विकास दर, प्रति व्यक्ति आय व कर संग्रह में वृद्धि का अनुमान
अविकल उत्तराखण्ड
गैरसैंण। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022 -23 पेश की गई। अर्थ एवम संख्या निदेशालय की ओर से तैयार की गई आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में राज्य की अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़ों के साथ विभिन्न विभागों की।प्रगति का ब्यौरा दिया गया है।
केन्द्रीय करों में राज्य का भाग वर्ष 2022-23 (बजट अनुमान) मे ₹9130.16 करोड़ आंका गया हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय (अनन्तिम ) ₹1,85,761 आंकी गई, जबकि वर्ष 2021-22 में यह ₹2,05,840 अनुमानित है।
2021-22 में विकास दर 7.05 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान है।
2021-22 में प्रति व्यक्ति आय ₹2,05,840 अनुमानित है।
वित्तीय वर्ष 2022 2023 की इसी अवधि में कुल IGST Settlement ₹ 1,860.79 करोड़ रहा, जो कि गत वर्ष के सापेक्ष 39.64 प्रतिशत अधिक है।
1 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था
1.1 भारतीय अर्थव्यवस्था में वर्ष 2021-22 में अनन्तिम अनुमान के अनुसार 8.7 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है जबकि वर्ष 2022-23 में विकास दर 7.0 प्रतिशत रहने की सम्भावना है।
1.2 प्रचलित भावों पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वर्ष 2021-22 में ₹ 236.65 लाख करोड़ तथा वर्ष 2022-23 में लगभग ₹273.08 लाख करोड़ आंका गया है। स्थिर भावों (आधार वर्ष 2011-12) पर GDP वर्ष 2021-22 में ₹147.36 लाख करोड़ की तुलना में वर्ष 2022-23 में लगभग ₹ 157.60 लाख करोड़ रहने का अनुमान है।
1.3 वर्ष 2022-23 के दौरान मूल्य संवर्धन में वृद्धि मुख्यतः खनन एवं उत्खनन क्षेत्र ( 37.4 प्रतिशत), विनिर्माण क्षेत्र ( 8.1 प्रतिशत), व्यापार, होटल, परिवहन एवं संचार सेवाएं ( 24.4 प्रतिशत) सार्वजनिक प्रशासन एवं अन्य सेवाएं (14.2 प्रतिशत) निर्माण उद्योग ( 16.6 प्रतिशत) बिजली, गैस, पानी और अन्य उपयोगी सेवाएं ( 29.4 प्रतिशत) वित्त, रियल स्टेट एवं पेशेवर सेवाएं (14.4 प्रतिशत) तथा कृषि, वन व
मत्स्य क्षेत्र में (12.5 प्रतिशत) में अनुमानित है। (पृष्ठ सं0-01, पैरा-1.3)
1.4 संरचनात्मक दृष्टि से वर्ष 2022-23 में प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 20.96 प्रतिशत, द्वितीयक क्षेत्र का योगदान 25.63 प्रतिशत तथा तृतीयक क्षेत्र का योगदान 53.41 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
1.5 देश में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2021-22 में ₹1,50,007 थी, जो वर्ष 2022-23 13.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाते हुए ₹ 1,70,620 होने का अनुमान है।
उत्तराखण्ड की आर्थिक स्थिति
उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था कृषि, बागवानी, पशुपालन, वन, खनन, विनिर्माण, निर्माण, व्यापार, होटल, व रेस्टोरेंट तथा अन्य सेवा क्षेत्रों पर निर्भर है। इन क्षेत्रों के उत्पादन में उतार-चढ़ाव के कारण अर्थव्यवस्था पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है। सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सभ्यता, विरासत, व्यापार उदारीकरण एवं अन्य उपायों से न केवल प्रतिस्पर्धी माहौल में वृद्धि हुई अपितु राज्य की अर्थव्यवस्था में मजबूत प्रदर्शन देखने को मिला है, जिस कारण प्रदेश एक मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है।
