अविकल उत्तराखंड
देहारादून। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में आयोजित हुई दो दिन की पहाड़ी लोक गीत कार्यशाला ’रैबार’।
इस कार्यशाला में पहाड़ की संस्कृति और पहाड़ के लोक गीतों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की गई। कार्यशाला के पहले दिन पद्मश्री बसंती देवी ने बच्चों को बताया कि अगर आप को पहाड़ी संगीत सीखना है तो उसके लिए रियाज बहुत जरूरी है। साथ ही बच्चों को पहाड़ी गीत जागर भी गा के बताया।
वहीं कार्यशाला के दूसरे दिन पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल ने बच्चों को लोक गीत, नृत्य और वादन की बारिकियां सिखाई। माधुरी बड़थ्वाल ने छात्र-छात्राओं को लोक गीत कैसे बनते है और कैसे गाऐ जाते हैं इसकी जानकारी साझा की।
बच्चों को थड़िया और चैंफला, ये दो गीत कार्यशाला में आज सिखाए गए। साथ ही छात्र-छात्राओं को लोक गीत पर नृत्य भी सिखाया गया। यह कार्यशाला ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के प्रो. के. पी. नौटियाल आॅडिटोरियम में आयोजित की गई।
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