2019 के हार के अंतर को कम करने में जुटी कांग्रेस का उलटफेर का भी दावा
भाजपा के चुनावी मुद्दे के केंद्र में पीएम मोदी व विकसित भारत
ज्वलन्त स्थानीय मुद्दों के बल पर कांग्रेस की गोलाबारी जारी
अविकल थपलियाल
देहरादून। चुनावी मुद्दों की रणनीति में बदलाव की नयी तस्वीर सामने आ रही है। उत्तराखंड के लोकसभा चुनाव में भाजपा व कांग्रेस अपने-अपने मुद्दों को लेकर जंग के आखिरी दौर में कूद पड़ी है। जहां एक ओर, कांग्रेस अपने स्थानीय व राज्यव्यापी मुद्दों को लेकर आक्रामक तेवर में दिख रही है। वहीं 10 साल से केंद्र और सात साल से प्रदेश की कुर्सी पर काबिज भाजपा ने अपनी उपलब्धियों को गिनाने के अलावा 2047 तक विकसित भारत व मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने की बात को जोर शोर से उठाना शुरू कर दिया है।
पार्टी प्रत्याशी व बड़े नेता अपने भाषणों में जनता से प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने की अपील के साथ 2047 तक विकसित भारत बनाने की बात मतदाताओं को समझा रहे हैं। भाजपा के रणनीतिकार भी समझ रहे हैं कि सिर्फ मोदी के नाम के जाप से ही पांचों सीटों को एक बार फिर जीतने का सुनहरा मौका है। 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव के अलावा 2017 व 2022 के विधानसभा चुनाव में नमो नमो का ही अहम योगदान रहा।
इन चुनावों में जनता के सड़क पर उतरने और प्रत्याशियों के खुले विरोध से यह भी साफ हो गया कि मौजूदा सांसदों के कार्यकाल से माहौल में नाराजगी है। टिहरी की भाजपा प्रत्याशी माला राजलक्ष्मी में प्रबल विरोध की झांकी भी मतदाता देख चुका है। पौड़ी लोकसभा के यमकेश्वर व सीमान्त चमोली की जनता भी विकास कार्य नहीं होने से सड़क पर विरोध प्रदर्शन व चुनाव बहिष्कार पर उतारू हैं। राज्यसभा सदस्य व पौड़ी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे अनिल बलूनी भी यमकेश्वर इलाके में प्रदर्शनकारियों के विरोध की झलक देख चुके हैं।
सांसदों के अलावा धामी सरकार के मंत्रियों और विधायक भी सत्ता विरोधी रुझान की चपेट में हैं। मंत्री गणेश जोशी भी इस विरोध का सामना कर चुके हैं। यही कारण है कि आखिरी के सात दिन भाजपा ने मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने व विकसित भारत के नारे को जनता के सामने रखने का सिलसिला तेज कर दिया है।
चुनाव प्रचार अंतिम दौर में प्रवेश कर चुका है। पीएम मोदी दो चुनावी रैली को सम्बोधित कर चुके हैं। स्मृति ईरानी, जनरल वीके सिंह,राजनाथ सिंह जनसभाओं में जुटे हैं। सीएम योगी व गृह मंत्री अमित शाह का जनता को इंतजार है। कांग्रेस की।ओर से राहुल व प्रियंका के अलावा कुछ अन्य स्टार प्रचारक भी भाजपा पर प्रहार करेंगे।
इस बीच, शुरुआती दौर में भाजपा की आसान जीत का दावा करने वाले राजनीतिक पंडित टिहरी,पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल-उधमसिंहनगर व अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ में मुकाबले को रोचक बता रहे हैँ। टिहरी में उम्मीदवार बॉबी पंवार के युवा जोशीले साथियों ने और पौड़ी में कांग्रेस के गणेश गोदियाल के गढ़वाली में किये जा रहे प्रहार ने नीरस चुनाव में रस घोल दिया है।
हालांकि,मतदान में अभी एक सप्ताह बाकी है लेकिन भाजपा की 2019 की तरह बड़े मार्जिन की जीत के आसार थोड़ा कम हो गए हैं। भाजपा की बंपर जीत पर रोड़ा बन रहे विपक्षी प्रत्याशी उलट फेर का खुला दावा भी करने लगे हैं।
भाजपा के मुद्दे
धारा 370, CAA, समान नागरिक संहिता, फ्री राशन, आतंकवाद, आयुष्मान योजना, किसान सम्मान निधि, अतिक्रमण पर वार, भ्र्ष्टाचार, वन रैंक वन पेंशन, रेल-सड़क परियोजना, मानस खंड परियोजना व विभिन्न विकास योजनाएं, आदि
विपक्ष के मुद्दे
सड़क,स्वास्थ्य,बिजली, पानी के अलावा रोजगार, बेरोजगारी, अंकिता हत्याकांड, अग्निवीर, जोशीमठ आपदा, पैराशूट, ओल्ड पेंशन बहाली, भू कानून,मूलनिवास,स्थायी निवास, लोकायुक्त, सत्ता विरोधी रुझान, इलेक्ट्रोल बांड, जनप्रतिनिधियों से नाराजगी व भृष्टाचार।
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