2. राज्य आय एवं लोक वित्त
2.1 राज्य की विकास दर में वर्ष 2020-21 में अनन्तिम अनुमान के अनुसार- – 5.38 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई जबकि वर्ष 2021-22 में इसमें 7.05 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान है।
2.2 वर्ष 2020-21 में अनन्तिम अनुमान के अनुसार प्रचलित भावों पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद ₹ 2,38,857 करोड़ आंकलित किया गया है जिसकी तुलना में वर्ष 2021-22 में यह ₹2,65,488 करोड़ रहने का अनुमान है।
2.3 स्थिर भावों (2011-12) पर सकल घरेलू उत्पाद (अनन्तिम वर्ष 2020-21 में ₹ 1,79,538 करोड़ आंका गया जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर ₹ 1,92,203 करोड़ अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.05 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। (पृष्ठ सं0-24, पैरा–2.4)
2.4 वर्ष 2021-22 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का विश्लेषण करने पर निर्माण (17.15 प्रतिशत), बिजली, गैस, पानी और अन्य उपयोगी सेवाओं ( 13.34 प्रतिशत), लोक प्रशासन ( 9.80 प्रतिशत) परिवहन, भण्डारण, संचार एवं प्रसारण सेवाएं (7.40 प्रतिशत) स्थावर सम्पदा, आवास का स्वामित्व एवं व्यावसायिक सेवायें ( 8.44 प्रतिशत) तथा अन्य क्षेत्र (5.35 प्रतिशत) में उच्च वृद्धि दर आंकी गई है जबकि वित्तीय क्षेत्र (4.20 प्रतिशत) तथा व्यापार, होटल एवं जलपान गृह (3.73 प्रतिशत) में निम्न वृद्धि दर आंकी गई है।
2.5 राज्य की अर्थव्यवस्था का संरचनात्मक अध्ययन करने पर वर्ष 2021-22 में अनन्तिम अनुमानों के अनुसार प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 12.36 प्रतिशत, द्वितीयक क्षेत्र का योगदान 46.21 प्रतिशत तथा तृतीयक क्षेत्र का योगदान 41.43 प्रतिशत रहा है।
2.6 वर्ष 2020-21 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय (अनन्तिम ) ₹1,85,761 आंकी गई, जबकि वर्ष 2021-22 में यह ₹2,05,840 अनुमानित है।
2.7 वर्ष 2022-23 के बजट अनुमानों के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां ₹ 51,474 करोड़ है जोकि वर्ष 2021-22 के पुनरीक्षित अनुमान के ₹ 43,701 करोड़ से 17.79 प्रतिशत अधिक है। अनुसार
2.8 केन्द्रीय करों में राज्य का भाग वर्ष 2022-23 (बजट अनुमान) मे ₹9130.16 करोड़ आंका गया हैं।
2.9 वर्ष 2022-23 हेतु राज्य का सकल घरेलु उत्पाद 3.02 लाख करोड़ अनुमानित किया गया है एवं आर्थिक विकास की दर 7.08 प्रतिशत अनुमानित है। इसी परिप्रेक्ष्य में राज्य की प्रति व्यक्ति आय मे भी गत वर्ष के सापेक्ष 10.05 प्रतिशत की वृद्धि आंकलित की गई है जिसके आधार पर यह लगभग ₹233000 अनुमानित है।
3 कराधान (Taxation)
3.1 राज्य की सकल प्राप्तियों में व्यापार कर / मूल्य वर्धित कर का योगदान लगभग 66 प्रतिशत होने के कारण यह राज्य की आय का प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण स्रोत रहा है। (पृष्ठ सं0-39, सामान्य विवरण)
3.2 दिनांक 09 नवम्बर, 2000 को राज्य के अस्तित्व में आने के पश्चात वर्ष 2000-2001 में प्राप्त कर संग्रह ₹ 233 करोड़ था, जो कि वर्ष 2021-22 तक लगभग 56 गुना बढ़कर ₹ 13,073.86 करोड़ (₹4,808.04 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित) हो गया है। वर्ष 2022-23 में माह दिसम्बर, 2022 तक कुल राजस्व संग्रह ₹9,327.64 करोड़ (₹ 1,790.53 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित) रहा।
