14 साल पहले तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के दौरे के दिन दून में हुआ था रणवीर का फेक एनकाउंटर
देखें वीडियो, ऐतिहासिक नौ नवंबर को डकैतों ने रिलायंस ज्वैलरी शो रूम लूट दी कानून व्यवस्था को चुनौती
डकैतों को पकड़ने के लिए चार टीमों का गठन,बिहार समेत चार राज्यों के गैंग पर शक
अविकल थपलियाल
देहरादून। इसे कहते हैं दूध में मक्खी का पड़ जाना… शुभ दिन मुंह का स्वाद कषैला हो जाना.. गुरुवार को राज्य स्थापना के दिन दून में हुई आपराधिक वारदात ने 14 साल पहले तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के मसूरी आगमन के दिन हुए रणवीर सिंह फेक एनकाउंटर की याद ताजा कर दी।
इस मामले में सीबीआई जॉच के बाद डेढ़ दर्जन पुलिस कर्मियों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। और आज राष्ट्रपति मुर्मू के प्रवास के दौरान हुई डकैती ने पुलिस की मुस्तैदी पर एकसाथ कई सवाल खड़े कर दिए।
गौरतलब है कि मौजूदा डीजीपी अशोक कुमार इसी नवंबर माह में रिटायर होने वाले हैं। देर रात तक रिलायंस ज्वैलरी शो रूम डकैती मामले में लापरवाह पुलिस कर्मियों पर किसी भी प्रकार के एक्शन की खबर नहीं आयी थी।
केस एक-9 नवंबर 2023
उत्तराखण्ड राज्य स्थापना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देहरादून में जिस जगह मौजूद रहकर विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात कह रही थी। उस जगह से लगभग 5 किमी दूर दून के बिजी राजपुर इलाके के रिलायंस ज्वैलरी शो रूम में डकैत दिनदहाड़े सोना हीरे के जवाहरात बैग में भर रहे थे। हथियारों के दम पर शो रूम के स्टाफ को कब्जे में लेकर आराम से करोड़ों की ज्वैलरी ले उड़े।
चूंकि, राष्ट्रपति मुर्मू तीन दिन से देहरादून के प्रवास पर थी। लिहाजा राजपुर रोड समेत अन्य वीआईपी इलाकों में पुलिस व्यवस्था खासी मुस्तैद थी। लेकिन पुलिस बल की नाक के ठीक नीचे डकैत मलाई ले उड़े।
दिनदहाड़े हुई इस सनसनीखेज डकैती के पीछे सोची समझी रणनीति भी दिख रही है। बदमाशों को यह पूरा अंदाजा था कि पुलिस का मुख्य फोकस राष्ट्रपति के स्थापना दिवस कार्यक्रम स्थल- पुलिस लाइन के इर्द गिर्द रहेगा। चूंकि, राष्ट्रपति को दोपहर तक ही दिल्ली भी लौटना था। लिहाजा, अधिकतर फ़ोर्स दून-जॉलीग्रांट मार्ग पर भी तैनात रहेगी।
सम्भवतः इन्हीं बिन्दुओं को दिमाग में रखकर बेखौफ डकैत रिलायंस ज्वैलरी शो रूम खुलने के आधे घण्टे के अंदर वारदात को अंजाम दे रफ्फूचक्कर हो गए। अब दून पुलिस इस चैलेंज को स्वीकार कर डकैतों को पकड़ने की रणनीति पर माथापच्ची कर रही है…
केस- दो- 3 जुलाई 2009
नौ नवंबर की आपराधिक वारदात ने 14 साल पहले देहरादून में हुए रणवीर हत्याकांड की याद दिला दी। यह चर्चित एनकाउंटर भी तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के मसूरी दौरे वाले दिन हुआ। 3 जुलाई 2009 को प्रतिभा पाटिल के मसूरी आगमन को लेकर दून में विशेष चौकसी बरती जा रही थी। तत्कालीन राष्ट्रपति के दून होते हुए मसूरी जाना था। इसी बीच, आराघर चौक के पास मोटर साइकिल पर सवार MBA के छात्र रणवीर सिंह की ड्यूटी पर तैनात दारोगा से कहासुनी हो जाती है।
चौकी में पुलिस की पिटाई से रणवीर अधमरा हो जाता है। खुद को फंसता देख पुलिस लाडपुर के जंगल में ले जाकर मुजफ्फरनगर निवासी रणवीर को फेक एनकाउंटर कर देती है। राष्ट्रपति के मसूरी आगमन पर हुए एनकाउंटर की गूंज पूरे देश तक जाती है। किसान नेता टिकैत समेत कई संगठन पुलिस के फेक एनकाउंटर के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं। मुकदमा चलता है । और डेढ़ दर्जन पुलिस कर्मियों को उम्र कैद की सजा होती है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रणवीर पर 22 गोली मारे जाने की पुष्टि होती है। और शरीर पर पिटाई से हुए 28 जख्म पाए जाते है। राष्ट्रपति के दौरे के समय हुए इस सनसनीखेज वारदात को 14 साल हो गए हैं।
और आज 9 नवंबर को राष्ट्रपति मुर्मू के दून दौरे पर हुई जबरदस्त डकैती से पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के मसूरी आगमन पर हुए फेक एनकाउंटर की फिल्म आंखों के आगे घूम गयी।
पुलिस ने बनाई चार टीम, बिहार के गैंग पर फोकस
वीवीआईपी शख्सियत के दौरे के बीच हुई दोनों घटनाओं में पुलिस की लापरवाही साफ नजर आती है। इस मामले में एसएसपी दून अजय सिंह ने घटना को चैलेंज केतौर पर लिया है। सीसीटीवी व ज्वैलरी शॉप के कर्मियों से बातचीत व डकैतों की कार्यप्रणाली को देखते हुए बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल व हरियाणा के गैंग पर फोकस किया है।
लेकिन स्थापना पर राज्य राष्ट्रपति की दून में मौजूदगी के दिन महज कुछ ही किमी की दूरी पर सरेआम करोड़ों की ज्वैलरी उड़ा कर डकैतों ने कानून व्यवस्था को ठेंगा तो दिखा ही दिया है।
घटना के बाद कुछ पुलिसकर्मियों पर गाज गिरने की चर्चा भी सुनाई देने लगी है।
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राजपुर रोड पर रिलायंस के ज्वैलरी शोरूम में डकैती
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