पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बताया कारण.
यहां देखें कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र
नई दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को जारी किए अपने चुनावी घोषणापत्र में ‘पुरानी पेंशन योजना’ (OPS) का जिक्र नहीं किया है। जब यह मुद्दा चर्चा में आया तो कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा कि इस विषय को उसने छोड़ा नहीं है और यह उसके दिमाग में है, लेकिन सरकार द्वारा एक समिति गठित किए जाने के कारण फिलहाल इसका जिक्र नहीं किया है।
पार्टी की घोषणापत्र समिति के प्रमुख और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस अपनी स्थिति स्पष्ट करेगी।
आगे चिदंबरम ने कहा, ‘यह (ओपीएस घोषणापत्र से) गायब नहीं है, यह हमारे दिमाग में है, लेकिन कृपया पिछले चार महीनों में हुए घटनाक्रम को याद रखें। सरकार ने एनपीएस और ओपीएस की मांग की समीक्षा करने के संदर्भ में वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। एक दृष्टिकोण यह है कि जहां ओपीएस ने पेंशनभोगियों को लाभ पहुंचाया, वहीं एनपीएस ने इसे टिकाऊ बनाया।’
उन्होंने कहा कि अब वित्त सचिव के अधीन एक समिति नियुक्त की गई है इसलिए कोई रुख अपनाना जल्दबाजी होगा। कांग्रेस ने पिछले कुछ विधानसभा चुनावों में ओपीएस को बहाल करने का वादा किया था। हालांकि इस राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में इसे बहाल भी किया गया है।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में 5 न्यायिक गारंटी का जिक्र
शुक्रवार (5 अप्रैल) को कांग्रेस द्वारा जारी किए गए ‘न्याय पत्र’ में मुख्य तौर पर पांच न्यायिक गारंटी की बात की गई है जिसमें शामिल हैं – ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’
कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में जनता से किए गए इतने वादें
युवा न्याय के तहत हर शिक्षित युवा को नौकरी दी जाएगी.
कांग्रेस ने इंटरनेट सेवाओं के मनमाने और अंधाधुंध निलंबन को समाप्त करने का वादा किया है.
नारी न्याय के तहत गरीब परिवार की हर एक महिला को सालाना 1 लाख की मदद दी जाएगी.
बुजुर्ग नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए पेंशन की राशि को बढ़ाकर न्यूनतम 1,000 रुपए प्रति माह किया जाएगा.
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ये वादा किया कि वे ऊपरी अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय के साथ विचार विमर्श करके राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन करेंगे.
कांग्रेस पार्टी ने वादा किया कि वे देश में जाति आधारित जनगणना कराएगी और आरक्षण की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 50 प्रतिशत से ज्यादा करेगी.
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ये भी कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को वे सभी वर्गों के गरीबों के लिए बिना भेदभाव के लागू करेगी.
कांग्रेस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार कांग्रेस न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देगी.
किसान न्याय के तहत कर्ज माफी और MSP गारंटी कानून बनाया जाएगा.
श्रमिक न्याय में मनरेगा के तहत कम से कम 400 रुपये दिए जाएंगे.
हिस्सेदारी न्याय के तहत जाति जनगणना की जाएगी, इसके अलावा कंस्यूटिटूशनल जस्टिस और आर्थिक न्याय को सुनिश्चित किया जाएगा.
PMLA कानून में बदलाव का ऐलान किया गया है.
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