अविकल उत्तराखंड/ अल्मोड़ा। भूमाफिया भगाओ पहाड़ बचाओ जन अभियान की आज यहां हुई बैठक में आंदोलन को व्यापक बनाने का फैसला लिया गया। बैठक में जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों से उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर हो रही जमीनों, प्राकृतिक संसाधनों की लूट पर अपना पथ सार्वजनिक करने की मांग की गई।उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के कार्यालय में शिक्षा विभाग के अधिकारी रहे चंद्रशेखर बनकोटी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 13 मई को अल्मोड़ा में भूमाफिया भगाओ पहाड़/उत्तराखंड बचाओ रैली को सफल बनाने के लिए तमाम संगठनों, जनता का आभार व्यक्त किया गया।
बैठक में उत्तराखंड के तमाम जागरूक संगठनों, सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं से अपने-अपने क्षेत्र में भू माफियाओं और उनका साथ देने वाले अधिकारियों कर्मचारियों पर कड़ी नजर रखते हुए जन गोलबंदी करने की अपील की गई। अभियान ने कहा कि भू माफिया जमीनों के साथ पर्वतीय क्षेत्रों के विकास, सड़क, पानी, सब्सिडी व्यवसाय व रोजगार पर कब्जा कर तेजी से पहाड़ों को खाली कर रहे हैं। लेकिन राज्य के अधिकारी, प्रबुद्ध जन, राजनीतिक दल, हमारे विधायक, सांसद चुप हैं। इसका स्पष्टीकरण उनको देना चाहिए।
बैठक में अभियान के मुख्य संयोजक/उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि एक ओर सरकार कोरोना काल में लौटे व आम स्थानीय नागरिकों पहाड़ के गरीब लोगों को निशाना बना रही है। वहीं पिछले डेढ़ दशक से सार्वजनिक भूमि कब्जा कर अपराध, अराजकता, गुंडागर्दी का केंद्र बन चुकी प्लीजेंट वैली फाउंडेशन (डांडा कांडा) पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। बैठक में सरकार को इन भू माफियाओं को संरक्षण देने वाले अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की गई। तय किया गया कि माफिया विरोधी अभियान से जुड़े संगठन अपने अपने क्षेत्र के साथ उत्तराखंड में इस अभियान को तेज करेंगे।
बैठक में सालम समिति के अध्यक्ष राजेंद्र रावत, एडवोकेट जीवन चंद्र, उपपा महासचिव एडवोकेट नारायण राम, अमीनुर्रहमान, उछास की भावना पांडे, मनीषा आर्या, सामाजिक कार्यकर्ता भुवन चंद्र पंत, श्रीमती हीरा देवी, आनंदी वर्मा, सरिता मेहरा, हेमा फुलारा, चंपा सुयाल, हेमा पांडे, मोनिका दानू समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
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