चुनावी अभियान में बच्चों को शामिल करना पड़ेगा भारी

लोस चुनाव 2024- चुनावी अभियान के दौरान उम्मीदवार बच्चों को गोद में लेंगे तो होगा एक्शन

चुनावी रैलियों में बच्चों से नारे लगवाना, पम्फलेट बंटवाना पड़ेगा महंगा

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। कोई भी राजनीतिक दल के उम्मीदवार चुनावी रैलियों और अभियानों में बच्चों का उपयोग न करें। बच्चों से नारे लगाना, पोस्टर या पैम्फलेट का वितरण, बच्चों को गोद में लेना, वाहन में बच्चे को ले जाना या रैलियों में शामिल करना शामिल है।

निर्वाचन विभाग ने इस सम्बंध में व्यापक निर्देश जारी किए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि बाल श्रम (निषेद्य और विनियमन) अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत संशोधित बाल श्रम (निषेद्य और विनियमन) अधिनियम, 2016 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।

देखें जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देश

विषयः-General Election and Bye election to Lok Sabha and State Legislative

Assemblies- (i) Engagement of Child Labour and (ii) Engagement of Child in Election related activities-reg. उपरोक्त विषयक कृपया मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखण्ड, देहरादून के पत्र

संख्या 594/XXV-10/2021 दिनांक 09 फरवरी, 2024 के साथ संलग्न भारत निर्वाचन आयोग के पत्र संख्या 4/3/2023/SDR/Vol.X दिनांक 05 फरवरी, 2024 (प्रति संलग्न) का संदर्भ ग्रहण करें। आयोग द्वारा राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के द्वारा राजनीतिक अभियानों और रैलियों में बच्चों का उपयोग के संबंध में पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों के कम में निम्न निर्देश निर्गत किये गये हैं।

  1. चुनाव संबंधी गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी पर प्रतिबंध के अन्तर्गत राजनैतिक दल और उम्मीदवार बच्चों को किसी भी प्रकार के चुनाव अभियान में शामिल न करें, जिसमें रैलियां, नारे लगाना, पोस्टर या पैम्फलेट का वितरण, बच्चों को गोद में लेना, वाहन में बच्चे को ले जाना या रैलियों में शामिल करना शामिल है।
  2. उक्त प्रतिबन्ध के अन्तर्गत राजनीतिक अभियान के अन्तर्गत बच्चों से कविता, गीत, बोले गये शब्दों के माध्यम से राजनीतिक दल / उम्मीदवार के प्रतीक चिन्ह का प्रदर्शन, राजनीतिक दल की विचारधारा का प्रदर्शन, किसी की उपलब्धियों को बढ़ावा देना, राजनीतिक दलों के आयोजन भी शामिल है।
  3. राजनैतिक दल के नेता एवं उम्मीदवारों के साथ यदि कोई बच्चा अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ उपस्थित हो, जो राजनीतिक दल के साथ चुनाव प्रचार गतिविधियों में शामिल नहीं है, को दिशा-निर्देशों का उल्लघंन नहीं माना जायेगा।

उपरोक्त के कम में बाल श्रम (निषेद्य और विनियमन) अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत संशोधित बाल श्रम (निषेद्य और विनियमन) अधिनियम, 2016 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। आयोग द्वारा उक्त के संबंध में माननीय बाम्बे उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका संख्या 127/2012 (चेतन रामलाल भुटाडा बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य) पर पारित

आदेश दिनांक 04 अगस्त, 2014 के कम में राजनीतिक दल द्वारा किसी भी चुनाव संबंधी गतिविधियों में नाबालिग बच्चों की भागीदारी को अनुमति न दिये जाने को सुनिश्चित किये जाने तथा इन प्राविधानों में किसी भी उल्लंघन पर गम्भीर अनुशासनात्मक कार्यवाहीं करने के निर्देश दिये गये हैं।

अतः भारत निर्वाचन आयोग / मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखण्ड, देहरादून के उक्त दिशा-निर्देशों का भलीभाँति अध्ययन करते हुए कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें।

संलग्नः- यथोपरि।

(झरना कमठान)

मुख्य विकास अधिकारी / उप जिला निर्वाचन अधिकारी, देहरादून

प्रतिलिपि

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