भर्ती घोटालों की आड़ में भाजपा कांग्रेस एक दूसरे की कुंडली बांचने के अलावा अपनों की भी कर रहे ‘ग्रह पूजा’
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। उत्तराखण्ड में बरसों बरस से जारी भर्ती घोटालों का जिन्न बाहर निकलने के बाद कांग्रेस-भाजपा के बीच चीरहरण के खेल ने तेजी पकड़ ली है।
बीते साल अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों का पुलिंदा खुलने के बाद भाजपा की अंदरूनी राजनीति चौराहे पर आकर खड़ी हो गयी थी। uksssc भर्ती घोटाले के छींटे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल को कलंकित कर रहे थे।
पूर्व सीएम हरीश रावत के कार्यकाल में आयोग के अध्यक्ष बने पूर्व आईएफएस आर बी एस रावत समेत कुछ अधिकारी जेल भेजे गए। uksssc की कई भर्तियों की कुंडली खुलने के बाद मास्टरमाइंड हाकम सिंह समेत 40 से अधिक मुजरिम जेल गए। कई जमानत पर बाहर भी आ गए।
बीते जुलाई-अगस्त से शुरू हुआ uksssc भर्ती घोटाले की ज्वाला में एक बम और फूटा । और अगस्त माह में विधानसभा भर्ती घोटाले की छिपी कहानियां देश दुनिया में फैल गयी। uksssc और विधानसभा भर्ती घोटाले में भाजपा क्षत्रपों की गुटीय जंग जिम्मेदार मानी गयी। विधानसभा भर्ती घोटाले में मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल के अलावा संघ नेताओं के नाम भी उछले। बाद में उत्तराखंड की जिम्मेदारी संभाल रहे संघ नेताओं की यहां से छुट्टी कर दी गयी।
मामला बहुत उछलने पर स्पीकर ऋतु खंडूडी की एक्सपर्ट जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद 250 कार्मिक बर्खास्त कर दिए गए।
भाजपा की अंदरूनी राजनीति में देहरादून से दिल्ली तक यह माना गया कि विधानसभा भर्ती घोटाला अपनी ही पार्टी के नेताओं ने इसलिए उछाला ताकि uksssc की आग कुछ ठंडी पड़ सके। दूसरी ओर कांग्रेस की देगची में अलग ही खिचड़ी पक रही थी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा व विधायक प्रीतम सिंह भी विधानसभा से लेकर अन्य भर्ती घोटालों में भाजपा को निशाने पर लेने के अलावा अपनों (पूर्व स्पीकर यशपाल आर्य व पूर्व सीएम हरीश रावत) को भी घेरने से नहीं चूके। दोनों दलों के अंदर चूहे-बिल्ली का खेल अभी तक जारी है।
इधर, भाजपा के साथ संघ के गलियारों में भर्ती घोटाले की जंग आज भी पूर्व सीएम त्रिवेंद्र बनाम सीएम धामी के तौर पर देखी जा रही है। इस बीच, नये साल में लोक सेवा आयोग की पटवारी भर्ती पेपर लीक मामले में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने यह कह कर सभी को चौंका दिया कि नकल माफिया पर सरकार का कोई खौफ नहीं।
घटनाक्रम तेजी से बदला। पटवारी भर्ती पेपर लीक का मामला उछलने पर कांग्रेस के जारी हमले के बीच 2015-16 के दारोगा भर्ती घोटाले की जांच का रिजल्ट भी रातों रात सामने आ गया। 16 जनवरी को भाजपा सरकार ने त्वरित फैसला लेते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत के कार्यकाल में भर्ती 20 दारोगाओं को निलम्बित कर दिया। भाजपा सरकार ने लोक सेवा आयोग के पटवारी भर्ती घोटाले पर मुखर कांग्रेस को उनके ही कार्यकाल में हुई दारोगा भर्ती घोटाले से ‘बांधने’ की कोशिश की।
जवाब में 17 जनवरी को पूर्व सीएम हरीश रावत ने दून में गांधी प्रतिमा के नीचे मौन उपवास रख भाजपा सरकार को असफल करार देते हुए कहा कि बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उधर, प्रदेश भाजपाध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि भाजपा युवाओं के हक में डाका डालने वालों को जेल भेज रही है। और पूर्व सीएम हरीश रावत मौन उपवास रख मातम मना रहे हैं।
कुल मिलाकर उत्तराखण्ड के भर्ती घोटालों को लेकर भाजपा-कांग्रेस एक दूसरे के कार्यकाल को जिम्मेदार बता कठघरे में खड़ा करने की पूरी जुगत में लगे हुए हैं। और मौका पाते ही अपने अपने दलीय क्षत्रपों को भी घेर रहे हैं।
फिलहाल, आरबीएस रावत, हाकम सिंह, संजीव समेत कई जेल में है। युवा बेरोजगार सड़क पर उतरे हुए हैं। भर्ती एग्जाम स्थगित हो रहे हैं। नयी नयी डेट सामने आ रही है। धामी सरकार सख्त नकल विरोधी कानून का ड्राफ्ट बनाने में जुटी है। भर्ती घोटाले की हैरान कर देने वाली फिल्म के किरदार नेता,अधिकारी,दलाल व नकल माफिया की भूमिकाओं पर बहस जारी है…और युवा होनहार बेरोजगारों के भविष्य पर चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही है…
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