तृतीय संन्यास दीक्षा दिवस धार्मिक परम्परा के साथ सम्पन्न
हेलीकाॅप्टर से स्वामी कैलाशानंद गिरी और संतों पर पुष्पवर्षा
विश्व में सनातन संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं स्वामी कैलाशानंद गिरी -स्वामी राजराजेश्वराश्रम
अविकल उत्तराखंड
हरिद्वार। नये साल के पहले दिन निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज का अवतरण दिवस और तृतीय संन्यास दीक्षा दिवस धार्मिक परम्परा के साथ मनाया गया। इस दौरान सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष, गणमान्य लोगो और हजारों श्रद्धालु भक्त उपस्थिति रहे। कार्यक्रम के दौरान पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना ने स्वामी कैलाशानंद गिरी और संतों पर हेलीकाॅप्टर से पुष्पवर्षा की। श्री दक्षिण काली मंदिर में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि संतों के जप तप से ही भारत की पूरे विश्व में एक अलग पहचान है। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज एक तपस्वी संत के रूप में देश विदेश में सनातन धर्म संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संत समाज और करोड़ों रामभक्तों द्वारा सैकड़ों वर्ष से अयोध्या में राम मंदिर का जो स्वप्न देखा जा रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से वह स्वप्न 22 जनवरी को साकार होने जा रहा है। सभी देशवासी राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर को उत्सव के रूप में मनाएं। आह्वान अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरूण गिरी महाराज एवं महांडलेश्वर स्वामी हरिसच्चिदानंद साक्षी महाराज ने कहा कि समाज को अध्यात्म व ज्ञान की प्रेरणा देने वाले निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज अपने गुरूजनों के पदचिन्हों पर चलते सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण में अहम योगदान रहे हैं। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज एवं स्वामी राघवेंद्र भारती महाराज ने कहा कि हरिद्वार धर्म और अध्यात्म का प्रमुख केंद्र है। धर्म शास्त्रों के विलक्षण विद्वान स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज पूरे विश्व में सनातन धर्म और हरिद्वार का गौरव बढ़ा रहे हैं।
स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने सभी संत महापुरूषों, अतिथीयों का आभार व्यक्त किया और श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा कि गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं। गुरू से बढ़कर संसार में कोई दूसरी वस्तु नहीं है। गुरूजनों से प्राप्त ज्ञान और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए समाज में धर्म और अध्यात्म का प्रसार करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। संत समाज के आशीर्वाद और श्रद्धालु भक्तों के स्नेह से उन्हें अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा मिलती है। कार्यक्रम का संचालन महंत देवानंद सरस्वती ने किया। संगीत सोम और स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने सभी संत महापुरूषों और अतिथीयों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर अमेरिका से आए स्वामी वेदव्यासानंद, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत रूपेंद्र प्रकाश, स्वामी आनन्द स्वरूप, स्वामी हरिचेतनानंद, स्वामी ललितानंद गिरी, स्वामी उमाकांतानंद, माता संतोषी, महंत दुर्गादास, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, महंत प्रह्लाद दास, स्वामी सविदानंद सरस्वती, सतपाल ब्रह्मचारी, महंत नारायण दास पटवारी, स्वामी यतिन्दानंद, महंत महेश पुरी, महंत कमलपुरी सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष उपस्थित रहे।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी, पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक व तीरथ सिंह रावत, वनमंत्री सुबोध उनियाल, बेबी रानी मौर्य,मदन कौशिक समेत संघ से जुड़े नेता, कई जनप्रतिनिधि व भक्त मौजूद रहे।
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