पूर्व उद्यान निदेशक डॉ बवेजा के भ्र्ष्टाचार की जांच एसआईटी करेगी

नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा,उद्यान घोटाले की एसआईटी नहीं सीबीआई जांच हो

सीएम धामी कर निर्देश पर एसआईटी का गठन.कुछ महीने पहले डॉ बवेजा को निलंबित किया गया था

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। धामी सरकार ने उद्यान निदेशक पद से हटाए गए डॉ हरविंदर बवेजा के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच एसआईटी से कराने का फैसला किया है। गृह विभाग में विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने इस आशय के आदेश जारी किए।

दूसरी ओर, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि , जब उच्च न्यायालय के सामने  सीबीआई ने मान लिया कि , भ्रष्टाचार का यह मामला सीबीआई के स्तर का है तो सरकार ने आनन – फानन में एस आई टी का गठन क्यों कर रही है ? आरोप लगाया कि सरकार जांच को कमजोर करना चाहती है।

एसआईटी टीम में एसएसपी अल्मोड़ा, एसपी सीबीसीआईडी हल्द्वानी समेत कृषि विभाग के अधिकारी शामिल किए गए हैं।

गृह अनुभाग – 04
खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा निदेशक के पद का दुरूपयोग करते हुये वित्तीय
अनियमितताओं के सम्बन्ध में विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुयी हैं, जिनका सम्बन्ध एक से अधिक जनपदों
से है तथा जिस कारण जांच का दायरा विस्तृत हो गया है।
देहरादून: दिनांक- 25 जुलाई, 2023 विषय:- डा० हरमिन्दर सिंह बवेजा, पूर्व निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तराखण्ड के विरुद्ध वित्तीय अनियमितताओं की जांच हेतु विशेष अन्वेषण दल (एस०आई०टी०) गठित किये जाने के सम्बन्ध में । महोदय, उपर्युक्त विषयक अवगत कराना है कि डा० हरमिन्दर सिंह बवेजा, पूर्व निदेशक, उद्यान एवं
2- उक्त स्थिति के दृष्टिगत मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि डा० हरमिन्दर सिंह बवेजा, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा निदेशक के पद का दुरूपयोग करते हुये की गयी वित्तीय अनियमितताओं की जांच हेतु निम्न विवरणानुसार विशेष अन्वेषण दल (एस०आई०टी०) गठित किये जाने का शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरान्त निर्णय लिया गया है :-
(i) पुलिस महानिरीक्षक, सी०आई०डी०, उत्तराखण्ड
(ii) वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अल्मोडा (iii) पुलिस अधीक्षक, सी०आई०डी०, हल्द्वानी
(iv) कृषि विभाग द्वारा नामित अधिकारी
सदस्य
सदस्य
सदस्य
(v) अध्यक्ष द्वारा नामित दो अन्य सदस्य
अध्यक्ष
3- अतः उक्तानुसार अध्यक्ष, विशेष अन्वेषण दल, 02 अन्य सदस्यों को co-opt करते हुये, उक्त गठित एस०आई०टी० के सदस्यों का पूर्ण विवरण यथाशीघ्र शासन को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही उपरोक्त गठित एस०आई०टी० द्वारा जांच का यथाशीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करते हुये प्रगति आख्या प्रत्येक माह शासन को उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
भवदीया,

डीआईजी रैंक के अफसर के नेतृत्व में गठित टीम उद्यान घोटाले की जांच करेगी। इस घोटाले में कई अन्य लोग भी संदेह के घेरे में हैं।

भाजपा के ही शासनकाल में बवेजा को हिमाचल से उत्तराखण्ड लाया गया था। बवेजा के खिलाफ काश्तकारों ने देहरादून में धरना प्रदर्शन भी किया था। लेकिन सत्ता पक्ष के एक गुट की खुली मिलने के बाद उद्यान निदेशक कीमनमानी चलती रही।

डॉ बवेजा पर हिमाचल में भी घोटालों के मामले चल रहे हैं। हिमाचल सरकार ने चार्जशीट भी सौंपी है।

गौरतलब है कि भाजपा विधायक दुर्गेश लाल ने उत्तरकाशी के जरमोला उद्यान नर्सरी में हुए घोटाले को लेकर बाकायदा वीडियो जारी किया था। इस प्रकरण को “अविकल उत्तराखण्ड” ने प्रमुखता से उठाया था। मीडिया की सुर्खियां बनने पर सीएम धामी उद्यान निदेशक को निलंबित कर दिया था।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य

          पूर्व उद्यान निदेशक डॉ हरमिंदर सिंह बवेजा के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा आज अचानक एस आई टी गठित करने के निर्णय को नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सुनियोजित तरीके से जांच को कमजोर हाथों में देना बताया । यशपाल आर्य ने कहा कि , जब माननीय उच्च न्यायालय के सामने  सीबीआई ने मान लिया कि , भ्रष्टाचार का यह मामला सीबीआई के स्तर का है तो सरकार ने आनन – फानन में एस आई टी का गठन क्यों कर रही है ?
          उन्होंने कहा कि जीरो टॉलरेंस वाली सरकार बताए कि , जब सीबीआई  उद्यान घोटाले की जांच करने के लिए तैयार थी तो राज्य सरकार ने क्यों एस आई टी  जांच का नोटिसिफिकेशन जारी किया।
         यशपाल आर्य ने पूछा कि आखिर मुख्यमंत्री को सीबीआई और उसकी जांच से क्या डर है ? उन्होंने कहा कि , यह राज्य की अस्मिता का सवाल था और यह सही समय था कि उसे लूटने वालों की जांच सीबीआई से कराई जाती।

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