हाईकोर्ट ने आयुर्वेद विवि के पूर्व प्रभारी कुलसचिव की याचिका खारिज की

आयुर्वेद विवि में कुलपति की नियुक्ति का मामला नये मोड़ पर

अविकल उत्तराखण्ड

नैनीताल। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रभारी कुलसचिव डॉ० राजेश अधाना की कुलपति पद के आवेदन हेतु दायर रिट याचिका को आज उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।

हाईकोर्ट का यह फैसला उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुनील जोशी के लिए झटका माना जा रहा है।

राजेश आदाना से उच्च न्यायालय में रिट दायर की थी। जिससे कुलपति डॉ सुनील जोशी को 9 जून को उनके विरुद्ध न्यायालय की सुनवाई में लाभ मिल सके। लेकिन मंगलवार को न्यायालय ने यह कहते हुए खारिज कर दिया की कुलपति के लिए न्यूनतम 10 साल का आचार्य होना जरूरी है ।

गौरतलब है कि डॉ विनोद चौहान ने रिट याचिका संख्या 567/SB/ 2021 के माध्यम से उनके अवैध नियुक्ति को चुनौती दी है जिसकी अंतिम सुनवाई 9 जून को निर्धारित है ।

साथ ही शासन द्वारा डॉ० सुनील जोशी की नियुक्ति एवं वित्तीय अनियमितता के विरुद्ध जांच के लिए सेवानिवृत्त माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति केडी शाही को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है । और राज्य सतर्कता आयोग ने भी उनपर शिकंजा कस दिया है ।

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