यूसीसी पर गठित कमेटी ने दिल्ली में प्रेस कर मीडिया से जानकारी साझा की
समिति ने ड्राफ्ट तैयार करते समय उत्तराखंड की पारंपरिक प्रथाओं की बारीकियों को ध्यान में रखा
27 मई 2022 को उत्तराखण्ड सरकार ने यूसीसी का गठन किया
यूसीसी समिति ने 63 व उपसमिति ने 143 बैठकें कर लिए सुझाव. कमेटी ने 40 स्थानों का दौरा किया
अविकल उत्तराखण्ड
नई दिल्ली। यूसीसी पर गठित एक्सपर्ट कमेटी की अध्यक्ष जस्टिस रंजना देसाई ने कहा उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार हो चुका है। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट ड्राफ्ट कोड के साथ जल्द ही मुद्रित कर उत्तराखंड सरकार को सौंपी जाएगी।
यूसीसी पर गठित कमेटी ने शक्रवार को दिल्ली में आहूत प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी।
समिति की अध्यक्ष देसाई ने बताया कि पहली बैठक 4 जुलाई 2022 को इसी हॉल में हुई थी। तब से समिति की 63 बार बैठक हो चुकी है। लिखित प्रस्तुतियाँ आमंत्रित करने के साथ-साथ सार्वजनिक संवाद कार्यक्रम आयोजित करके जनता की राय जानने के लिए पिछले साल एक उप-समिति का गठन किया गया था।
यूसीसी समिति ने अपने सार्वजनिक आउटरीच कार्यक्रम की शुरुआत सीमावर्ती आदिवासी गांव माणा से की और राज्य के सभी जिलों को कवर करते हुए 40 अलग-अलग स्थानों का दौरा किया, जिसका समापन 14 जून 2023 को दिल्ली में एक सार्वजनिक चर्चा में हुआ, जिसमें वहां रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों की भागीदारी थी। उप-समिति की देहरादून तथा अन्य स्थानों पर 143 बार बैठकें हुईं।
समिति ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, राज्य वैधानिक आयोगों के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के नेताओं के साथ भी बातचीत की। भारत के विधि आयोग के माननीय अध्यक्ष ने विशेषज्ञ समिति के सदस्यों के साथ बातचीत के लिए अनुरोध किया था। यह बातचीत 2 जून 2023 को आयोजित की गई थी जिसमें विधि आयोग और विशेषज्ञ समिति दोनों के सदस्यों के साथ-साथ अध्यक्ष भी उपस्थित थे।
उन्होंने बताया कि समिति ने परिश्रमपूर्वक सभी प्रकार की राय को ध्यान में रखा है और चुनिंदा देशों में वैधानिक ढांचे सहित विभिन्न क़ानूनों और असंहिताबद्ध कानूनों पर गौर किया है। इसके अलावा समिति ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित विभिन्न पारंपरिक प्रथाओं की बारीकियों को समझने की कोशिश की है।
गौरतलब है कि धामी सरकार ने उत्तराखंड के निवासियों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को विनियमित करने वाले विभिन्न मौजूदा कानूनों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। इस संबंध में अधिसूचना 27 मई 2022 को जारी की गई थी और संदर्भ की शर्तें 10 जून 2022 को अधिसूचित की गई थीं।
इस मौके पर समिति के सदस्य पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न प्रसाद, कुलपति सुरेखा डंगवाल, मनु गौड़ मौजूद रहे।
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