विश्वविद्यालय डिजिटाइजेशन व पारदर्शी परीक्षा प्रणाली की दिशा में आगे बढ़ रहा- कुलपति
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादन। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से गुरुवार को वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने मुलाकात की। प्रो. ओंकार सिंह को कुलपति के रूप में एक वर्ष का समय पूर्ण हो चुका है। उन्होंने राज्यपाल को विश्वविद्यालय की विगत एक वर्ष की महत्वपूर्ण उपलब्धियों एवं गतिविधियों पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया। कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने राज्यपाल को बताया कि विश्वविद्यालय में संपूर्ण प्रक्रिया डिजिटाइजेशन करने की दिशा में किए गए प्रयासों के अंतर्गत परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता व समयबद्धता लाने में महत्वपूर्ण प्रयास किया गया।
परीक्षाओं के प्रश्नपत्र को लीकेज की संभावनाओं से मुक्त रखने के दृष्टिगत डिजिटल माध्यम से पासवर्ड सुरक्षा के साथ परीक्षा केंद्रों को प्रत्येक परीक्षा प्रारंभ होने से पूर्व प्रश्नपत्रों का परीक्षण प्रारंभ किया गया है। इस क्रम में छात्रों की परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली में विश्वास पैदा करने के दृष्टिगत मूल्यांकित उत्तरपुस्तिकाओं को परीक्षाफल निर्माण से पूर्व डिजिटली अवलोकित कराये जाने की व्यवस्था प्रारंभ कर विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा प्रणाली में गुणवत्ता स्थापित करने का सफल प्रयास किया गया है।
उन्होंने बताया कि सभी संस्थानों में छात्रों की समुचित उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु शैक्षिक कार्यक्रमों को गुणवत्तापरक बनाये जाने के साथ-साथ अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम को लागू किया गया है। इसके माध्यम से छात्रों की कक्षाओं में दैनिक उपस्थिति को वेब पोर्टल के माध्यम से निगरानी की जा रही है जिसे छात्र स्वयं, उनके अभिभावक, संस्था के प्रमुख एवं विश्वविद्यालय उपस्थिति को आवश्यकतानुसार अवलोकित कर सुधारात्मक कार्यवाही कर सकते हैं।
कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में बीटेक प्रारंभ कर इस क्षेत्र में ‘‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन साइबर सिक्योरिटी’’ स्थापना की शुरुआत की है। विश्वविद्यालय के द्वारा आईएमए के साथ मिलकर पीजी डिप्लोमा इन मिलेट्री स्टडीज एंड डिफेंस मैनेजमेंट को संचालित कर सैन्य शिक्षा के क्षेत्र में मजबूत पहल की है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा सभी संस्थानों में दो सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल का चयन कर उन पर छात्रों व शिक्षकों को प्रभावी रूप से प्रोजेक्ट, वर्कशॉप, सेमिनार के माध्यम से कार्य कराकर वैश्विक स्तर पर इन लक्ष्यों की प्राप्ति में एक महती योगदान देने का प्रयास किया गया है।
कुलपति द्वारा अवगत कराया गया कि विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ही अपने सभी पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार परिमार्जित कर सामयिक आवश्यकताओं के अनुरूप, क्रेडिट आधारित नया ऑर्डिनेंस व पाठ्यक्रम लागू किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा उत्तरकाशी में तकनीकी संस्थान वर्तमान सत्र से ही प्रारंभ कर उस क्षेत्र के छात्र-छात्राओं के लिए कम्प्यूटर साइंस एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व मशीन लर्निंग में बीटेक करने के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
राज्यपाल ने उपलब्धियों हेतु कुलपति एवं विश्वविद्यालय टीम की प्रशंसा करते हुए अन्य विश्वविद्यालयों को भी इन बैस्ट प्रैक्टिसिस को अपनाने को कहा है। उन्होंने कुलपति प्रो. ओंकार सिंह एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के नवाचारों और प्रयासों की सराहना की।
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