मोदी सरकार ने कैलाश मानसरोवर यात्रा छीन कर व्यापार प्रभावित किया -हरीश रावत

‘मैं मरना पसंद करूँगा अगर आदि कैलाश क्षेत्र के बाशिंदे अपनी जमीन किसी गैर को बेचेंगे – हरीश रावत

‘जहां-जहां भाजपा की नजर पड़ी है वहां-वहां की जमीनें बिकी’

हमारे पास भी एक धामी है जिसने धमक के साथ विकास कार्य करवाए -हरीश

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत ने मानसरोवर यात्रा, आदि कैलाश व पार्वती कुंड का उल्लेख करते हुए चौदास – ब्यास की जमीनों की संभावित बिक्री के खतरे से आगाह किया। सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट पर पूर्व सीएम ने कहा कि मोदी व धामी के ध्यान लगाने से आदि कैलाश परंपरागत यात्रा को बढ़ावा मिला है। लेकिन इस भू भाग से गुजरने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा छीनने से इस इलाके का पड़ोसी देशों के साथ व्यापार प्रभावित हुआ है।

पूर्व सीएम ने इंदिरा गांधी के समय फिर से शुरू हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा में डॉ सुब्रमण्यम स्वामी के साथ यात्रा से जुड़े पार्वती कुंड व मानसरोवर के पवित्र जल के आचमन को भी याद किया।

पूर्व सीएम हरीश रावत की आदि कैलाश, मानसरोवर यात्रा व पार्वती कुंड पर की गयी हूबहू पोस्ट

पहले आदरणीय Narendra Modi जी ने #आदिकैलाश क्षेत्र में #पार्वतीकुंड के पास ध्यान लगाया, अब उनका अनुसरण करते माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड ने भी ध्यान लगाया। निश्चय ही उनके इस कार्य के प्रचार-प्रसार से आदि कैलाश परंपरागत यात्रा को बढ़ावा मिला है, मगर इस ध्यान में प्रायश्चित का भी समावेश होना चाहिए उत्तराखंड की गौरव अंतर्राष्ट्रीय तीर्थयात्रा #कैलाश_मानसरोवर इसी भू-भाग से होकर गुजरती थी, हमने प्रयास किया था कि #यूनेस्को भी उसकी प्राचीनता को और उसकी महत्व को देखते हुए उसको मान्यता प्रदान करेगी।

धन्य है मोदी सरकार आपने हमसे हमारा गौरव कैलाश मानसरोवर यात्रा छीन ली उसका दुष्प्रभाव जो तकलाकोट, सांगरू क्षेत्र से चीन के साथ हमारा व्यापार था वो भी कु-प्रभावित हुआ है। हमने वर्ष 2015-16 में गूंजी, कुटी, गर्बयांग, नपलच्यू इस सारे क्षेत्र में सांस्कृतिक होम स्टे प्रारंभ किया था। यहां की भवन शैली को प्रोत्साहन देने की नीति संस्कृति विभाग से बनवाई थी, आपने इस नीति को भी तिलांजलि दे दी है।

ये क्षेत्र केवल पर्यटन के क्षेत्र नहीं है हमारी सांस्कृतिक धरोहर के क्षेत्र भी है, अभूतपूर्व है हमारी चौदास – ब्यास की रंग संस्कृति. मैं सावधान भी करना चाहता हूं स्थानीय लोगों को जहां-जहां भाजपा की नजर पड़ी है वहां-वहां की जमीनें बिकी है। मैं मरना पसंद करूंगा इस समाचार को सुनने के बजाए की सियालेख क्षेत्र में, चांगरू क्षेत्र में, गर्बयान क्षेत्र में,आदि कैलाश क्षेत्र में, नपलच्यु में किसी ने अपनी जमीन किसी गैर को बेच दी है।

हमारे पास भी एक #धामी है जिसने अपनी पूरी धमक के साथ विकास के काम करवाए है Harish Dhami ! मैं उनको सुझाव देना चाहता हूं, उनके सहयोगियों को भी कि वो भी कैलाश मानसरोवर यात्रा कहां खो गई है उसके लिए ध्यान लगाने के लिए इस क्षेत्र में ध्यान लगाकर मुख्यमंत्री को बाध्य करे, राज्य सरकार ने इस गौरव यात्रा को पूरे तरीके से विस्मृत (भुला ) दिया है।

ये #इंदिरागांधी जी की सौगात थी मुझे और डॉक्टर #सुब्रमण्यमस्वामी जी को जब पुनः प्रारंभ हुई थी ये यात्रा तो पहले जत्थे के साथ #कैलाश_मानसरोवर की परिक्रमा करने और गुडला मानदाता सहित कैलाश की मानसरोवर में अद्भुत छवि को देखने का सौभाग्य मिला था। मानसरोवर का अति शुद्ध शक्ति वर्द्धक पवित्र पानी भी पिया था, मां पार्वती कुंड के जल के छींटे भी अपने शरीर में डाले थे।

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