संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक संघ के चार नेताओं को कारण बताओ नोटिस

उत्तराखण्ड संस्कृत विवि के कुलपति ने कहा, संघ की ओर से विवि को उपलब्ध कराए गए दस्तावेज असत्य व अप्रमाणित

संस्कृत शिक्षक संघ एक सप्ताह के अंदर दे जवाब, नहीं तो होगी कानूनी कार्रवाई

संगठन ने शासन के दो सचिव के नाम का उल्लेख से भी संदेह बढ़ा

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। उत्तराखण्ड संस्कृत विवि के कुलपति प्रो.दिनेश चंद्र शास्त्री ने संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक संघ के चार मुख्य पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस का जवाब एक सप्ताह केअंदर नहीं देने पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।

पूरा मामला RTI से जानकारी लेने से जुड़ा है। और शासन स्तर पर हुई जांच के बाद पाया गया कि संगठन की ओर से RTI के तहत जो एकत्रित दस्तावेज विवि को मुहैया कराए गए वो असत्य व अप्रमाणित हैं।

कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि संगठन ने RTI आवेदन 12 जनवरी 2023 को किया। और अगले ही दिन 13 जनवरी को RTI से जुड़ी सूचना मिल गयी। इससे शक पैदा होता है।

कुलपति ने कारण बताओ नोटिस में संस्कृत संगठन की ओर से RTI के जरिये पेश किए गए दस्तावेजों के कूटरचित ,असत्य व अप्रमाणित करार दिया। और कहा कि गलत दस्तावेज की वजह से शासन के सवालों का जवाब देना कठिन होता जा रहा है।

यही नहीं, 21 जनवरी को RTI से मिले दस्तावेज के साथ जारी कथित पत्र में जानकारी लेने के स्रोत के तौर पर संस्कृत सचिव चंद्रेश यादव के नाम का उल्लेख किया। और जब विवि की ओर से नोटिस दिया गया तो 23 अप्रैल को मिले जवाब में सचिव संस्कृत शिक्षा मीनाक्षी सुंदरम का उल्लेख किया गया है।

कुलपति ने संगठन के पदाधिकारियों को भेजे कारण बताओ नोटिस में लिखा है कि- आपके द्वारा प्रस्तुत / प्रेषित किये गये अभिलेखों का परीक्षण करने के उपरान्त इनके कूटरचित होने, अप्रमाणित, असत्य, विधि सम्मत प्राप्त न किये जाने की पुष्टि हो रही है जो कि अत्यन्त गम्भीर प्रकरण है। आपके द्वारा उपलब्ध करायी गयी भ्रामक सूचनाओं के कारण अधोहस्ताक्षरी की छवि धूमिल हो रही है एवं शासन द्वारा की जा रही पृच्छाओं का प्रतिउत्तर प्रेषित किये जाने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है।

इन पदाधिकारियों को दिया गया कारण बताओ नोटिस

डॉ. रामभूषण बिजल्वाण, प्रदेश अध्यक्ष, संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक संघ

द्रवेश्वर प्रसाद थपलियाल, प्रदेश संयोजक संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक संघ

. डॉ. शैलेन्द्र प्रसाद डंगवाल, प्रदेश संरक्षक, संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक संघ

डॉ. नवीन जोशी, प्रदेश महामंत्री, संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक संघ उत्तराखण्ड

प्रधान कार्यालय पता :- श्री वेद संस्कृत महाविद्यालय, 15 चन्द्रशेखर मार्ग, ऋषिकेश।

आपके द्वारा अधोहस्ताक्षरी को प्रेषित पत्र संख्या सं०वि०महावि० शि०सं० / 550/2022-23 दिनांक 21 जनवरी, 2023 (बीस संलग्नकों सहित) का संदर्भ लें जिसकी सत्यता एवं प्राथमिकता की पुष्टि हेतु नोटिस Ve camp 2023 / 03 दिनांक 23.04.2023 निर्गत किया गया जिसके क्रम में आपके द्वारा RTI से प्राप्त अभिलेख प्राप्त कराये गये। इस प्रकार दो बार अभिलेख उपलब्ध कराये गये जिसमें भिन्नता है, जो कि निम्नवत् है

