जिला बदर अधिवक्ता के समर्थन में उतरा उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक व अर्द्धसैनिक संगठन

पूर्व आईएएस एसएस पांगती ने कहा, विकेश नेगी पर गुंडा एक्ट व जिला बदर की कार्रवाई निरस्त करे सरकार

अविकल उत्तराखंड

नई टिहरी। उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक अर्द्धसैनिक संयुक्त संगठन ने आरटीआई एक्टिविस्ट व अधिवक्ता विकेश नेगी को जिलाबदर करने के आदेश को निरस्त करने की मांग की है।

रविवार को पूर्व आईएएस एस एस पांगती की अध्यक्षता में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि अधिवक्ता विकेश नेगी ने मंत्रियों, विधायकों महापौर, पार्षद आदि के भ्रष्टाचार को उजागर किया है। ऐसे में आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी पर गुंडा एक्ट लगाकर जिला बदर करना तानाशाही है।

बैठक में वक्ताओं ने कि लोक सूचना अधिनियम के सक्रिय कार्यकर्ता, इन लोक सेवको को अपने दायित्व निभाने में, हिवसल ब्लोवर (whistle blower) के रूप में सहायता करते हैं, और यहीं अधिनियम की मंशा भी है।

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि जिलाबदर किये जाने की कार्यवाही किसी अपराधी के विरुद्ध ही की जा सकती है। और लोक सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्रश्न पूछना कोई अपराध नही है।

वक्ताओं ने कहा कि यदि किसी चिन्हित अपराधी से अपराध करने या गवाहो को प्रभावित करने की आशंका होती है तब ही उसे जिलाबदर किया जाता है।

देश की विधायिका द्वारा कानून (लोक सूचना, अधिकार अधिनियम) बनाया गया जिसके तहत हर नागरिक को प्रश्न पूछने का अधिकार प्रदत्त किया गया है। किसी भी नागरिक के इस अधिकार को संयमित (restrain) करना, संविधान के अधीन, नागरिक के मौलिक अधिकार (fundamental right) के हनन के दायरे में आता है।

उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक अर्द्धसैनिक संयुक्त संगठन ने सरकार से विकेश नेगी पर गुंडा एक्ट हटाने व जिला बदर की कार्रवाई निरस्त करने की मांग की है।

बैठक में मौजूद जिला बदर आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी ने कई मामलों के पर्दाफाश का उल्लेख किया।

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