जनजाति समूह के ज्ञान -परंपरा, तथा औषधीय पादपों का संरक्षण जरूरी
अविकल उत्तराखंड
हरिद्वार। पतंजलि अनुसंधान संस्थान में ‘जिज्ञासा’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शनिवार को आहूत कार्यक्रम में देशभर के छात्र-छात्राओं व वैज्ञानिकों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. निर्मल कुमार अवस्थी (अध्यक्ष, परंपरागत ज्ञान एवं वनौषधि विकास फाउंडेशन) तथा डॉ. सुशील कुमार उपाध्याय (पूर्व डिप्टी डायरेक्टर NMPB, आयुष मंत्रालय) मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ता ने परंपरागत औषधीय ज्ञान तथा वन औषधि के संरक्षण, संवर्द्धन पर जोर दिया। कार्यक्रम के समापन पर आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। विश्व भेषज संहिता, सौमित्रय संहिता सहित औषधीय पादप म्यूजियम तथा साक्ष्य आधारित पर आयुर्वेद पर बल दिया।
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