बस्ती में खेल रहे 10 साल के मासूम को गुलदार ने मार डाला 

गुलदार को पकड़ने के लिए कांबिंग में जुटी वन विभाग की टीम 

बच्चे को गुलदार के जबड़ों से छीना, नहीं बच पायी जान 

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार की दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है, आए दिन नए- नए मामले सामने आ रहे है। लोगों में एक ओर गुस्से के भाव देखे जा रहे है, तो दूसरी ओर दहशत का पूरा माहौल ग्रामीण इलाकों में बना हुआ है। इस बीच अब एक ताजा मामला मसूरी- किमाड़ी मार्ग पर वन गुर्जर बस्ती से सामने आया है, जहां पर गुलदार ने 10 साल के मासूम को मार डाला। परिजनों ने बच्चे को गुलदार के मुंह से छीन लिया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। वन विभाग की टीम गुलदार को पकड़ने के लिए कांबिंग में जुट गई है। शव को देर रात मोर्चरी में रखवाया दिया गया है। आज  शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। आपको बता दें कि किमाड़ी मार्ग पर गल्जवाड़ी गांव से करीब चार किलोमीटर दूर वन क्षेत्र में मडारी गांव में वन गुर्जर बस्ती है। यहां पर गुर्जरों के करीब 10-12 डेरे हैं। 

रात आठ बजे करीब 10 साल का रियासत पुत्र मीर हमजा लघुशंका करने डेरे से बाहर आया। इसी दौरान गुलदार रियासत उठाकर ले जाने लगा। बच्चों ने शोर मचाया तो डेरों में मौजूद लोग गुलदार की ओर दौड़े। किसी तरह लोगों ने बच्चे को गुलदार के जबड़ों से छुड़ा लिया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने बताया कि मौके पर कैंट थाना पुलिस वन विभाग की टीम तुरंत पहुंच गई थी। कैंट कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक गिरीश चंद्र शर्मा ने बताया कि घटना गल्जवाड़ी मुख्य रोड से ढाई किमी अंदर गुर्जर बस्ती में हुई है।

जंगल में झाड़ियों के बीच बच्चे का शव बरामद हुआ। उसके गले और चेहरे पर गुलदार के पंजों के निशान पाए गए हैं। इससे पूर्व, 26 दिसंबर को गुलदार ने सिंगली गांव में एक 12 साल के मासूम को घायल कर दिया था। देहरादून के आसपास गुलदार के हमले से आबादी वाले इलाकों में दहशत छा गयी है। गुलदार के ताजे हमले के बाद स्थानीय निवासियों ने विरोध प्रदर्शन भी किया।

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