-स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ.विजय धस्माना ने अत्याधुनिक मशीन का किया शुभारंभ, जनस्वास्थ्य को समर्पित
-हैल्सियॉन बी लीनियर एक्सेलेरेटर रेडिएशन तकनीक की मदद से मरीजों को नहीं करना होगा लंबा इंतजार
-हिमालयन अस्पताल ‘हैल्सियॉन’ अत्याधुनिक मशीन स्थापित करने वाला उत्तराखंड का पहला व एकमात्र प्राइवेट टीचिंग अस्पताल
अविकल उत्तराखंड
डोईवाला। हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट के कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट (सीआरआई) में हैल्सियॉन बी लीनियर एक्सेलेरेटर रेडियोथैरेपी मशीन स्थापित की गई है। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के अध्यक्ष डॉ.विजय धस्माना ने मशीन का औपचारिक उद्घाटन कर जनस्वास्थ्य को समर्पित किया।
कई घातक बिमारियों के साथ भारत में कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। मरीजों की मांग को देखते हुए हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में अत्याधुनिक हैल्सियॉन बी लीनियर एक्सेलेरेटर रेडियोथैरेपी मशीन ने काम करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही हिमालयन अस्पताल ‘हैल्सियॉन’ अत्याधुनिक मशीन स्थापित करने वाला उत्तराखंड का पहला व एकमात्र प्राइवेट टीचिंग अस्पताल बन गया है।
औपचारिक शुभारंभ करते हुए एसआरएचयू जौलीग्रांट के अध्यक्ष डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि हालाँकि कैंसर के आँकड़े चिंताजनक हैं, लेकिन वर्तमान में कैंसर का इलाज लगातार जारी है, तकनीक में प्रगति के माध्यम से अब हम कम दुष्प्रभावों के साथ कैंसर कोशिकाओं को बेहतर तरीके से ख़त्म करने में सक्षम हैं। हिमालयन अस्पताल में स्थापित यह मशीन मरीजों के लिए वरदान साबित होगी।
कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट जौलीग्रांट के निदेशक डॉ.सुनील सैनी ने कहा कि अस्पताल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग ने मरीजों को सुरक्षित और प्रभावी रेडियोथेरेपी देने के लिए इस मशीन का उपयोग शुरू कर दिया है।
रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ.विपुल नौटियाल ने कहा कि कैंसर के रोगियों को उपचार के लिए अब उत्तराखंड से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। हैल्सियॉन जैसी अत्याधुनिक मशीन से कैंसर उपचार की सुविधा हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में मौजूद है।
इस दौरान कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ.सुनील सैनी, डॉ.मुश्ताक अहमद, चिकित्सा अधीक्षक डॉ.राजेश माहेश्वरी, डॉ.हेमचंद्र जोशी, डॉ.रेनू धस्माना, डॉ.विपुल नौटियाल, डॉ.विनय कुमार, डॉ.मानसी बड़थ्वाल आदि मौजूद रहे।
ऐसे काम करती है ‘हैल्सियॉन’ मशीन
कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ.सुनील सैनी ने बताया की अत्याधुनिक हैल्सियॉन मशीन तीव्र ऊर्जा के कण या किरणें उत्पन्न करती है, जो मरीज के शरीर के भीतर सटीक स्थान पर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट या क्षतिग्रस्त करने के लिए फोकस्ड बीम प्रदान करती है। मशीन पर प्रत्येक सेशन करीब 2-3 मिनट तक चलता है, जिससे अधिकांश मरीजों को उपचार के लिए अस्पताल में नहीं रहना पड़ता है।
हैल्सियॉन मशीन होगी रोगियों के लिए ‘वरदान’ साबित
-उत्तराखंड व अन्य राज्यों से आने वाले रोगियों को भी मिलेगा स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा।
-उपचार में समय कम लगेगा, इससे मरीजों की वेटिंग लिस्ट कम होगी।
-समय कम लगने से मरीज थैरेपी के बाद घर जा सकते हैं, इससे रोगियों के खर्चे में कमी आएगी।
-यह मशीन रेडिएशन के साइड इफेक्ट को कम करता है।
-रोगी के ट्यूमर के उपचार के हिसाब से कार्य करता है
-व्यक्तिगत रोगी के आधार पर उपचार से बेहतर परिणाम मिलते हैं और दुष्प्रभाव भी कम होते हैं।
देश के चुनिंदा अस्पतालों में है हैल्सियन मशीन
रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ.विपुल नौटियाल ने कहा कि देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही हैल्सियन मशीन से कैंसर रोगियों का उपचार किया जा रहा है। अब तक यह सुविधा दिल्ली, चंडीगढ़ जैसे महानगरों के बड़े अस्पतालों तक ही सीमित थी और अब यह जौलीग्रांट में हिमालयन अस्पताल के कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट में मौजूद है।
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