कैंप के समापन पर शिक्षा मंत्री ने छात्रों को वितरित किये स्कूल बैग
कहा, गरीब छात्रों पर सरकार का फोकस, बनाये जा रहे हॉस्टल
अविकल उत्तराखंड /देहरादून। गर्मी की छुट्टियों में बच्चों की प्रतिभा को निखारने एवं उन्हें विभिन्न कलाओं में दक्ष करने के उद्देश्य से अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशालय उत्तराखंड द्वारा राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा देहरादून में सात दिवसीय समर कैम्प का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब व स्लम एरिया के 400 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। समर कैम्प के समापन पर विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार बाल अखबार का विमोचन किया साथ ही उन्होंने बच्चों को स्कूल बैग व शिक्षण सामग्री वितरित की। उन्होंने कहा कि गरीब छात्र-छात्राओं को क्वालिटी एजुकेशन देना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है इसीलिये राज्य सरकार प्रदेशभर में गरीब छात्र-छात्राओं के लिये विभिन्न योजना चला रही है इसके अलावा गरीब एवं निराश्रित व असहाय छात्र-छात्राओं के लिये प्रत्येक जनपद में छात्रावास भी बनाये जा रहे हैं।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा राजीव नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा में आयोजित समर कैम्प के समापन अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार क्वालिटी एजुकेशन को लेकर खासी गंभीर है। उन्होंने कहा कि सूबे के छात्र-छात्राओं खासकर गरीब व स्लम एरिया के बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा को लेकर राज्य सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा केन्द्र सरकार के सहायोग से गरीब एवं असहाय बच्चों के लिये प्रत्येक जनपद में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस छात्रावास बनाये जा रहे हैं ताकि वह इन छात्रावासों में रहकर इंटरमीडिएट तक की शिक्षा निःशुल्क शिक्षा दी जा सके। उन्होंने कहा कि गरीब और स्लम में रहने वाले छात्र-छात्राएं गर्मी की छुट्टियों का लाभ उठा सके इसके लिये अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा सात दिवसीय समर कैम्प का आयोजन किया गया, जिसमें राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब व स्लम एरिया के 400 बच्चों ने प्रतिभाग किया और खेल-खेल में विभिन्न गतिविधियों को सीखा।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की यह पहल सराहनीय है इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक साबित होते है और इस प्रकार की एक्टीविटीज समय-समय पर होनी आवश्यक है जिसका दीर्घकालिक प्रभाव बच्चों पर बना रहता है। विभागीय मंत्री ने बताया कि कैम्प में बच्चों को फुटबॉल, वालीबॉल, बैडमिंटन, कबड्डी, तथा खो-खो जैसे खेल सहित संगीत, नृत्य, कला, कविता, कहानी आदि रचना सिखाई गई। इसके अलावा रोल प्ले, बाल अखबार, वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित दैनिक गतिविधियां भी कैम्प में सिखाई गई।
उन्होंने बताया कि समर कैम्प के शुभारम्भ पर विभाग द्वारा बच्चों को ड्राइंग कॉपी, कलर पेंसिल, क्रेयान और एक फोल्डर उपलब्ध कराया गया, जबकि समापन अवसर पर सभी प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को स्कूल बैग, 5 कॉपी, पेंसिल बॉक्स सहित अन्य शिक्षण सामग्री वितरित की गई। विभागीय मंत्री ने समर कैम्प में सहयोग करने वाले विभिन्न एनजीओ अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, रूम टू रीड, लभया फाउंडेशन, ड्रीम ए ड्रीम, ब्लू आर्ब, आसरा एवं हंस फाउंडेशन का भी आभार जताया और भविष्य में भी उनसे सहयोग लेने की बात कही। निदेशक एससीईआरटी सीमा जौनसारी ने बताया कि विभाग द्वारा पिछले पांच वर्षों से समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है जिसमें असहाय एवं गरीब बच्चों को खेल के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों को सिखाया जा रहा है।
समर कैम्प में शामिल हुये इन विद्यालयों की छात्र-छात्राएं
अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा राजीव नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा में आयोजित समर कैम्प में राजकीय प्राथमिक विद्यालय नालापानी, लाडपुर, वाणी बिहार, ननूर खेड़ा, सुंदरवाला, आमवाला, जाखन, राजकीय इंटर कॉलेज नालापानी, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सुंदरवाला व वाणी विहार में पढ़ने वाले कक्षा 3 से कक्षा 9 तक के 400 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कैम्प में शिक्षा विभाग और सहयोगी संस्थाओं से लगभग 60 से अधिक शिक्षक, शिक्षिकाएं, अधिकारी एवं अन्य कार्मिकों ने भी अपना सहयोग प्रदान किया।
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