चाय बागान जमीन फर्जीवाड़े में दो और अभियुक्त गिरफ्तार

इमरान से पूछताछ में अहम सुराग हाथ लगे

करोड़ों के भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड की तलाश जारी

करोड़ों के भूमि घोटाले में कई सफेदपोश के नाम भी

तीन पहले हो चुके गिरफ्तार

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। रजिस्ट्रार कार्यालय में चाय बागान की जमीनों के दस्तावेजों में हेर फेर कर करोड़ों के जमीन घोटाले में एसआईटी ने वकील इमरान व अजय क्षेत्री को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभियुक्त इमरान अहमद को नेहरू कॉलोनी क्षेत्र से गिरफ्तार किया। जबकि
रजिस्ट्रार कार्यालय में बाइडिंग का कार्य करने वाले अजय क्षेत्री को बल्लूपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया ।

इस सनसनीखेज मामले के मास्टरमाइंड को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। यह मास्टरमाइंड ही पर्दे के पीछे से सारा खेल कर रहा था। पुलिस जांच टीम जमीन घोटाले से जुड़े सफेदपोशों तक पहुंचने की जुगत में लगी है।

पूछताछ में पता चला कि अभियुक्त इमरान का अन्य सहयोगियों के माध्यम से सहारनपुर निवासी केपी (कुंवर पाल ) से हुआ था । रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त अजय क्षेत्री  विवादित व खाली पड़ी जमीनों के कागजात जिल्द फाइलों से निकालकर केपी को देता था। केपी अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर उन कागजातों की फर्जी रजिस्ट्रियां बनाकर कर पुनः उनकी प्रतियां उन्ही जिल्द फाइलों में  लगवा देता था। यह काम अजय क्षेत्री करता था।

क्षेत्री ने बताया कि वह केपी के सम्पर्क में काफी समय से था । और  लालच में रिकॉर्ड रूम से पुराने वर्षों की जिल्द फाइलों से कागज निकालकर केपी को देता था।

और केपी  उन कागजों के बदले दूसरे कागज तैयार कर देता था और फिर उन कूटरचित कागजातों को जिल्द फाइलो में उसी क्रम में चिपका दिया जाता था । इसके बाद केपी व वकील इमरान व उसके अन्य सहयोगी सम्बन्धित भूमि पर कब्जा कर उनकी रजिस्ट्रियां विभिन्न प्रॉपर्टी डीलरों के माध्यम से बेच देते थे। और प्रॉफिट बांट लिया जाता था।

  पूछताछ में पता चला कि  केपी के अलावा अन्य कई नये सफेदपोश भी इस भूमि घोटाले गिरोह में शामिल हैं। रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त अन्य कर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

गौरतलब है कि देहरादून के जमीन फर्जीवाड़े में
पुलिस ने 12 अगस्त को  सन्तोष अग्रवाल, दीप चन्द अग्रवाल व रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त डालचन्द को गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पूर्व, मक्खन सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था।

ये सभी न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार में बन्द हैं। इन लोगों से विस्तृत पूछताछ में कई अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आये थे जिनकी जिनकी तलाश में गठित टीम  लगातार दबिश दे रही है।

रजिस्ट्री कार्यालय में गड़बड़ी की सूचना मिलने पर सीएम धामी ने मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे। नतीजतन, 15 जुलाई को  संदीप श्रीवास्तव, सहायक महानिरीक्षक निबंधन  की जांच रिपोर्ट के बाद तीन सदस्यीय जांच  समिति गठित की।

जांच में भारी हेर फर्क खुलासा हुआ। उप निबंधक कार्यालय प्रथम / द्दितीय जनपद देहरादून में भिन्न-भिन्न भूमि विक्रय विलेख से सम्बन्धित धारित जिल्दों  के साथ छेडछाड कर अभिलेखों की कूटरचना के सम्बन्ध में दी गयी तहरीर के आधार पर कोतवाली में ( मु0अ0स0 281/2023 धारा 420/120बी/467/468/471 भादवि ) बनाम अज्ञात अभियुक्तगण मुकदमा दर्ज किया गया था।

  तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अपराध सर्वेश कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी टीम का गठन किया गया । टीम ने  रिंग रोड से सम्बन्धित 30 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर सभी लोगों से पूछताछ की ।

पूछताछ में कुछ प्रॉपर्टी डीलर के नाम प्रकाश में आये ।   टीम ने कई संदिग्धों के विभिन्न बैंक खातों को भी खंगाला। खाते में करोड़ों के लेनदेन की पुष्टि हुई।

