उत्तर प्रदेश भूमि जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा 157 ए का भी उल्लंघन.अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन की नियम विरुद्ध रजिस्ट्री .
दून के बिल्डर्स ने कई आईएएस व आईपीएस को बेचे प्लाट. सैकड़ों पेड़ काटने व स्टाम्प ड्यूटी में गड़बड़ी के आरोप
इस प्रकरण की प्रशासन जांच करने के बाद रिपोर्ट आयुक्त कार्यालय भेज चुका है -डीएम सोनिका
बिल्डर्स भी भिड़ चुके हैं आपस में.बाद में हुआ समझौता !
पौंधा में 300 बीघा जमीन में चल रहे दिशा फारेस्ट के दो विवादित प्रोजेक्ट
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। हाईप्रोफाइल रजिस्ट्री घोटाले के बाद विकासनगर तहसील के पौंधा इलाके में 300 बीघा जमीन की खरीद फरोख्त का घपला सामने आया है। इस भूमि पर प्रदेश के आईएएस और आईपीएस अफसरों की कालोनी बनाई जा रही है। दिशा 1 और दिशा 2 के नाम से इस कालोनी में प्लाट काट कर अधिकारियों को बेचे गए।
इस प्रकरण में मोटे तौर पर यह बात सामने आ रही है कि बिल्डर्स ने अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की जमीन को खुर्द बुर्द, अवैध पावर ऑफ अटॉर्नी, भूमि क्रय विक्रय में नौकरशाहों से ठगी, लैंड यूज चेंज, अवैध पेड़ कटान व स्टाम्प डयूटी में घपला किया।
यह तथ्य भी सामने आया कि उत्तर प्रदेश भूमि जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा 157 ए का भी उल्लंघन किया गया । इस जमीन को खरीदने-बेचने के लिए कलक्टर की अनुमति चाहिए थी जो कि नहीं ली गयी।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बिल्डर्स के बीच भी कुछ मुद्दों को लेकर गहरा विवाद भी हुआ। और फिर कोर्ट के समक्ष समझौता भी हुआ। land scam
बहरहाल, अधिवक्ता विकेश नेगी को आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार दिशा फारेस्ट हाउसिंग ग्रुप ने कई अधिकारियों को जमीन बेची। रजिस्ट्री के दस्तावेज में प्रदेश सरकार के कई अधिकारियों के नाम साफ नजर आ रहे हैं। इनमें आईएएस, आईपीएस ,पीसीएस अधिकारी शामिल हैं।
खसरा खतौनी के अध्ययन से साफ हो रहा है कि कुछ आईएएस व आईपीएस ने पौंधा इलाके में प्लाट की खरीदारी की है।
इस मामले में जुलाई 2021 में स्थानीय बल्ली वाला चौक निवासी अजय गोयल ने इंद्र सिंह बिष्ट व एस.सी माथुर पर अनुसूचित जाति की कृषि भूमि का भू उपयोग परिवर्तित किये बिना प्लाट बेचने का आरोप लगाते हुए गढ़वाल मंडलायुक्त को एक विस्तृत शिकायती पत्र भी भेजा था।
शिकायत के बाद आयुक्त गढ़वाल मंडल ने इन वर्षों में डीएम देहरादून को कई बार जांच के लिए लिखा। इधर, डीएम देहरादून सोनिका ने “अविकल उत्तराखण्ड” से कहा कि इस शिकायत पर जांच की गई थी। और जांच रिपोर्ट आयुक्त गढ़वाल को भेजी गई थी।
लिहाजा, शिकायत के बाद भी जांच अपने अंजाम तक नहीं पहुंची। देहरादून से सटे पौंधा इलाके में प्लाटिंग के नाम पर 1500 पेड़ काटने का भी आरोप है। दर्ज शिकायत के अनुसार सर्किल रेट में तथ्यों को दरकिनार कर कम स्टाम्प ड्यूटी अदा कर सरकारी खजाने को भी गहरी चोट पहुंचाई।
अब अधिवक्ता व RTI कार्यकर्ता विकेश नेगी ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी जुटाते हुए कुछ तथ्य एकत्रित किये।
