बेलड़ा गांव में दलित युवक की हत्या से पसरा तनाव

निर्दोष लोगों को जेल से रिहा करे सरकार -कांग्रेस

पहले ही हत्या का मुकदमा दर्ज किया होता तो डकैती की आरोपी ना बनती पुलिस

अविकल उत्तराखंड

हरिद्वार/ देहरादून। बेलड़ा बवाल की चिंगारी शांत पड़ती नहीं दिखाई दे रही है। बेलडा प्रकरण में नए-नए मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। ताजा मुकदमे में तो पुलिस को भी डकैती का आरोपी बना दिया गया है। जिससे यह विवाद शांत होने के बजाय अंदरूनी तौर पर तनाव का रूप ले रहा है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने इस मामले में सरकार को घेरते हुए विरोध की रणनीति बनाई है। बेलड़ा गांव कांड-निर्दोष लोगों को जेल से रिहा करे सरकार; यशपाल आर्य गौरतलब है कि पुलिस ने अगर ग्रामीणों की मांग पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया होता, तो इतना बड़ा तमाशा न होता। भले ही जांच के दौरान तथ्यों के आधार पर धाराएं घटाई और बढ़ा दी जाती। हालांकि, इस पूरे प्रकरण को ग्रामीण बनाम ग्रामीण बनाकर पेश किया जा रहा है।

रुड़की के बेलड़ा में युवक की मौत होने के बाद परिजन उसे संदिग्ध करार दे रहे थे। उनकी मांग इतनी थी कि युवक पंकज की हत्या की गई है, लिहाजा हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। पर, रुड़की पुलिस दुर्घटना करार देकर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की बात पर अड़ी रही। इसका परिणाम यह हुआ कि अंदरखाने ग्रामीणों में आक्रोश पनपनता गया। रुड़की पुलिस यदि हत्या का मुकदमा दर्ज कर भी लेती तब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद उन धाराओं को तुरंत ही हटाया जा सकता था। अब भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही दुर्घटना में युवक की मौत होने का मूल आधार है।

रुड़की पुलिस पोस्टमार्टम में हत्या की बात सामने आने पर मुकदमा दर्ज करने की बात कहकर ग्रामीणों को मना लेती, तब संभवत इतना बवाल न होता। गांव में दहशत का माहौल हझ। ग्रामीण डरे सहमे है। कब पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ले। हालांकि एसएसपी अजय सिंह ने भरोसा दिलाया है कि साक्ष्य के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी। किसी भी निर्दोष या बेगुनाह पर बिना साक्ष्य के कार्रवाई नहीं होगी।

बेलड़ा गांव कांड-निर्दोष लोगों को जेल से रिहा करे सरकार-कांग्रेस

नेता प्रतिपक्ष आर्य व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा ने कहा कि यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है इस घटना में महिलाओं को भी निर्ममता से पीटा गया है, जबकि एक युवक अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है. इस घटनाक्रम में कुछ ऐसे निर्दोष लोगों पर कार्रवाई की गई है, जो मृतक युवक के परिजनों को सांत्वना देने आए थे. वहीं, जिन लोगों ने पुलिस अधिकारियों पर हमला किया है, वह निंदनीय है, लेकिन निर्दोष लोगों पर बर्बरता पूर्वक जो लाठीचार्ज किया गया है वह भी उचित नहीं है. सरकार जेल में बंद निर्दोष लोगों को तत्काल रूप से रिहा करे और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दे. साथ ही इस प्रकरण में जो भी दोषी हैं, उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.

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