अभियुक्तगण के नाम

1-अभियुक्त इमरान अहमद पुत्र स्व0 तोहित अमहद नि0 226/2 आकाशदीप कालोनी बल्लूपुर रोड़ थाना कैण्ट देहरादून उम्र – 34 वर्ष

2. अभियुक्त अजय सिंह क्षेत्री पुत्र स्व0 श्री देवानन्द क्षेत्री नि0 21 गांधी नगर बल्लूपुर रोड़ थाना गढीकैन्ट देहरादून उम्र 50 वर्ष

पूछताछ का विवरण

अभियुक्तगणों की पूछताछ में प्रकाश में आये तथ्य अब तक की विवेचना से एवं गिरफ्तारशुदा अभिगणों के बयानों तथा प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर यह बात प्रकाश में आयी कि रजिस्ट्रार ऑफिस में नियुक्त बाइन्डर अजय क्षेत्री ने लालच में आकर वर्ष 1984-85 व वर्ष 1980 की जिल्द फाइलो में से ऐसे कागजात जो लोन, लीज, तितम्बा, किरायेनामा आदि से सम्बन्धित हो उन कागजातों को फाइलों से निकालकर अभियुक्त के0पी0 को दिया जिसके पश्चात अभियुक्त गणों ने रिंग रोड, रानी पोखरी, नवादा आदि जमीनो के भूस्वामियों के नाम से अपने आदमियो के नाम की फर्जी रजिस्ट्रियां करना दिखाते हुये उन कागजो को वापस अजय क्षेत्री के माध्यम से पुनः उसी क्रम में उसी वर्ष की जिल्द फाइलो में चिपका दिया जाता था। इसके पश्चात अभि0गण रजिस्ट्रार कार्यालय से प्रमाणित प्रति प्राप्त कर उन जमींनो की दाखिल खारिज करवाकर प्रॉपर्टी डीलरो के माध्यम से जमीने बेचा करते थे अभिगणों ने इन कूटरचित रजिस्ट्रियों के माध्यम से जमीने बेचकर लगभग 15 करोड़ से अधिक का मुनाफा कमाया जिसका बंटवारा अभिगणों एवं अन्य प्रकाश में आये अभियुक्तों ने आपस में तय किये प्रतिशत अनुसार बांट लिये तथा के०पी० द्वारा बाइन्डर अजय क्षेत्री को भी उपरोक्त काम के एवज में करीब 45 लाख का 166 गज का एक प्लॉट रिंग रोड पर रजिस्ट्री कर दिया गया साथ ही लगभग 10-15 लाख रूपये की आर्थिक मदद विभिन्न तरीके से करी ।

बरामदगी-

अभियुक्त अजय क्षेत्री के कब्जे से अभि0 के0पी0 व संतोष अग्रवाल व अन्य प्रकाश में आये अभियुक्तों द्वारा रिंग रोड पर खसरा नं0 1584 रकबा 166 गज भूमि प्लॉट की रजिस्ट्री व अभियुक्त अजय क्षेत्री के बैंक अकाउण्ट की पासबुक, जिसमें लाखों रूपये की एन्ट्री है।

पर्यवेक्षण अधिकारी-

1- श्री सर्वेश कुमार पंवार, पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून
2. श्रीमती सरिता डोभाल, पुलिस अधीक्षक नगर देहरादून
3- श्री मिथिलेश कुमार, पुलिस अधीक्षक अपराध देहरादून
4. श्री नीरज सेमवाल, क्षेत्राधिकारी नगर देहरादून

पुलिस टीम-

1- श्री राकेश कुमार गुसांई प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर
2- श्री नन्द किशोर भट्ट प्रभारी एस0ओ0जी0
3-श्री प्रदीप सिंह रावत व0उ0नि0 कोतवाली नगर
4-श्री नवीन चन्द्र जुराल उ0नि0 कोतवाली नगर
5-श्री मनमोहन सिंह नेगी उ0नि0 पुलिस कार्यालय
6-उ0नि0 हर्ष अरोडा एस0ओ0जी0
7-कानि0 किरन कुमार एस0ओ0जी0
8-कानि0 आशीष शर्मा एस0ओ0जी0
9-कान ललित कुमार एस0ओ0जी0
10- कानि0 पंकज कुमार एस0ओ0जी0
11- कानि0 अमित कुमार एस0ओ0जी0
12- कानि0 देवेन्द्र कुमार एस0ओ0जी0
13- कानि0 विपिन एस0ओ0जी0
14- कानि0 लोकेन्द्र उनियाल कोतवाली नगर

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