विशेष बच्चों की पहचान करने और उनकी जरूरतों पर ध्यान देने पर दिया गया जोर
देहरादून। डी.ए.वी. (पी.जी) कॉलेज और डी.डब्ल्यू.टी कॉलेज ने “लतिका” के सहयोग से आज “ऑटिज्म के प्रति जागरूकता” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का संचालन रिसोर्स पर्सन रूपा विश्नोई(निदेशक,लतिका)एवं अदिति भट्ट(समन्वयक,लतिका) ने किया।
रूपा विश्नोई और अदिति भट्ट ने अपने विशेष संबोधन मे बताया कि विशेष बच्चों की पहचान कैसे की जाए,उनकी जरूरतों को कैसे पूरा किया जाए,उनकी शिक्षा की व्यवस्था कैसे की जाए और उनकी जरूरतों पर कैसे ध्यान दिया जाए। कार्यशाला में डीएवी व डीडब्ल्यूटी कॉलेज के बी.एड. के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला में डीएवी (पी.जी) कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह, डीएवी (पी.जी) कॉलेज के बी.एड. विभाग की विभागाअध्यक्षा प्रोफेसर सविता रावत, प्रोफेसर पूनम मिश्रा,डॉ सुहासिनी श्रीवास्तव तथा डी.ए.वी .पी.जी कॉलेज एवं डी डब्ल्यू टी कॉलेज के सभी संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस
गौरतलब है कि दुनियाभर में हर साल 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया जाता है। यह एक दिमागी बीमारी होती है, जो ज्यादातर बच्चों में देखने को मिलती है। बता दें, जब बच्चा छोटा होता है, तो इसके लक्षणों का पता लगा पाना आसान नहीं होता है।
ऑटिज्म एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें व्यक्ति के वर्बल या नॉन वर्बल कम्युनिकेशन, इमेजिनेशन और सोशल इंटरेक्शन पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में इस विकार से जूझ रहे लोगों को सपोर्ट करने के उद्देश्य से यह विशेष दिन बनाया जाता है।
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