द्वितीय व्हाइट कोट सेरेमनी व एनुअल रिसर्च -डे समारोह का आयोजन

एम्स ऋषिकेश में एमबीबीएस- 2023 के नए सत्र का विधिवत शुभारंभ

अविकल उत्तराखंड

ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में बुधवार को संस्थान के द्वितीय व्हाइट कोट सेरेमनी एवं एनुअल रिसर्च -डे समारोह का आयोजन किया गया। इसके साथ ही संस्थान में एमबीबीएस- 2023 के नए सत्र का विधिवत शुभारंभ हो गया। इस दौरान समारोह के मुख्य अतिथि पीजीआईएमआर चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने कहा कि देश के एम्स संस्थान मेडिकल सिस्टम का कोहिनूर है। चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में आने वाले प्रत्येक एमबीबीएस के छात्र को रोगियों की सेवा कर इस कोहिनूर का ऋण चुकाने का संकल्प लेने की आवश्यकता है।

एम्स ऋषिकेश में एमबीबीएस नए सत्र 2023 बैच का बुधवार से शुभारंभ हो गया। इस अवसर पर संस्थान के ऑडिटोरियम में द्वितीय व्हाइट कोट समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में एमबीबीएस 2023 बैच के 125 छात्र-छात्राओं को व्हाइट कोट देकर चिकित्सकीय क्षेत्र में शामिल किया गया। इस अवसर पर व्हाइट कोट सेरेमनी के मुख्य अतिथि पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में डॉक्टर का पेशा दुनिया में स्वाभिमान से जीने का सर्वोच्च पेशा है। कहा कि डॉक्टर्स भाग्यशाली होते हैं, जो उन्हें मानव सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है। प्रो. लाल ने रोगियों की सेवा करने को जीवन का सबसे बड़ा धर्म बताया और कहा कि जीवन में पेशेन्ट दर्द को अपना दर्द मानकर चलने से चिकित्सा सेवा के क्षेत्र को चरित्रार्थ करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर उन्होंने देश के एम्स संस्थानों को मेडिकल सिस्टम का कोहिनूर बताया और मेडिकल के छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि डॉक्टर बन जाने पर उन्हें चाहिए कि वह समाज में दीन-दुखी रोगियों की सेवा कर इस कोहिनूर का ऋण लौटाएं। विद्यार्थियों में जोश भरते हुए प्रो. लाल ने कहा कि उन्हें गर्व होना चाहिए कि उनका चयन देश के एम्स संस्थान में हुआ है। विद्याथियों को चाहिए कि वह जीवनभर मानवता की सेवा में समर्पित होकर कार्य करें।

इस अवसर पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने नए सत्र की शुरुआत होने पर एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं को बधाई दी और कहा कि देश-दुनिया के लिए चिकित्सा, अनुसंधान और विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करते रहना ही व्हाईट कोट की पहचान है। उन्होंने आह्वान किया कि विश्व को रोग रहित बनाना ही हमारा धर्म होना चाहिए। हमको इसी भावना के साथ पेशेन्ट केयर के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने चिकित्सा सेवा को ध्यान में रखते हुए पठन-पाठन के साथ समर्पण भाव से रोगियों की सेवा करने का संकल्प लेने की बात कही।

संस्थान की डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने नया सत्र शुरू होने पर छात्र-छात्राओं को बधाई दी और कहा कि यह समारोह मेडिकल के छात्रों को भविष्य के चिकित्सकों के रूप में अपने जीवन में निभाई जाने वाली जिम्मेदारी और भूमिका को समझने में मदद करेगा। एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

इस अवसर पर आयोजित ’एनुअल रिसर्च डे’के तहत मुख्य अतिथि जवाहर लाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एण्ड रिसर्च (जेआईपीएमईआर) पुड्डुचेरी के अध्यक्ष प्रो. वी.एम. कटोच ने कहा कि अनुसंधान की नींव एमबीबीएस की पढ़ाई पर ही टिकी है। इसलिए प्रत्येक स्टूडेंट को चाहिए कि वह अपना पूरा फोकस एमबीबीएस लेवल की पढ़ाई पर रखे। उन्होंने कहा कि संकाय सदस्यों व फेकल्टी को चाहिए कि उन्हें किसी कोर एरिया में फोकस पर अनुसंधान कार्यों पर जोर देना चाहिए। विशेष सब्जेक्ट पर अनुसंधान कार्य करने से वह जल्द ही अचीवमेंट प्राप्त कर सकेंगे। प्रो. कटोच ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि एम्स ऋषिकेश के 10 छात्र-छात्राओं को एसटीएस आईसीएमआर स्कॉलरशिप प्राप्त हो रही है। उल्लेखनीय है कि नेशनल स्तर की यह ग्रांट उन विद्यार्थियों को दी जाती है जो अध्ययनकाल में भी अनुसंधान संबंधी कार्य कर रहे हैं। रिसर्च डे के अवसर पर एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा शरीर क्रिया विज्ञान के मॉडल बनाकर प्रस्तुत किए गए प्रोजेक्ट्स की सराहना की गई।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि द्वारा रिसर्च क्षेत्र में कार्य कर रहे 13 संकाय सदस्यों, पांच यूजी,पीजी व पीएचडी के छात्रों और 9 पेटेंट अवॉर्ड दिए गए। साथ ही वर्षभर अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य करने वाले रिसर्च रिव्यूअर्स को सम्मानित किया गया।
फिजियोलॉजी विभाग की एसो. प्रोफेसर डॉ. जयन्ती पंत के संचालन में आयोजित समारोह में डीन एग्जामिनेशन प्रो. प्रशांत पाटिल, डीन रिसर्च प्रो. शैलेन्द्र हाण्डू, डॉ. फरहानुल हुदा, डॉ. वन्दना धींगरा, डॉ. अमित सहरावत, डॉ. रविकान्त, डॉ. गीता नेगी, डॉ. रजनीश अरोड़ा, डॉ. मोनिका पठानिया, डॉ. बलरामजी ओमर, डॉ. लतिका चावला, डा. बेला गोयल, डा. मृदुल, डा. अश्विनी सहित कई अन्य फेकल्टी मेम्बर, उप निदेशक प्रशासन कर्नल राकेश कुमार, प्रशासनिक अधिकारी गौरव बडोला, विधि अधिकारी प्रदीप चन्द्र पाण्डेय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, स्टाफ और पीजी के स्टूडेन्ट्स आदि मौजूद रहे।

एनुअल रिसर्च डे पर संस्थान के कई फेकल्टी सदस्यों को अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर उन्हें रिसर्च डे अवार्ड से नवाजा गया। इनमें डॉ. मयंक प्रियदर्शी, डॉ. कविता खोईवाल, डॉ. इंद्र कुमार सहरावत, डॉ.प्रतीक कुमार पांडा, डॉ. बलरामजी ओमर, डॉ. पंकज कंडवाल, डॉ. वर्तिका सक्सेना, डॉ. देवरति चटोपाध्याय, डॉ.अजय अग्रवाल, डॉ. रविकांत, डॉ.सुनीता मित्तल, डॉ. रजनीश कुमार अरोड़ा, डॉ.लतिका चावला, डॉ. जयंती पंत व डॉ. अंकित अग्रवाल।

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