अध्यापक की साधना से संवर रहा दुर्गम इलाके के स्टूडेंट्स का भविष्य

शिक्षक दिवस पर विशेष- स्टूडेंट्स का करियर बनाने में जुटे हैं शिक्षक महेंद्र रौतेला

अविकल उत्तराखंड

पौड़ी। गढ़वाल के विकासखंड एकेश्वर के अंतर्गत राजकीय अटल उत्कृष्ट इंटरमीडिएट कॉलेज नौगांवखाल में कार्यरत जीव विज्ञान प्रवक्ता महेंद्र रौतेला के समर्पण व साधना से क्षेत्र के कई विधार्थियों का भविष्य संवर रहा है। महेंद्र रौतेला की इस विद्यालय लोक सेवा आयोग के माध्यम से जीव विज्ञान प्रवक्ता के रूप प्रथम नियुक्ति 2006 में हुई।

इन 17 सालों के दौरान उन्होंने विद्यालय में नवाचारी शिक्षा, प्रयोगशाला की स्थिति को बेहतर बनाकर, बच्चों को रोजगारमूलक शिक्षा की तैयारी, विद्यालय में भूगोल विषय का अध्यापक का पद रिक्त होने पर छात्र -छात्रों को विषय को पढ़ाने के साथ -साथ विकासखंड विज्ञान समन्वयक रहते हुए उत्तर भारत स्तर, राज्य स्तर व जिला स्तर पर विशेष स्थान प्राप्त किया है।

नवाचारी शिक्षा में छात्र -छात्राओं को गूगल मेट, पेनटैब के माध्यम से बच्चों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से शिक्षा देने के साथ -साथ रविवार व छुट्टी को अतिरिक्त कक्षायें चलाने के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कराते है।

महेंद्र रौतेला ने बताया कि वो अध्यापन को ही अपनी साधना मानते है और उनका लक्ष्य पहाड़ी क्षेत्र के दुर्गम क्षेत्र के संसाधनविहीन बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देकर उनका भविष्य संवारना है। शिक्षक रौतेला गरीब बच्चों की फीस व किताबों की व्यवस्था अपनी जेब से करते है। स्कूल के समय के बाद भी उनके घर के दरवाजे विद्यार्थियों के लिए हर समय खुले रहते हैं। विज्ञान व अन्य विषयों में अपनी समस्या के समाधान हेतु विद्यार्थी उनके घर भी हर समय पहुँच जाते है।

आज उनके द्वारा पढ़ाये गए चार छात्र -छात्राएँ फार्मेसी व छात्राएं नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे है। उन्हीं के निर्देशन में विज्ञान ड्रामा में उत्तराखण्ड राज्य को उत्तर- भारत स्तर पर द्वितीय स्थान मिला।

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