3.3 राज्य कर विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिसम्बर 2021 तक (पेट्रोलियम प्रोडक्ट एवं नैचुरल गैस तथा शराब पर प्राप्त कर को छोड़ते हुये ) कुल ₹ 8359.08 करोड़ (₹ 4.212.99 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित) का राजस्व अर्जित किया गया है, जबकि इसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिसम्बर, 2022 तक (पेट्रोलियम प्रोडक्ट एवं नैचुरल गैस तथा शराब पर प्राप्त कर को छोड़ते हुये ) कुल ₹ 7418.33 करोड़ (₹ 1790.53 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित) का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो कि गत वर्ष के सापेक्ष लगभग 11 प्रतिशत कम हैं।
3.4 वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिसम्बर, 2021 तक जी०एस०टी० की परिधि से बाहर रखे गये वस्तुओं (पेट्रोल, डीजल, ए०टी०एफ० एवं नैचुरल गैस तथा शराब) पर कुल ₹ 1692.22 करोड़ का राजस्व अर्जित किया गया है, जबकि इसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह दिसम्बर, 2022 तक उक्त वस्तुओं पर कुल ₹1,909. 31 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो कि गत वर्ष के सापेक्ष लगभग 13 प्रतिशत अधिक है। (पृष्ठ सं0-40, पैरा-3.3)
3.5 राज्य कर विभाग उत्तराखण्ड द्वारा वर्ष 2022-23 के माह दिसम्बर 2022 तक की जी०एस०टी० अवधि में कुल ₹ 9,327.65 करोड़ (₹ 1790.53 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित ) राजस्व प्राप्त हुआ है, जो गत वर्ष 2021-22 में इसी अवधि में प्राप्त राजस्व ₹ 10051.30 करोड़ (₹ 4213 करोड़
प्रतिकर धनराशि सहित ) से 7 प्रतिशत कम है।
3.6 राज्य को भारत सरकार से प्राप्त होने वाली प्रतिकर की धनराशि की व्यवस्था समाप्त हो चुकी है, वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह दिसम्बर, 2021 तक राज्य को प्रतिकर अधिनियम के अन्तर्गत प्राप्त प्रतिकर की धनराशि ₹4213 करोड़ है, जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य को प्रतिकर अधिनियम के
अन्तर्गत प्राप्त प्रतिकर की धनराशि ₹ 1790.50 करोड़ रही है। इस प्रकार प्रतिकर की धनराशि को छोड़ते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में उक्त मद में राज्य के राजस्व संग्रहण में वृद्धि परिलक्षित हुयी है।
3.7 राज्य कर विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिसम्बर, 2021 तक जी०एस०टी० की परिधि से बाहर रखे गये वस्तुओं (पेट्रोल, डीजल, ए0टी0एफ0 एवं नैचुरल गैस तथा शराब) पर कुल ₹1692.22 करोड़ का राजस्व अर्जित किया गया है, जबकि इसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह दिसम्बर, 2022 तक उक्त वस्तुओं पर कुल ₹ 1909.31 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो कि गत वर्ष के सापेक्ष लगभग 13 प्रतिशत अधिक है।
3.8 उत्तराखण्ड शासन की अधिसचूना संख्या – 717, दिनांक 30.09.2021 द्वारा एविएशन टरबाइन फ्यूल (ए०टी०एफ०) पर कर की दर 20 प्रतिशत से कम करते हुए 02 प्रतिशत की गयी है, जिसके कारण वित्तीय वर्ष 2021-22 के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में ए0टी0एफ0 पर राज्य को प्राप्त होने वाले कर में कमी प्रदर्शित हो रही है । (पृष्ठ सं0-44, तलिका-3.6 (नोट))
