ऐतिहासिक मलेथा में जागेश्वर की दस्तक!
होटल में नौकरी नहीं कर रहे स्थानीय युवा
मोदी-योगी ..बॉबी पंवार और गोदियाल की विशेष चर्चा
अविकल थपलियाल
मलेथा/ श्रीनगर। चुनावी मौसम के बीच वीर माधो सिंह भण्डारी के मलेथा का नजारा कुछ अलग सा नजर आया। निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन के बन जाने के बाद कुशल-अकुशल स्थानीय लोगों को कितना रोजगार मिल पायेगा? चुनावी चर्चा के बीच यह सवाल भी उभरा।
अन्य इलाकों की तरह अभी इस इलाके में प्रत्याशियों के पोस्टर बैनर नहीं दिखे। होटल व्यवसायी व सब्जी विक्रेता ग्राहकों के बीच घिरे रहे। बद्री-केदार के इस ऐतिहासिक मलेथा में रोजगार का सवाल भी उभरा।
लेकिन यह भी बात सामने आयी कि स्थानीय युवा होटलों में नहीं टिकते। कुछ दिन में ही भाग खड़े होते हैं। मुख्य बद्री-केदार रूट पर स्थित नेगी भोजनालय में ग्राहकों की भीड़ है।
यहां झारखंड के दुमका वासी जागेश्वर काम कर रहा है। महीने की पगार 12 हजार। झारखंड से उत्तराखंड के पर्वतीय इलाके मलेथा तक जागेश्वर के सफर और नौकरी पर सवाल उभरा तो होटल मालिक का दर्द छलक आया।
गढ़वाली में बोले कि यहां के युवा 12 हजार महीने की सैलरी पर भी काम नहीं करना चाहते। दो-चार दिन बाद ही बहाना बना कर खिसक जाते हैं। अपने घर के आस पास 12 हजार वेतन- खाना-पीना और रहना क्या कम है। ? होटल मालिक का सवाल वाजिब था।
उत्तराखंड के चुनाव के सबसे अहम सवाल रोजगार पर स्थानीय बेरोजगार युवाओं की इस बेरुखी के बाद झारखंड के जागेश्वर का मलेथा में रोजी रोटी का ख्वाब साकार हुआ।
युवा जागेश्वर ने बताया कि रेल प्रोजेक्ट में काम कर रहे श्रमिक ही उसे यहां लेकर आया। पांचवीं तक पढ़ा जागेश्वर की तबियत भी खराब है ,बावजूद इसके चाय नाश्ता परोसने के साथ साथ बर्तन धोने में भी मशगूल दिखा..
टिहरी व पौड़ी लोकसभा के चुनावी सफर में अंकिता भंडारी, अग्निवीर के मुद्दे का असर भी विशेष तौर पर झलका। इन दोनो जवलन्त चुनावी मुद्दे पर टिहरी व पौड़ी लोकसभा के इलाकों में आक्रोश भी नजर आया।
कहीं कांग्रेस के गणेश गोदियाल की मजबूती के अक्स भी दिखे तो कहीं मोदी असर भी बरकरार दिखा। भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी और गोदियाल के नामांकन की भीड़ को लेकर मतदाता तुलनात्मक स्टडी में जुटा दिखा..मुद्दे उछल रहे हैं..दून में निर्दलीय बॉबी पंवार समर्थकों द्वारा भाजपा प्रत्याशी रानी राज्य लक्ष्मी का हलिया विरोध भी दूर दराज के मतदाताओं में विशेष चर्चा का मुद्दा बना हुआ है।
गांव से आयी ताजी सब्जी बेच रहे जियालगढ़ निवासी बिष्ट दम्पति को पीएम मोदी और योगी के उत्तराखंड आगमन का इंतजार है…देवप्रयाग विधानसभा में भाजपा के जोर के बावजूद सब्जी विक्रेता बिष्ट को यह भी आभास है कि कांग्रेस भी सीन बदल सकती है..
बहरहाल, तबियत खराब होने के बावजूद जागेश्वर दुमका चला जायेगा। झारखंड या अन्य जगह से कोई दूसर जागेश्वर नेगी भोजनालय में बर्तन मांजने आ जायेगा..लेकिन उत्तराखंड के जागेश्वर कहां पलायन कर गए…चुनावी सफर आगे बढ़ा राफ्टिंग कर रहे युवाओं के शोरगुल व जोश के बीच पहाड़ के ‘जागेश्वरों’ की यह बेरुखी गंगा की लहरों में हिचकोले खाती नजर आयी.
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