हिमालयी विवि के बीच साझेदारी और रणनीतिक सहयोग पर शिक्षाविदों ने किया मंथन

उत्तर पूर्व के विवि ने ICHUC की मजबूती पर दिया जोर, कामन डेटा बैंक की हुई वकालत

एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह

अविकल उत्तराखंड

श्रीनगर। एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय अपना स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है। इस संदर्भ में भारतीय हिमालयन सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ कंसोर्टियम (IHCUC) की एक बैठक गढ़वाल विश्वविद्यालय में आयोजित हुई। बैठक में भारतीय हिमालयी राज्यों के विभिन्न हिस्सों में स्थित 13 केंद्रीय विश्वविद्यालय और जीबी पंत हिमालय पर्यावरण संस्थान संस्थान शामिल थे।

बैठक का फोकस ‘’भारतीय हिमालयी विश्वविद्यालयों के बीच साझेदारी और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करना: मुद्दे, चुनौतियाँ और अवसर’ विषय था। बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के 80 से अधिक प्रतिनिधियों ने ऑफ़लाइन/ऑनलाइन मोड में भाग लिया। साथ ही अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय ने 8 अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिनमें नॉर्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी मेघालय, असम यूनिवर्सिटी सिलचर, त्रिपुरा यूनिवर्सिटी अगरतला, मणिपुर यूनिवर्सिटी इंफाल, सिक्किम यूनिवर्सिटी गंगटोक, नागालैंड यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी और कश्मीर यूनिवर्सिटी शामिल हैं। 

इस अवसर पर एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल ने सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्रों में विविधता लाने के लिए छात्रों और संकायों के सहयोग और प्रदर्शन की आवश्यकता के बारे में बात की। सिक्किम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अविनाश खरे ने नई शिक्षा नीति एव अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट से संबंधित विचारों को साझा किया। राजीव गांधी विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश के कुलपति प्रोफेसर साकेत कुशवाह ने ग्लोबल वार्मिंग और पानी की कमी के क्षेत्रों में समन्वित अनुसंधान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

केंद्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर के कुलपति प्रो. रविंदर नाथ ने जैव विविधता और पर्यटन पहलुओं पर काम करने की आवश्यकता जटाई । मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. लोकेंद्र नाथ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से संबंधित मुद्दों और उसके लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाने की आवश्यकता के बारे में बात की। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बंसल ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। प्रो. पी.एस. शुक्ला, कुलपति नॉर्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी ने कृषि को उन्नत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रोफेसर एस दास गुप्ता, त्रिपुरा विश्वविद्यालय, द्वार। अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ ट्रांसडिसिप्लिनरी रिसर्च का मुद्दा उठाया। प्रोफेसर सुनील नौटियाल, निदेशक, जी.बी. पंत हिमालय पर्यावरण संस्थान ने संसाधनों के सहयोग और साझेदारी, और एक सामान्य डेटा बैंक की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर प्रो. एस फिरदौस, प्रो. बिध्या नाथ, प्रो. आरके मैखूरी, प्रो. पंवार, डॉ. जे.सी. कुनियाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। सभी ने इस बात पर जोर दिया कि ICHUC को हर कीमत पर मजबूत किया जाना चाहिए, और सभी विश्वविद्यालय प्रत्येक संस्थान स्तर पर एक IHCUC केंद्र और एक नोडल व्यक्ति स्थापित करेंगे।

बैठक में कुलपति के अलावा प्रति कुलपति, रजिस्ट्रार, हमारे तीनों परिसरों के निदेशक, वित्त अधिकारी, डीएसडब्ल्यू और सभी डीन और एचओडी ने भाग लिया। प्रोफेसर आर.सी. भट्ट. प्रति कुलपति ने धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रो. आर.सी. सुंदरियाल, निदेशक आईक्यूएसी ने पूरी बैठक का समन्वय किया।

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