और अब पूर्व सीएम त्रिवेंद्र मिले पीएम मोदी से

मुलाकातों की फुहार से सत्ता के गलियारे सराबोर

मोदी- त्रिवेंद्र भेंट के बाद सीएम भी पहुंचे दिल्ली

आपदा, कैबिनेट फेरबदल, निकाय – केदारनाथ उपचुनाव व गैरसैंण विधानसभा सत्र की चुनौती

अविकल थपलियाल

देहरादून/नई दिल्ली। बरसात के मौसम में दिल्ली में जारी मेल मुलाकातों की फुहारों से कोना कोना सराबोर हो गया। इस बार चर्चा के केंद्र में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत हैं। दो दिन पहले पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत के बाद गुरुवार को पूर्व सीएम व हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत की पीएम मोदी से मुलाकात की। दूसरी ओर, सीएम पुष्कर सिंह धामी भी ऊर्जा प्रोजेक्ट को लेकर जल संसाधन मंत्रालय की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंच गए।

सुबह 11 बजे हुई भेंट में पीएम मोदी ने पूर्व सीएम से प्रदेश की आपदा व अन्य विकास योजनाओं के बाबत विमर्श किया।सांसद त्रिवेंद्र ने पीएम को पिरूल से बनी वस्तु भेंट की। सूत्रों का कहना है पीएम मोदी ने सांसद त्रिवेंद्र से राजनीतिक चर्चाओं के अलावा केदारनाथ उपचुनाव के संभावित प्रत्याशी के बाबत भी मन टटोला।

दून में सीएम धामी से मिले लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी

गौरतलब है कि 2021 के मार्च महीने में त्रिवेंद्र सिंह रावत को अचानक सीएम की कुर्सी से हटाकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बना दिया गया था। इसके बाद भाजपा नेतृत्व ने त्रिवेंद्र से 2022 के विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का पत्र भी लिखवा लिया गया था। और वे 2022 का चुनाव नहीं लड़ पाए। यही नहीँ, राज्यसभा में त्रिवेंद्र को न भेजकर कल्पना सैनी को उम्मीदवार बनाया गया। बाद में महेंद्र भट्ट को भी राज्यसभा भेज दिया गया।

तीन साल तक राजनीतिक वनवास में रहने के बाद पार्टी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की सुध लेते हुए हरिद्वार लोकसभा से चुनाव लड़वाया। हरिद्वार से चुनाव जीतने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को संजीवनी मिली। सांसद बनने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार की मुलाकात में पीएम मोदी को राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर फीडबैक दिया।

इन दिनों, उत्तराखण्ड के प्रमुख नेताओं का पीएम मोदी समेत अन्य प्रमुख नेताओं से मिलने का सिलसिला जारी है। जुलाई के अन्तिम सप्ताह में कैबिनट मंत्री धन सिंह रावत की पीएम मोदी से मुलाकात के बाद भाजपा की राजनीति में कई चर्चाओं ने जन्म ले लिया था।

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व गणेश जोशी भी गृह मंत्री अमित शाह से मिल चुके हैं। इसके अलावा राजसभा सदस्य नरेश बंसल भी पीएम मोदी से मुलाकात कर चुके है।

मौजूदा समय में उत्तराखण्ड में आपदा के साया मंडरा रहा है। प्रदेश में निकाय व केदारनाथ उपचुनाव को लेकर भी सरगर्मी जारी है। बदरीनाथ हारने के बाद (थोपे प्रत्याशी प्रमुख कारण) पार्टी नेतृत्व केदारनाथ में भाजपा मूल के उम्मीदवार को उतारने के मूड में है। इसके लिए भी हाईकमान वरिष्ठ नेताओं से सलाह मशविरा कर रहा है।

चूंकि, कुछ दिन पूर्व तीरथ सिंह रावत ने देहरादून में थोपे व बाहरी प्रत्याशियों को लेकर जमकर भड़ास निकाली थी। और पार्टी नेतृत्व को सम्भावित खतरे से आगाह कराया था। तीरथ सिंह रावत का खुला इशारा करतार सिंह भड़ाना व कांग्रेस से आये राजेन्द्र भण्डारी की ओर था।

तीरथ सिंह रावत की सार्वजनिक दो टूक के बाद भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश के नेताओं से सरकार व विपक्ष के गुण दोषों समेत विभिन्न मुद्दों पर राय ले रहा है। नेताओं की राय के बाद एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। मौजूदा समय में प्रदेश सरकार के सामने विकट आपदा के अलावा कैबिनेट फेरबदल, निकाय – केदारनाथ उपचुनाव व गैरसैंण विधानसभा सत्र की चुनौतियां खड़ी है।

इसी सिलसिले में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की पीएम मोदी से मुलाकात को राजनीतिक गलियारे में अहम माना जा रहा है।उधर, सीएम धामी भी गुरुवार को दिल्ली पहुंच गए। बरसात में हो रही मुलाकातों की फुहार ने सत्ता के गलियारों को भी अपने आगोश में ले लिया है।

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