श्री बद्री-केदार मंदिर समिति ने सिंह द्वार का ट्रीटमेंट का किया था अनुरोध
अविकल उत्तराखंड/गोपेश्वर/ देहरादून। श्री बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( एएसआई) के सहयोग से श्री बद्रीनाथ मंदिर सिंह द्वार में सूक्ष्म दरारों का उपचार- मरम्मत एवं रखरखाव का कार्य शुरू कर दिया है। श्री बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बीते वर्ष 2022 में शासन से श्री बद्रीनाथ मंदिर सिंह द्वार तथा श्री लक्ष्मी मंदिर की दीवारों में सूक्ष्म दरारों तथा सिंह द्वार के मध्य में हल्के जल रिसाव के उपचार तथा मरम्मत हेतु अनुरोध किया था तथा एएसआई अपर महानिदेशक ( संरक्षण एवं वर्ल्ड हेरिटेज) जान्ह्वीज शर्मा से इस संबंध में विस्तृत वार्ता की थी। जिस पर माह अक्टूबर 2022 के प्रथम सप्ताह में आर्किलाजिकल सर्वे आफ इंडिया ( एएसआई) ने अपनी टीम से सिंह द्वार का निरीक्षण कराया था तथा सिंह द्वार में हल्की दरारों की पुष्टि हुई थी।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि एएसआई ने दरारों के वृहत्त परीक्षण हेतु ग्लास टायल लगाये थे ताकि दरारों के घटने – बढने का सहीं आंकलन हो सके। ग्लास टायल लगाने के बाद पुनः एएसआई द्वारा सिंह द्वार का निरीक्षण किया गया लेकिन दरारों में अधिक बदलाव अथवा बढ़ोतरी नहीं हुई नहीं भू धंसाव आंका गया। अब इसके पश्चात अब प्रथम फेज के उपचार में सिंह द्वार के दायें भाग के मरम्मत का कार्य शुरू हो गया है सिंह द्वार के दोनों छोर का क्रमशः उपचार कार्य किया जा रहा है।
सिंह द्वार के उपचार कार्य से पहले विधिवत पूजा अर्चना की गयी इस अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार सहित सहायक अभियंता गिरीश देवली, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट, एएसआई ट्रीटमेंट एक्सपर्ट नीरज मैठाणी एवं आशीष सेमवाल अवर अभियंता गिरीश रावत आदि मौजूद रहे।
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