खंडन-हल्द्वानी जेल में एक साथ 54 बंदी एचआईवी रोग से संक्रमित नहीं हुए

हल्द्वानी जेल के अधीक्षक ने खबर को भ्रामक व असत्य बताया. कहा, 2019 से 2023 के बीच हुए 54 कैदी HIV संक्रमित

अविकल उत्तराखण्ड

हल्द्वानी। उप कारागार हल्द्वानी जेल के अधीक्षक का कहना है कि एक ही समय में 54 कैदियों के HIV संक्रमित होने की खबर पूरी तरह भ्रामक व असत्य है। 2019 से 2023 तक विभिन्न डेट में ये 54 कैदी HIV संक्रमित हुए हैं। जिनमें अधिकांश बंदी NDPS एक्ट में जेल में बंद हैं।

मीडिया को जारी बयान में अधीक्षक ने कहा कि उप कारागार, हल्द्वानी में एचआईवी रोग से ग्रस्त समस्त बंदी कारागार में दाखिल होने से पूर्व ही इस रोग से संक्रमित थे।

गौरतलब है कि बीते 24 घण्टे में मीडिया में यह खबर तेजी से वॉयरल हुई कि हल्द्वानी जेल में एक ही दिन 54 कैदी HIV संक्रमित पाए गए। इसके बाद जेल प्रशासन ने इस खबर का खंडन किया।

हल्द्वानी जेल प्रशासन का खंडन

आज दिनांक-08-04-2023 को विभिन्न समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में यह खबर प्रकाशित एवं प्रसारित की जा रही है कि, उप कारागार, हल्द्वानी में 54 बंदी एक साथ एच०आई०वी० रोग से संक्रमित पाये गये हैं। कारागार प्रशासन के संज्ञान में आने पर कारागार प्रशासन द्वारा इस खबर का खण्ड़न किया जाना आवश्यक है।

अवगत कराया जाता है कि, कारागार विभाग में प्रतिदिन आने वाले बंदियों की मेडिकल जांच की जाती है, जिसमें एचआईवी जांच भी सम्मिलित है। उप कारागार, हल्द्वानी में निरूद्ध बंदी वर्ष-2019 से वर्ष 2023 की वर्तमान तिथि तक विभिन्न तिथियों में हुई एचआईवी जांच में संकमित पाये गये है। जो बंदी एचआईवी संक्रमित पाये गये है उनमें से अधिकांश बंदी एन०डी०पी०सी० एक्ट में कारागार में निरूद्ध है तथा वह स्वयं भी बाहर से ही इन्जेक्शन के नशे के आदी रहे हैं।

समस्त एचआईवी रोग से संक्रमित बंदी डॉ० सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी के ए०आर०टी०, सेन्टर में पंजीकृत है। संक्रमित बंदियों को रोग की दवा ए०आर०टी० सेन्टर द्वारा प्रदान की जाती है, जिसका कारागार के चिकित्साधिकारी के देखरेख में बंदियों को सेवन कराया जाता हैं। उप कारागार, हल्द्वानी में एच०आई०वी० रोग से ग्रसित समस्त बंदी कारागार में दाखिल होने से पूर्व ही इस रोग से संक्रमित थे, जिनकी कारागार में हुयी एचआईवी जांच के दौरान वह इस रोग से संक्रमित पाये गये।

कुछ बंदी कारागार में निरूद्ध होने से पूर्व ही डॉ० सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी के ए०आर०टी०, सेन्टर में पंजीकृत थे। कारागार की यह अच्छी प्रक्रिया है कि, जिसमें बंदियों की जांच कारागार में आते ही होने पर ए0आरटी सेन्टर से लिंक कराकर इलाज कराया जा रहा है।

उप कारागार, हल्द्वानी में एक साथ 54 बंदी एचआईवी रोग से संकमित नही हुये हैं, यह संख्या समस-समय पर एचआईवी जांच में संकमित बंदियों की कुल संख्या है। यह खबर पूर्ण रूप से असत्य तथा भ्रामक है, कारागार प्रशासन इस झूठी खबर का खण्डन करता है।

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