नेगी का आरोप है कि क्यों बड़े अधिकारी व अन्य लोगों को भू माफिया ने जालसाजी कर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के प्लाट बेच दिए।
लगभग तीन साल पहले देहरादून जिले की विकासनगर तहसील से कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थित पौंधा में जमीन बेचने वालों ने 300 बीघा जमीन में दिशा-एक और दिशा-दो के नाम से दो प्रोजेक्ट शुरू किए थे।
पौंधा में दिशा फारेस्ट के नाम से इंद्र सिंह बिष्ट, एस.सी माथुर व अन्य ने 150-150 बीघा भूमि में दो प्रोजेक्ट शुरू किये और इन्हें दिशा-वन और दिशा-टू नाम दिया गया है।
एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार यह कृषि भूमि है। कुछ भूमि अनुसूचित जाति के ब्यक्तियों के नाम थी । और कुछ भूमि गोल्डन फारेस्ट की थी जोबाद में सरकार में निहित हो गयी थी।
लेकिन जमीनों के खेल में माहिर लोगों ने फर्जी पावर आफ अटॉर्नी के दम पर जमीन बेच दी। उनके मुताबिक इस जमीन पर लगभग डेढ़ हजार पेड़ों को बिना अनुमति काट डाला गया।
इस भूमि की जांच सम्बंधित बैंक ने भी की। बैंक की ओर से जांच रिपोर्ट में कहा गया कि पांच सेल डीड में उत्तर प्रदेश भूमि जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा 157 ए का भी उल्लंघन किया गया है। इस जमीन को खरीदने-बेचने के लिए कलक्टर की अनुमति चाहिए जो कि नहीं ली गयी।
एडवोकेट विकेश नेगी के मुताबिक इस कालोनी में सर्किल रेट को भी दरकिनार किया गया है। यहां का सर्किट रेट 6800 रुपये प्रति वर्ग मीटर है जबकि यहां केवल 5000 रुपये की दर से स्टाम्प शुल्क वसूला गया है।
इस भूमि को लेकर विकासनगर में सिविल कोर्ट में मामला चला। इसमें बिल्डर एससी माथुर ने अपील की थी कि भूमि को उचित माध्यम से खरीदा गया है लेकिन अदालत ने उसकी अपील को खारिज कर दिया।
आरटीआई के दस्तावेजों के मुताबिक इस मामले में भूमि धोखाधड़ी समन्वय समिति पौड़ी गढ़वाल के अपर आयुक्त प्रशासन ने देहरादून के जिलाधिकारी को 2021 से 23 जुलाई 2022 लगातार भेजे पत्र में मामले की जांच के निर्देश दिए।
जमीन से जुड़े इस घपले के सामने आने के बाद दिशा प्रोजेक्ट की वैधता पर सवाल उठने लगे हैं। मौजूदा समय में इस प्रोजेक्ट साइट पर निर्माण कार्य भी जारी हैं।
बहरहाल, रजिस्ट्री घोटाले के बाद डीएम देहरादून के सामने भूमि घपले का हाई प्रोफाइल मामला आने के बाद सत्ता के गलियारों में विशेष सुगबुगाहट देखी जा रही है।
सवाल यह भी हैं–
दिशा ग्रीन ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के प्रमोटर्स इंद्र सिंह बिष्ट , एससी माथुर, प्रमिला प्रमोटर्स व अन्य का पावर आफ अटॉर्नी को लेकर आपस में विवाद हुआ। और फिर जून 2023 को सम्झौता भी हो गया।
शिकायतकर्ता अजय गोयल ने अपने शिकायती पत्र में एससी माथुर को भू माफिया करार दिया। लेकिन प्रशासन की जांच रिपोर्ट के बाद शिकायतकर्ता ने क्या कदम उठाए, यह साफ नहीं हो पाया।
शिकायतकर्ता अजय गोयल के शिकायती पत्र में दर्ज मोबाइल नंबर से बात करने की।कोशिश की गई तो नंबर गलत शो करने लगा।
आयुक्त गढ़वाल को भेजे पत्र में शिकायतकर्ता अजय गोयल ने अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के साथ नियम विरुद्ध हुई रजिस्ट्री से जुड़े नामों का खुलासा किया था
