चेतावनी- तीर्थ पुरोहितों, पंडा समाज और स्थानीय लोगों की अनदेखी पड़ेगी भारी

चार धाम प्राधिकरण के गठन से पहले रायशुमारी की जाय

‘क्राउड मैनेजमेंट पर फोकस करे अधिकारी’

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। चार धाम यात्रा के संचालन के लिए प्राधिकरण बनाए जाने की सरकार की योजना पर उत्तराखण्ड तीर्थ पुरोहित महा पंचायत ने कहा कि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा के लिए धामों में बुनियादी सुविधाओं के साथ ही क्राउड मैनेजमेंट पर भी ठोस नीति बननी चाहिए। महा पंचायत ने स्पष्ट किया कि प्राधिकरण के उद्देश्यों को समझे बिना किसी भी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दीबाजी हाेगी। महापंचायत ने कहा कि प्राधिकरण गठन में तीर्थ पुरोहितों, पंडा समाज और स्थानीय लोगों की अनदेखी भारी पड़ेगी। महापंचायत ने बदरी नाथ और केदारनाथ मंदिरों के प्रबंधन और संचालन के लिए विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

प्रेस को जारी संयुक्त बयान में उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महा पंचायत के महा पंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल और महासचिव डॉ बृजेश सती ने कहा जनसंचार माध्यमों से उन्हें पता चला है कि राज्य सरकार चार धाम यात्रा के लिए प्राधिकरण गठन कर रही है । उन्होंने कहा चार धाम आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिलनी चाहिए। इसके अलावा मंदिरों का बदरीनाथ और केदारनाथ के मंदिरों का उचित प्रबंध किया जाना जरूरी है। यात्रियों की संख्या नियंत्रण के साथ ही चारों धाम में बुनियादी सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

महा पंचायत पदाधिकारियों ने संयुक्त बयान में कहा कि सरकार को चारों धामों से जुड़े तीर्थ पुरोहितों, हक हकूकधारियों , के साथ ही स्थानीय लोगों से भी प्राधिकरण के उद्देश्यों पर विमर्श करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो इसकी परणिति भी देवस्थानम की तरह होगी। कहा सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों की तुलना में स्थानीय स्तर पर ट्रस्टों द्वारा संचालित मंदिरों का प्रबंधन एवं संचालन बेहतर है। इसकी भी समीक्षा की जानी चाहिए।

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