देहरादून में टाइमिंग के खेल में पिछड़ी कांग्रेस
संवेदनशील मुद्दे पर कांग्रेस वॉर रूम में बना रही रणनीति
केजरीवाल के चुनावी ऐलान से उत्साहित आप कार्यकर्ता देहरादून की सड़कों पर उतर ले गए लीड
भाजपा विधायक पूर्व में कांग्रेस से लड़ चुके है विधानसभा चुनाव, कांग्रेस के बड़े नेताओं से है मधुर संबंध
बोल चैतू/अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून।
राजनीति टाइमिंग का खेल है और इस खेल में फिलहाल उत्तराखंड कांग्रेस पिछड़ गयी है। पहले आप..पहले आप की तर्ज पर कांग्रेस के नेता अपने कमरों में बैठ जुगाली करते रहे और आप पार्टी सेक्स कांड को मुद्दा बना देहरादून की सड़कों पर उतरी और अपने नम्बर बढ़ा गयी। प्रदेश संगठन के बड़े नेता एक हफ्ते से बयानबाजी करते तो नजर आए लेकिन ऐसे नाजुक मुद्दों पर त्वरित निर्णय के मामले में मात खा बैठी।
बीते सात दिन से कांग्रेस से उम्मीद की जा रही थी कि कम से कम देहरादून में मुख्यमंत्री आवास या राजभवन के द्वार जरूर खटखटाती लेकिन गर्मी में कांग्रेस आम चूसने के मौसम में संतरा छीलने के इंतजार इन बैठी ही रह गयी। शायद कांग्रेस इस इंतजार में है कि पहले पीड़िता की FIR दर्ज हो फिर सड़क संघर्ष को कमर कसी जाय।
द्वाराहाट की पीड़िता के चर्चित मुद्दे पर कुमायूँ के कुछ स्थानों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अवश्य प्रदर्शन किए। लेकिन वो कार्यकर्ता सीधे तौर पर पूर्व विधायक मदन बिष्ट के समर्थक बताए जा रहे हैं। मदन बिष्ट व महेश नेगी द्वाराहाट विधानसभा में एक दूसरे के खिलाफ चुनावी अखाड़े में लड़ते रहे हैं। इसलिए मदन बिष्ट समर्थकों का मैदान में उतरना एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया मानी जा रही है।
कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके है महेश नेगी
लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का अभी तक मीडिया में बयानों के अलावा शारीरिक हरकत के कोई आसार नही दिख रहे हैं। इस मामले में यह बात भी सामने आ रही है कि आरोपी विधायक महेश नेगी पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर भी दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। इसीलिए कांग्रेस के नेता पुराने सम्बन्धों को देखते हुए भी सेक्स कांड पर करवट लेने से परहेज कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं से नजदीकी संबंधों को लेकर भी महेश नेगी व भाजपा के खिलाफ वो माहौल नहीं बन पा रहा जिसकी जनता उम्मीद कर रही थी।अलबत्ता कांग्रेस के छात्र संगठन जरूर प्रदर्शन करते दिखे।लेकिन बड़े नेताओं का बड़ा कूच अभी भी मंथन की गहन प्रक्रिया से गुजर रहा है।
इधर, 2022 से पहले ऐसे मुद्दों ओर राजनीतिक दल तत्काल रोटियां सेकते हैं । महिला से जुड़ा मामला होने के कारण महिला कांग्रेस की भी हुंकार अभी तक सुनी नही गयी। उम्मीद यह थी मामले के 72 घंटे के अंदर कांग्रेस संगठन सभी 13 जिलों में विरोध कार्यक्रम करती। लेकिन अभी तक ऐसा भी नही हुआ। कुल मिलाकर कांग्रेस का यह कूल कूल रुख भाजपा के लिए फिलहाल चैन का सबब बन हुआ है।
हालांकि, भाजपा के इस चैन को आप पार्टी ने झंझोड़ने की कोशिश अवश्य की। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही आप ने सेक्स स्कैंडल के आरोपी भाजपा विधायक के खिलाफ झंडा तो उठा ही दिया है।
यूँ तो आप पार्टी का अभी उत्तराखण्ड में कोई ढांचा नही है, बावजूद इसके देहरादून में आप कार्यकर्ता गुरुवार को सड़क पर उतर गए। सेक्स स्कैंडल के आरोपी विधायक महेश नेगी की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमन्त्री आवास कूच किया। इस दौरान पुलिस से भी भिड़ गए। उधर, कांग्रेस पहले आप..पहले आप करती रह गयी। कांग्रेस की सेक्स स्कैंडल पर यह आप…आप कहीं भरी बरसात में भारी न पड़ जाय।
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