उत्तराखंड सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर वसूला 17966.6 करोड़ रूपये का टैक्स

2021-22 में मिला सरकार को 2007-08 के मुकाबलेे पेट्रोल पर 6 गुना से अधिक टैक्स

अविकल उत्तराखंड/देहरादून। नदीम उद्दीन एडवोकेट को राज्य कर मुख्यालय के लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गई सूचना से हुआ खुलासा। जैसे जैैसे पेट्रोलियम पदार्थों के दामोें मेेें वृद्धि होती हैै वैैसे वैैसे सरकार के टैक्स राजस्व में भी बढ़ोत्तरी होती है 2007-08 से जनवरी 2023 तक 17966 करोड़ 61 लाख रूपये टैक्स मिला है। पेट्रोल पर 2007-08 की तुलना में 2021-22 में 6 गुना से अधिक टैक्स मिला है। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उददीन को वाणिज्य कर मुख्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये टैक्स राजस्व आंकड़ों से हुआ।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने आयुक्त कर कार्यालय/वाणिज्य कर मुख्यालय से प्रदेश भर में पेट्रोलियम पदार्थों पर वसूले गये टैक्स राजस्व की धनराशियों की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में राज्य कर मुख्यालय की लोक सूूचना अधिकारी/उपायुक्त ने राजस्व आंकड़ों की प्रतियां उपलब्ध करायी है। इससे पूर्व भी नदीम ने 2018 व 2020 मे तब तक की सूचना प्राप्त की थी। नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार अप्रैैल 2007 से मई 2022 तक पेट्रोलियम पदार्थों से उत्तराखंड सरकार ने 17966 करोड़ 61 लाख का टैक्स वसूला है इसमें 7449 करोड़ 52 लाख का टैक्स पेट्रोल से तथा 10115 करोड़ 41 लाख का टैक्स डीजल की बिक्री से वसूला गया हैै।

नदीम को उपलब्ध टैक्स आंकड़ों के अनुसार 2007-08 में पेट्रोलियम पदार्थों पर सरकार को केवल 414.9 करोड़ टैक्स मिला था जोे 2007-08 में 414.9 करोड़, 2008-09 में 457.45 करोड़, 2009-10 में 476.71 करोड़, 2010-11 में 637.93 करोड़, 2011-12 में 734.45 करोड़, 2012-13 में 802.68 करोड़, 2013-14 में 996.05 करोड़ 2014-15 में 1096.35 करोड़, 2015-16 में 1231.24 करोड़ 2016-17 में 1393.7 करोड़, 2017-18 में 1461.26 करोड़, 2018-19 में 1599.92 करोड़ हो गया, लेकिन कोरोना महामारी शुरू होने पर 2019-20 में इसमें 88.13 करोड़ की कमी होकर 1511.79 करोड़ ही रह गया। 2020-21 में यह 1517.7 करोड़ 2021-22 में 2007-08 की तुलना में 352.15 प्रतिशत बढ़कर 1875.99 करोड़ तथा 2022-23 में जनवरी 2023 तक 1758.49 करोड़ रूपये टैक्स मिला हैै।

नदीम को उपलब्ध पेट्रोल पर टैक्स के आंकड़ों के अनुसार 2007-08 में 128.67 करोेड, 2008-09- 151.9 करोड़, 2009-10 में 158.32 करोड़, 2010-11 232.47 करोड़, 2011-12 में 299.52, 2012-13 में 309.93, 2013-14 में 378.02, 2014-15 में 400.6, 2015-16 में 491.55 करोड़, 2016-17 में 593.1 करोड़, 2017-18 में 658.5 करोड़ वैैट/सैैल्स टैक्स मिला था जो 2018-19 में 724.01 करोड़ हो गया जबकि 2019-20 में इसमें कुछ कमी होकर 713.57 करोड, 2020-21 में बढ़कर 733.57 करोेड़, 2021-22 में छह गुना से अधिक होकर 814.69 करोड़ हो गया। 2022-23 में जनवरी 23 तक केवल 10 माह में सरकार ने 2007-08 में पूरे वर्ष वसूले टैक्स के पांच गुने से अधिक 661.1 करोड़ टैक्स वसूल लिया हैै।

डीजल पर टैक्स केे आंकड़ों के अनुसार 2007-08 में जहां 261.53 करोड़, 2008-09 में 278.08 करोड़, 2009-10 में 289.35 करोड़, 2010-11 में 379.53 करोड़, 2011-12 में 415.44 करोड़, 2012-13 में 470.72 करोड़, 2013-14 में 595.13 करोड़, 2014-15 में 674.58 करोड़, 2015-16 में 714.55 करोड़, 2016-17 में 768.36 करोड़, 2017-18 में 795.31 करोड, 2018-19 मेें 848.35 करोड़ हो गया जबकि 2019-20 में इसमें कमी होकर 766.59 करोड़, 2020-21 में बढ़कर 767.39 करोड़ टैक्स मिला हैै। वर्ष 2021-22 में बढ़कर 2007-08 के मुकाबले लगभग 4 गुना होकर 1029.04 करोड़ टैक्स मिला है जबकि वर्ष 2022-23 में जनवरी 2023 तक केवल 10 माह 1061.46 करोड़ रूपये टैक्स मिला हैै।

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