सिंचाई मंत्री महाराज ने गुरुवार को सूर्यधार बांध परियोजना स्थल का किया निरीक्षण
बोले महाराज- परियोजना की लागत 50 करोड़ से 64 करोड़ बढ़ना गलत, शासन सत्ता में हड़कंप
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।
सिंचाई व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने डोईवाला विधानसभा इलाके में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्यधार बांध परियोजना झील के निर्माण में हुई गड़बड़ी के जांच के आदेश दे दिए हैं।
उन्होंने मौके पर अधिकारियों से भी जवाब तलब किया।
थानो-भोगपुर के निकट बन रही सूर्यधार झील पर महाराज के इस कंकड़ फेंकने से उठी तरंगे कुछ अलग ही संकेत दे रही हैं।
सिंचाई मंत्री ने माना कि परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में गड़बड़ी हुई है। इस मामले में अधिकारियों ने सही ढंग से काम नही किया। यह एक बहुत बड़ी कमजोरी है।उन्होंने कहा कि इस इलाके के लोगों को रोजगार दिलाया जाएगा। सड़क भी बनाई जाएगी।
सतपाल महाराज ने गुरुवार को जाखन नदी पर बनने वाले सूर्यधार बैराज परियोजना स्थल का निरीक्षण करते हुए साफ साफ कहा कि एक साल में लागत 50 करोड़ से बढ़ाकर 64 करोड़ कर दी गयी है। इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुरूप परियोजना की लागत नही बढ़नी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बांध /झील की ऊंचाई व चौड़ाई को भी नए सिरे से देखना होगा। बांध से हुए पुनर्वास के मसले व किसानों को मिलने वाले मुआवजे पर सिचांई मंत्री असंतुष्ट दिखे।
महाराज ने कहा कि इस इलाके को बेहतर पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट के निरीक्षण के बाद सिंचाई मंत्री के कड़े तेवरों से शासन व भाजपा की राजनीति में सनसनी मच गई।
ऐसे मौके पर महाराज के स्थलीय निरीक्षण के दौरान खुलकर गड़बड़ी का लेखा जोखा देने से भाजपा सरकार के सामने नया संकट खड़ा हो गया है।
गौरतलब है कि सतपाल महाराज 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इस बीच, राम मंदिर भूमि पूजन पर भी महाराज के अयोध्या जाने से पार्टी की अंदरूनी राजनीति में काफी हलचल मची थी।
सूर्यधार बैराज परियोजना, एक नजर में
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत भोगपुर, घमंडपुर व लिस्ट्राबाद के 18 गांव की 1287 हेक्टेयर भूमि पर पूरे साल पर्याप्त सिंचाई की जा सकेगी। जलाशय के निर्माण से लगभग 33500 लोगों के लिए पेयजल का भंडारण भी किया जा सकेगा।
जलाशय निर्माण से इस क्षेत्र में पर्यटन का समुचित विकास होगा। महाराज ने आज सूर्यधार बैराज के निरीक्षण के दौरान बताया कि नाबार्ड मद के अंतर्गत बनने वाले इस बैराज के निर्माण की योजना लागत 50.24 करोड़ तय की गई थी जिसे बढ़ा कर 64.12 करोड़ कर दिया गया जो कि एक गंभीर मामला है। उन्होने कहा कि ऐसा क्यों हुआ है इसकी जांच की जायेगी। उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों से भी इस संबंध में जवाब तलब किये।
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