श्री राकेश घर द्विवेदी, अनुभाग अधिकारी / लोक सूचना अधिकारी, उत्तराखण्ड शासन वित (वै०आ० सा०नि०) अनुभाग-7 का पत्र संख्या-21/xxvii (7) 48(10) / 2023 देहरादून दिनांक 11 जनवरी 2023 जो कि श्री शान्ति प्रसाद नौटियाल C/o श्री राकेश शर्मा, प्लॉट चीनी गोदाम के पास ढालवाला, पोओ मुनिकीरेती, ऋषिकेश, टिहरी गढ़वाल को सम्बोधित है उसमें RTI आवेदन पत्र दिनांक 12.01.2023 जो कि लोक सूचना अधिकारी को दिनांक 13.01.2023 को प्राप्त कराये जाने का उल्लेख है, जो कि संदेह उत्पन्न कर रहा है।

दिनांक 21.01.2023 को उपलब्ध कराये गये अभिलेख जो कि शासन की पत्रावलियों से सम्बन्धित है प्राप्त किये जाने का स्रोत स्पष्ट नहीं किया गया है।

दिनांक 21.01.2023 को उपलब्ध कराये अभिलेखों के साथ कथित रूप से जारी किये जाने वाले पत्र के आलेख में श्री चन्द्रेश कुमार, सचिव, संस्कृत शिक्षा का उल्लेख है जबकि अधोहस्ताक्षरी द्वारा जारी नोटिस Ve camp 2023/ 03 दिनांक 23.04.2023 के क्रम में आपके द्वारा पत्र संख्या- सं०वि०महाविo शिवसं०] / [568 / 2023-24 दिनांक 25 अप्रैल 2023 में RTI द्वारा प्रस्तुत आलेख में श्री मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव, संस्कृत शिक्षा का उल्लेख है।

2 आपका संगठन संस्कृत शिक्षा से सम्बन्धित है अतः अधोहस्ताक्षरी द्वारा यह विश्वास करते हुये आपके द्वारा प्रस्तुत / प्रेषित किये गये अभिलेख प्रमाणित सत्य पर आधारित व विधि सम्मत प्राप्त कर प्रस्तुत किये गये होंगे। तदनुसार, प्रस्तुत पत्र एवं संलग्नक उच्च स्तर पर प्रेषित कर दिये गये।

3. आपके द्वारा प्रस्तुत / प्रेषित किये गये अभिलेखों का परीक्षण करने के उपरान्त इनके कूटरचित होने, अप्रमाणित, असत्य, विधि सम्मत प्राप्त न किये जाने की पुष्टि हो रही है जो कि अत्यन्त गम्भीर प्रकरण है। आपके द्वारा उपलब्ध करायी गयी भ्रामक सूचनाओं के कारण अधोहस्ताक्षरी की छवि धूमिल हो रही है एवं शासन द्वारा की जा रही पृच्छाओं का प्रतिउत्तर प्रेषित किये जाने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है।

4. उपरोक्त के सन्दर्भ में यह अपेक्षा की जाती है कि पत्र प्राप्ति के एक सप्ताह के अन्दर RTI से सम्बन्धित प्रेषित आवेदन पत्र प्राप्त सूचना का मूल पत्र सत्यापन हेतु एवं अन्य अभिलेखों के सम्बन्ध में बिन्दुवार आख्या अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे अन्यथा कि स्थिति में यह समझा जायेगा कि इस सन्दर्भ में आपको कुछ नहीं कहना है एवं तदनुसार विधिक कार्यवाही प्रचलित कर दी जायेगी।

(प्रो. दिनेशचन्द्र शास्त्री)

कुलपति

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