पूर्व लोकसभा प्रत्याशी मनीष खंडूडी ने कांग्रेस का हाथ झटका

कांग्रेस से इस्तीफे के बाद खंडूड़ी का नाम पौड़ी से भाजपाई दावेदारों में शामिल

भाजपा में जाने पर मनीष खंडूडी का अंकिता भण्डारी मर्डर केस पर क्या रुख रहेगा

2019 में पौड़ी लोकसभा से चुनाव हार गए थे खंडूडी, इस बार कांग्रेस से गोदियाल को टिकट मिलने के आसार

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। हालिया राम मंदिर निर्माण के बाद विपक्षी दल कांग्रेस में लगी भग्गी ने जोर पकड़ लिया। पांच साल पहले पूर्व 2019 में पौड़ी लोकसभा से चुनाव लड़ चुके सीएम बीसी खंडूडी के पुत्र मनीष खंडूडी ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया। मनीष खंडूडी ने सोशल मीडिया के जरिये अपने इस्तीफे के बारे सूचना दी। उन्होंने लिखा कि वे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता व सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। मनीष खंडूडी इस साल भी पौड़ी लोकसभा से टिकट के दावेदार थे। लेकिन इस बार पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को पौड़ी के चुनावी मैदान में उतारे जाने की ज्यादा चर्चा हो रही थी।

उम्मीद जताई जा रही है कि मनीष खंडूडी जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे। हालांकि, कांग्रेस का एक गुट मनीष के इस्तीफे को दबाव की राजनीति से जोड़कर देख रहा है। गौरतलब है कि भाजपा ने पौड़ी व हरिद्वार सीट के टिकट रोके हुए हैं। पौड़ी से तीरथ रावत के विकल्प के तौर पर अन्य नामों के साथ खंडूडी के नाम की भी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। इधर, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि चूंकि मनीष का कोयय व्यक्तिगत जनाधार नहीं था। लिहाजा,उनके जाने से कांग्रेस की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि मनीष खंडूडी की बहन ऋतु खंडूडी कोटद्वार से विधायक व स्पीकर की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

बहरहाल, मनीष खंडूडी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में सरगर्मी बढ़ गयी है। खंडूडी ने अंकिता भण्डारी हत्याकांड को लेकर पौड़ी जिले में कई दिन तक विरोध प्रदर्शन किया था। और अंकिता केभाई को एक निजी कम्पनी में नौकरी भी लगाई थी। अब अगर खंडूडी भाजपा में शामिल होते हैं तो अंकिता भण्डारी के मसले पर उन्हें अन्य पार्टी नेताओं की तरह चुप्पी साधनी होगी।

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