मालन नदी का पुल टूटने से गरमाई सियासत, कांग्रेस ने घेरा

साल भर पहले स्पीकर ने डीएम पौड़ी को लिखे पत्र में भू कटाव रोकने के लिए मालन नदी को गहरा कर बहाव को सीमित करने की बात कही ,देखें पत्र

पुल टूटने पर कांग्रेस ने घेरा, महाराज ने कहा-भेजें प्रस्ताव

मालन नदी को मध्य में गहरा करते हुए उसके बहाव को सीमित किया जाना आवश्यक है, ताकि प्रतिवर्ष हो रहे भू-कटाव को कुछ हद तक रोका जा सके- स्पीकर

अविकल उत्तराखण्ड

कोटद्वार/देहरादून। कोटद्वार की मालन नदी पर 2010 में बने पुल के टूट जाने के बाद सत्ता के गलियारों में हलचल मची हुई है। चूंकि , मामला स्पीकर ऋतु खंडूडी की विधानसभा का है। लिहाजा, पुल के टूटने के कारणों पर खुलेआम चर्चा हो रही है। और उच्चस्तरीय जांच की भी बात उठ रही है कि मालन नदी की दुर्दशा के असली चेहरे कौन कौन हैं।

इस बीच, डीएम पौड़ी को लिखे स्पीकर ऋतु खंडूडी का पत्र भी वॉयरल हो रहा है जिसमें उन्होंने डीएम को भू कटाव रोकने के लिए मालन नदी को गहरा करने की बात कही। दूसरी ओर, सिंचाई व बाढ़ मंत्री महाराज ने मालन नदी के टूटे पुल का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा ने स्पीकर ऋतु के बयानों की आड़ लेते हुए सरकार पर निशाना साधा है। मेहरा ने कहा कि इससे साबित हो गया कि सरकार खनन प्रेमी है।

गौरतलब है कि 13 जुलाई को टूटे पुल पर ही खड़े होकर स्पीकर ऋतु खंडूडी ने आपदा सचिव रंजीत सिन्हा को काफी कुछ कहा। दोनों की मोबाइल टॉक से यह भी खुलासा हुआ कि शासन को भेजे गए स्पीकर ऋतु खंडूडी के पत्रों की फुटबॉल बना दी गयी।

दूसरी ओर से रंजीत सिन्हा के कथन से यह भी पता चला कि नौकरशाही में बिल्कुल भी तालमेल नहीं है। और एक दूसरे पर आरोप मढ़ते हुए अपनी खाल बचा रहे हैं।

बहरहाल, एक बात तो यह साफ हो गई खनन एक प्रमुख कारण रहा। और मालन नदी के बहाव को मोड़ने के लिए रिटेनिंग वाल बनाने की स्पीकर की मांग भी पूरी नहीं हुई।

बीच से टूट गया मालन नदी का पुल

इस बीच, कोटद्वार व भाबर की लाइफ लाइन माने जाने वाले मालन नदी के पुल टूटने से कोटद्वार व देहरादून तक बैठकों का दौर जारी है।

इसके अलावा, साल भर पहले स्पीकर ऋतु खंडूडी के पौड़ी के डीएम को लिखे पत्र में मालन नदी से हो रहे भू कटाव को रोकने व बहाव सीमित करने के लिए नदी के बीच में गहरा करने की बात कही गयी।

नदी को तभी गहरा किया जा सकेगा जब जेसीबी से खुदाई व खनन किया जाय। पुल टूटने के बाद पुल के पिलर से कुछ ही दूरी पर काफी गहरे गड्ढे दिखाई दे रहे हैं। यही खुदाई कहीं पुल को भारी पड़ गयी। मालन का 80 फीसदी बहाव टूटे पिलर से होकर ही गुजर रहा था। इसी वजह से पिलर नदी का तेज बहाव नहीं झेल पाया।

यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या खनन माफिया को इतने गहरे गड्ढे करने की इजाजत किसने दी। अब चूंकि, स्पीकर पूरे मामले को लेकर नाराज है। लिहाजा, पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी सिर उठाने लगी है।

देखें, स्पीकर ऋतु खंडूडी का 20 जुलाई 2022 को पौड़ी को लिखा पत्र

विषयः बाढ एवं अतिवृष्टि से हो रहे भूमि कटाव को रोकने हेतु आवश्यक व्यवस्था कराने के सम्बन्ध में।

विधान सभा क्षेत्र कोटद्वार में प्रतिवर्ष बरसात में बाढ़ एवं अतिवृष्टि के कारण मालन नदी में आये दिन बाढ़ की स्थिति बनी रहती है जिसके कारण सिगड्डी से भोगपुर तक भूमि कटाव होने से अत्यधिक क्षति हो जाती है, फलस्वरूप क्षेत्रवासियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान हेतु मालन नदी को मध्य में गहरा करते हुए उसके बहाव को सीमित किया जाना आवश्यक है, ताकि प्रतिवर्ष हो रहे भू-कटाव को कुछ हद तक रोका जा सके।

अतः आपसे अपेक्षा है कि उपरोक्त समस्या के समाधान हेतु गम्भीरता से विचार कर यथाशीघ्र अग्रेत्तर कार्यवाही सुनिश्चित् करायें ।

Pls clik- मालन नदी के टूटे पुल का प्रस्ताव जल्द भेजें-महाराज

महाराज ने कहा मालन नदी पर टूटे पुल की जांच का प्रस्ताव शीघ्र भेंजे

मालन नदी का पुल टूटने पर स्पीकर ऋतु को आया गुस्सा

मालन नदी का पुल टूटने पर स्पीकर ने सचिव से जताई नाराजगी

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *