रुड़की के पूर्व मेयर के परिवार को करोड़ों की रिकवरी का नोटिस जारी

देखें नोटिस- सात दिन में 1.38 करोड़ जमा करने होंगे

अधिकारियों ने गलत रिपोर्ट बनाई और कम मुआवजा दिया- पूर्व मेयर

अविकल उत्तराखंड

रुड़की। नगर निगम के पूर्व मेयर गौरव गोयल नये विवाद में फंस गए है। मामला करोड़ों रुपए के सरकारी मुआवजे से जुड़ा है। हाईवे बाईपास में अधिग्रहीत भूमि का अधिक मुआवजा लेने के आरोप में रुड़की के पूर्व मेयर गौरव गोयल समेत उनके परिवार के लोगों को 1.38 करोड़ की रिकवरी के नोटिस जारी किए गए हैं। मुआवजे की धनराशि एक हफ्ते में लौटानी होगी। इस नोटिस के खिलाफ पूर्व मेयर ने हाईकोर्ट में वाद दायर किया है। यह तीन नोटिस प्रकरण एक पूर्व मेयर के नाम, दूसरा उनकी पत्नी के एवं तीसरा उनकी माता के नाम है । जबकि इसी खसरा नंबर में तीन से चार बेनामी संपत्ति भी इन्हीं की है जिनका भी अधिक मुआवजा लिया गया है।

गौरतलब है कि पूर्व मेयर गौरव गोयल को कुछ महीने पूर्व इस्तीफा देना पड़ा था।इधर, ताजे घटनाक्रम के चलते बीते 10 अगस्त को जारी नोटिस में विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी हरिद्वार की ओर से पूर्व मेयर गौरव गोयल को जारी किए गए नोटिस में बताया गया है कि ग्रीन फील्ड भारतमाला परियोजना से प्रभावित गांव सालियर साल्हापुर मुस्तहकम की भूमि खसरा संख्या 561 की अधिग्रहित भूमि का प्रतिकर 82 लाख 87 हजार 130 रुपये जारी किया गया है। जबकि उन्हें 36 लाख 81. हजार 507 रुपये का भुगतान किया जाना था। ऐसे में 46 लाख 5 हजार 623 रुपये का अधिक भुगतान हुआ है। 


दूसरा नोटिस उनकी पत्नी शालिनी गोयल के नाम से जारी किया गया है। इसमें 46 लाख 71 हजार 463 रुपये की रिकवरी जमा कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा पूर्व मेयर की माता प्रभा गोयल को जारी नोटिस में 46 लाख पांच हजार 623 रुपये जमा धनराशि जमा कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक हाईवे बाईपास निर्माण में एक खसरा संख्या में शामिल 50 से अधिक भूमि स्वामियों को अधिक मुआवजा दिया गया है। इन्हें करोड़ों की रकम ज्यादा मिली है।

दूसरी ओर, पूर्व मेयर गौरव ने कहा कि अधिकारियों की ओर से गलत रिपोर्ट बनाई गई है। मुआवजा कम दिया गया है जिसे लेकर आर्बिट्रेशन में मुकदमा चल रहा है। जो नोटिस जारी हुए हैं, उन्हें लेकर हाईकोर्ट में वाद दायर कर दिया गया है।

(एजेंसी से साभार)

देखें, पूर्व मेयर का विस्तृत जवाबी पत्र

पूर्व मेयर ने रिकवरी नोटिस को अवैध बताया. कहा, निरस्त करें नोटिस

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *