अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। परिवहन आयुक्त अरविंद ह्यांकी ने चिकित्सकीय आधार पर परिवहन निरीक्षक प्रदीप सिंह रौथाण एवं अरविन्द यादव का तबादला निरस्त कर दिए। 6 जनवरी को इनके ट्रांसफर क्रमशः पौड़ी और उत्तरकाशी किये थे। रौथाण कोटद्वार में और अरविंद यादव देहरादून में तैनात थे। और अब ट्रांसफर निरस्त करने पर विभाग में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।
कार्यालय आदेश
परिवहन आयुक्त, उत्तराखण्ड के कार्यालय आदेश संख्या 1112 / अधिष्ठान / दो-29 / 2022-23, दिनांक 06.01.2023 के द्वारा उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 के अधीन परिवहन विभाग के अंतर्गत संभागीय निरीक्षक संवर्ग में 05 संभागीय निरीक्षकों का स्थानान्तरण किया गया है।
- उक्त संदर्भित कार्यालय आदेश के अधीन स्थानान्तरित 02 संभागीय निरीक्षकों- श्री प्रदीप सिंह रौथाण एवं श्री अरविन्द यादव द्वारा चिकित्सा आधार पर उनका स्थानान्तरण निरस्त किये जाने हेतु प्रत्यावेदन दिये गए हैं। श्री प्रदीप सिंह रौथाण के प्रत्यावेदन दिनांक 12.01.2023 में यह उल्लेख किया गया है कि उनके पिता एक सेवानिवृत्त भारतीय सैनिक हैं जिनका स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण सी.जी.एच.एस. के अंतर्गत देहरादून में उनका ईलाज चल रहा है। पिता के वृद्ध होने तथा पूर्णतः प्रत्यावेदक पर निर्भर होने के कारण प्रत्यावेदक को चिकित्सा आधार पर स्थानान्तरण से छूट प्रदान की जाय। प्रत्यावेदक द्वारा अपने अनुरोध के समर्थन में उपचार सम्बन्धी विविध अभिलेख भी संलग्न किये गए हैं। दूसरे प्रत्यावेदक श्री अरविन्द यादव द्वारा अपने प्रत्यावेदन दिनांक 13.01.2023 में यह उल्लेख किया गया है कि उनकी पत्नी का स्वास्थ्य खराब रहता है और घर पर अन्य कोई सदस्य न होने के कारण पत्नी की देखभाल उन्हें स्वयं करनी पड़ती है। अतः उनके स्थानान्तरण को निरस्त किया जाय। प्रत्यावेदन के साथ पत्नी का उपचार सम्बन्धी अभिलेख भी उपलब्ध कराया गया है।
- परिवहन आयुक्त के उक्त संदर्भित कार्यालय आदेश दिनांक 06.01.2023 तथा दोनों प्रत्यावेदकों के प्रत्यावेदनों पर सम्यक विचार किया गया। उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 की धारा 3(घ) सपठित धारा 13 (4) में निहित प्राविधान के अनुसार गम्भीर रोगग्रस्तता के मामलों में अनिवार्य स्थानान्तरण से छूट अथवा इच्छित स्थान पर स्थानान्तरण का अनुरोध किया जाना अनुमन्य है। उक्त दोनों कार्मिकों के प्रत्यावेदन में रोगग्रस्तता की गम्भीरता के संदर्भ में स्थानान्तरण समिति द्वारा परीक्षण कराया जाना आवश्यक प्रतीत होता है जिसके अंतर्गत समिति सम्बन्धित कार्मिक से राज्य चिकित्सा परिषद द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र अथवा अन्य अतिरिक्त संगत अभिलेख प्रस्तुत करने की अपेक्षा भी कर सकती है। इस दृष्टि से दोनों प्रत्यावेदनों पर स्थानान्तरण समिति द्वारा पुनः परीक्षण / पुनर्विचार कराये जाने का औचित्य विद्यमान है। चूंकि इन दोनों के स्थानान्तरण का प्रभाव परिवहन आयुक्त के उक्त संदर्भित कार्यालय आदेश में सम्मिलित 03 अन्य कार्मिकों पर भी प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता है, फलतः प्रश्नगत कार्यालय आदेश को क्रियान्वित करने में कठिनाई संभावित है।
- उपरोक्त पृष्ठभूमि में श्री प्रदीप सिंह रौथाण एवं श्री अरविन्द यादव द्वारा दिये गए उक्त संदर्भित प्रत्यावेदनों को स्वीकार करते हुए परिवहन आयुक्त के उक्त कार्यालय आदेश संख्या 1112 / अधिष्ठान / दो-29/2022-23, दिनांक 06.01.2023 को ऐतद्द्द्वारा निरस्त किया जाता है और निर्देशित किया जाता है कि प्रत्यावेदकों के प्रत्यावेदन का गुणावगुण पर स्थानान्तरण समिति द्वारा भविष्य में सम्यक परीक्षण करा लिया जाय और परीक्षण परिणामों के आलोक में ही यथासमय विधि अनुसार निर्णय लिया जाय।
(अरविन्द सिंह हयाँकी) सचिव ।
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