स्पीड बूट इग्नाईट कैंप में बालिकाओं को सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बंधित विभिन्न कार्यों की जानकारी दी
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। कल्पवृक्ष परम्परागत कार्यों से अलग हटकर वंचित बालिकाओं को अत्याधुनिक सोच के साथ सूचना प्रौद्योगिकी में कोडिंग की शिक्षा देने वाली उत्तराखण्ड की पहली संस्था है। हिमालयन स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज के प्रोफेसर डॉ अपूर्वा त्रिवेदी ने यह बात कल्पवृक्ष सस्टेनेबल डेवलपमेंट सोसाइटी के द्वारा राजकीय विद्यालयों की बालिकाओं के लिए लगाए गए निशुल्क 10 दिवसीय स्पीड बूट इग्नाईट कैंप के दीक्षांत समारोह में कही। उन्होंने कहा कि यदि बालिकाएँ कोडिंग को सीखकर नई प्रोद्योगिकी का निर्माण करती है तो वे ग्रामीण समाज पर बड़ा प्रभाव छोड़ेंगी ।
डॉ अपूर्व ने कहा कि इस स्तरीय प्रशिक्षण से जो ज्ञान आपने प्राप्त किया है। यह आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप अपने अड़ोस पड़ोस की बालिकाओं तक पहुँचाकर सामाजिक परिवर्तन का कारक बनें।
संस्था के उपाध्यक्ष अभिनव नेगी ने कहा कि इस बूट कैंप के माध्यम से समाज की यह धारणा गलत साबित हुई है कि लडकियां प्रौद्योगिकी को कम समझ पाती है, उनकी सीखने, आत्मसात करने की क्षमता लड़कों से अधिक है। उन्होंने कहा कि इग्नाईट बूट कैंप के द्वारा बालिकाओं को सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बंधित विभिन्न कार्यों से अवगत कराया गया। बूट कैंप में शामिल बालिकाओं ने ग्राफ़िक डिज़ाइनर, सॉफ्टवेयर डेवलपर, वेब डेवलपर आदि में अपनी रुचि दिखाई।
संस्था के सचिव प्रदीप नेगी ने कहा की टीम कल्पवृक्ष के अभावग्रस्त बालक-बालिकाओं के लिए सूचना प्रौद्योगिकी व अंग्रेजी शिक्षा का एक अत्याधुनिक व अनुपम कोर्स डिज़ाइन किया गया है। आईटी क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कम्पनी डेलॉइट के सीनियर एनालिस्ट इन साइबर डिफेन्स राजीव ने बालिकाओं की सूचना प्रौद्योगिकी को सीखने की क्षमता को सराहा व उन्हें विभिन्न प्रकार के अत्याधुनिक तकनीकी की जानकारी दी, साथ ही रोजगार के अवसरों से अवगत कराया।
इंजीनियर राजीव ने इग्नाईट बूट कैंप को सफल बनाने के लिए डॉ कनिष्क शर्मा न्यूरो साइंटिस्ट, श्रीमती मनीषा सत्यार्थी, श्रीमती प्रकृति, देवांश श्रीवास्तव, पल्लवी बिष्ट, महावीर सिंह, प्रीती मैखुरी व मनोज झिंक्वाण का विशेष आभार व्यक्त किया।
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