3.9 वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह दिसम्बर, 2021 तक राज्य को IGST Settlement के अन्तर्गत कुल ₹1,332.51 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ था, जब कि वित्तीय वर्ष 2022 2023 की इसी अवधि में कुल IGST Settlement ₹ 1,860.79 करोड़ रहा, जो कि गत वर्ष के सापेक्ष 39.64 प्रतिशत अधिक है।
3.10 बिल लाओ ईनाम पाओ योजना ग्राहकों को खरीद का बीजक / बिल लेने हेतु प्रोत्साहन दिये जाने एवं बिक्री पर बीजक / बिल नहीं दिये जाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के उद्देश्य से राज्य कर विभाग द्वारा बिल लाओ ईनाम पाओ योजना लागू की गयी है। यह योजना 01 सितम्बर, 2022 से 31 मार्च, 2023 तक लागू रहेगी। उक्त योजना के अन्तर्गत विजेताओं को लकी ड्रॉ के माध्यम से मासिक पुरस्कार दिये जायेंगे तथा योजना की समाप्ति पर मेगा पुरस्कार दिये जायेंगे । योजना के अन्तर्गत ग्राहकों के द्वारा BLIPUK App के माध्यम से खरीद के बिल अपलोड किये जा सकते है।
3. 11 जी0एस0टी0 मित्र:- उत्तराखण्ड एक पर्वतीय राज्य होने के कारण दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित छोटे करदाताओं को जी०एस०टी० प्रणाली से अवगत कराये जाने एवं सहायता प्रदान करने तथा शिक्षित युवाओं हेतु स्वरोजगार सृजित करने के उद्देश्य एवं विधिक प्रावधानों को सुविधाजनक बनाने हेतु जी०एस०टी० मित्र की अवधारणा विकसित की गयी। जिसके अन्तर्गत पूरे राज्य में जी०एस०टी० लागू
होने के उपरान्त कुल 1698 जी0एस0टी0 मित्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है ।
3.12 वित्तीय वर्ष 2021-22 में 31 दिसम्बर, 2021 तक स्टाम्प एवं निबन्धन विभाग को प्राप्त आय (कोषागार से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर) ₹1077.34 करोड़ थी, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 31 दिसम्बर, 2022 तक प्राप्त आय ₹1454.06 करोड़ रही, जो कि गत वर्ष की तुलना में 34.96 प्रतिशत अधिक है।
4. भाव संचलन
4.2 राज्य में मंहगाई नियंत्रण एवं वित्तीय प्रबंधन हेतु प्रदेश सरकार द्वारा भारतीय संसद् में वित्तीय अनुशासन (राजकोषीय घाटे को कम करना तथा संतुलित बजट की दिशा में अग्रसर होना) एवं व्यापक आर्थिक प्रबंधन की दृष्टि से पारित Fiscal Responsibility and Budget Management Act, 2003 (FRBMA) का अनुपालन करते हुये राजकोषीय घाटे को GDP के अधिकतम 3 प्रतिशत की सीमा में निरन्तर रखा जा रहा है।
4.1 उत्तराखण्ड राज्य में CPI (संयुक्त) तैयार करने हेतु सभी वस्तुओं को 6 उप समूहों (Sub-groups) में वर्गीकृत करते हुये भारित (Weighted) किया गया है, जो इस प्रकार है: खाद्य एवं पेय पदार्थ (कुल भार 45.86% ); पान, तम्बाकू और मादक पदार्थ (कुल भार 2.38%); कपड़े और जूते (कुल भार 6.53%); आवास (कुल भार 10. 07%); ईंधन और प्रकाश (कुल भार 6.84 %) तथा अन्य वस्तुएं (कुल भार 28.32%)। सूचकांक निर्माण में खाद्य एवं पेय पदार्थों का भार सर्वाधिक होने के कारण इनके भावों में परिवर्तन मुद्रास्फीति निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
4.3 राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2022 के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (संयुक्त) का अध्ययन करने पर दृष्टिगत् होता है कि माह जनवरी 2022 में मुद्रास्फीति की दर (+) 6.01 प्रतिशत थी जो दिसम्बर 2022 माह में 5.72 प्रतिशत पर अवस्थित रही ।
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