरोला के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17(क) के अनुसार प्राथमिकी दर्ज किए जाने हेतु राज्य सतर्कता समिति की संस्तुति / अनुमति उपलब्ध करायी गयी है।

2- अतः इस संबंध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि राज्य सतर्कता समिति की संस्तुति के दृष्टिगत संबंधित अधिकारी / कर्मचारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17(क) के अनुसार प्राथमिकी दर्ज किए जाने की अनुमति प्रदान की जाती है। तदनुसार प्रकरण पर अग्रेत्तर कार्यवाही करते हुए शासन को भी अवगत कराने का कष्ट करें। संलग्नकः यथोक्त।

भवदीय,

(रविनाथ रामन) सचिव

उत्तराखण्ड शासन माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-2 / XXXIV-2/2022-06(09)/2020 टी०सी० देहरादून दिनांक 25 नवम्बर 2022 कार्यालय ज्ञाप

श्री मदन सिंह रावत, तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी, पीढ़ी. श्री हरेराम यादव, तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, पौड़ी एवं अशासकीय विद्यालयों पटल सहायक श्री दिनेश गैरोला के विरुद्ध अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति सम्बन्धी अनियमितता की शिकागती एवं सी०डी० के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-17 (क) के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत करने के संबंध गृह विभाग एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्तर से चल रही कार्यवाही के दृष्टिगत विभाग द्वारा इस पकरण पर विस्तृत जांच हेतु महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा को नामित किया गया।

महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट शासन में दिनांक 30.06.2022 को प्रस्तुत की गयी तक्र में अवगत कराना है कि संबंधित प्रकरण पर मा० उच्च न्यायालय में याचिका संख्या- पी०आई०एल० संख्या-207/2019 पुष्कर सिंह बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य योजित है। मा० उच्च न्यायालय द्वारा अपने निर्देश दिनांक 29.09.2022 में प्रकरण में विलम्ब हेतु दोषी अधिकारी / कर्मचारी के विरूद्ध नाम सहित प्रस्ताव कर कार्यवाही के निर्देश के क्रम में प्रथम दृष्टयाः पत्रावली के अवलोकनोपरान्त विलम्ब हेतु निम्नलिखित अधिकारी / कर्मचारी को चिहिन्त किया गया है. जिनके नाम निम्नवत् है:-

  1. 2. श्री रमाशंकर सिंह, समीक्षा अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-2. उत्तराखण्ड शासन। श्रीमती आशा काण्डपाल, अनुभाग अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-2. उत्तराखण्ड शासन श्री शिव विभूति रंजन, तत्कालीन अनु सचिव, माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-2. उत्तराखण्ड शासन ।

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2 तत्क्रम में प्रकरण पर विलम्ब हेतु जांच करने के लिए मेजर योगेन्द्र यादव, अपर सचिव, विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड शासन को जांच अधिकारी नामित किया जाता है। जांच अधिकारी से यह अपेक्षा की जाती है कि वे प्रकरण की जांच कर जांच आख्या 01 माह के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।

  • ह. (रविनाथ रामन) सचिव

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