1- विनिमय विलेख श्री केवल राम पुत्र श्री बीरी आदि एवं श्री शिवांग पुत्र सुरेश चन माथुर के हक में नियम विरुद्ध सम्पादित होकर पंजीकृत करायी गयी है।
2- विनिमय विलेख श्री नत्थु राम पुत्र कन्हैया आदि एंव महेश चन्द माथुर पुत्र दयाल माथुर के हक में नियम विरुद्ध सम्पादित होकर पंजीकृत करायी गयी है।
3- विनिमय विलेख जुफ्ली पुत्र दर्भान्धी आदि एवम महेश चन्द्र महर के हक में नियम विरुद्ध सम्पादित होकर पंजीकृत की गई।
4- विनिमय विलेख श्री बनवारीपुर श्री ओम प्रकाश आदि एवं श्री शिव पुत्र गुट मधुर के एक नियम विसक सम्पादित होकर पंजीकृत करायी गयी है।
5- विनिमय विलेख श्रीमती परेशनी पानी श्री प्रेम सिंह पुत्री याणा राम आदि एवं श्री शिवांग पुत्र सुरेश चन्द्र माथुर के हक में नियम विरुवा सम्पदिए होकर पंजीकृत करायी गयी है।
6- विनिमय विलेख श्री जम्भी लाल पुत्र कालू आदि एंव श्री महेश चन्द्र माथुर के हक में नियम विरुद्ध सम्पादित होकर पंजीकृत करायी गयी है।
7- विनिमय विलेख श्री गुलशन पुत्र बल्हारू एंव श्री शिवांग पुत्र सुरेश चन्द्र माथुर के हक में नियम विरूद्ध सम्पादित होकर पंजीकृत करायी गयी है।
किये जा गये है जिनका भी पुनयलोकन कर परीक्षण कराया जाना आवश्यक है। जिसके उपरान्त अधिक पारित भूमि राज्य में निहित की जाये।
यह कि श्री एस०सी०माथुर द्वारा अनेक कम्पनीयों के फर्जी अधिकार पत्र बना कर कूटरचित किरुय पत्र कराये गये है जिसका विवाद पक्षकारों के मध्य गतिमान है। यह कि श्री एस०सी०माथुर द्वारा वर्ष 2003 में मुखतारनामो के आधार पर गैर रक्त सम्बन्धित सदस्यों के भी अनेक विलेख का पंजीरण कराया गया है जो कि अवैध य शून्य है जिसका परीक्षण उपनिबन्धक कार्यालय विकासनगर से काराया जाना आवश्यक है जिसके कुछ विक्रय पत्र इस शिकायत के साथ प्रेषित किये जा रहे हैं
यह कि श्री एस०सी०माथुर शियांग माथुर महेश चन्द्र माथुर व शोभित माथुर तथा इनके गिरोह में शामिल श्री विवेक मोहन श्रीवास्तव जो कि इनके द्वारा नियम विरुद्ध सम्पादित व पंजीकृत विलेखो में गवाह है तथा इनके पडयन्त्र में शामिल रह कर लोगो को ब्लेकमेल करने की नीयत से झूठी शिकायत करता है। इस भू-माफिया का एक गिरोह है । इनके द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्तियो की भूमि को हडपने तथा मृतक काश्तकारों की भूमि के फर्जी मुख्तारनामे बना कर फर्जी बैनामे किये जाने का काम है जिसकी विस्तृत जांच किसी उच्च अधिकारी से कराये जाना आवश्यक है जिसके लिये मैं शिकायतकर्ता समस्त साक्ष्य उपलब्ध कराने को तैयार हूँ।”
अतः श्री एस०सी०माथुर शिवांग माथुर महेश चन्द्र माथुर व शोभित माथुर तथा इनके गिरोह में शामिल श्री विवेक मोहन श्रीवास्तव द्वारा अन्तरण के दिनांक से राज्य में निहित भूमि को अवैध रूप से विभिन्न क्रेताओ को सद्भाव रूप में छलकपट से मोटी रकम में विक्रय की गयी है जो कि राज्य सरकार की नाक के नीचे महाघोटला इनके द्वारा गिरोह बनाकर किया गया है। जिसकी जांच उपरान्त इनके विरुद्ध भूमि को राज्य सरकार के नाम दर्ज करने के साथ क्रय विक्रय पर रोक तथा सम्बन्धित थाने में आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश देने की कृपा करे।
भवदीयः
अजय गोयल
नि0 3. बल्लीवाला चौक
P1070 989764818+
Total Hits/users- 30,52,000
TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245